एनडीए के तीन बैचमेट संभाल रहे देश की सेनाओं की कमान, 29 साल बाद फिर बना शानदार संयोग,
राष्ट्रिय रक्षा अकादमी में एक साथ दाखिला लेने वाले तीनों दोस्त आज देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख हैं। वर्तमान थल सेना अध्यक्ष, वायुसेना प्रमुख और नौसेना अध्यक्ष तीनों से 1976 में एक साथ एनडीए में दाखिल हुए थे।
तीन दोस्त, तीनों के पिता ही एयरफोर्स में रहे, तीनों एक ही कोर्स में बैचमेट रहे और 44 साल बाद तीनों ही अलग-अलग सेनाओं के प्रमुख, यह कोई फिल्मी स्टोरी नहीं है, बल्कि भारत की तीनों सेना प्रमुखों की असली कहानी है। इस समय देश की तीनों सेनाओं की कमान संभाल रहे प्रमुखों में दो खास कनेक्शन हैं।
थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, तीनों ही पुराने दोस्त और बैचमेट रहे हैं। तीनों ही एनडीए के 56वें कोर्स में एक साथ पढ़े हैं। इसके अलावा तीनों के पिता ही भारतीय वायुसेना के सदस्य रह चुके हैं।
तीन दोस्तों के लिए इससे अच्छा अनुभव क्या होगा, जब तीनों एक साथ देश की सेनाओं के प्रमुख बने हों। तीनों ने साल 1976 में एनडीए ज्वॉइन की थी। उस समय तीनों की उम्र 17 थी। एनडीए के 56वें कोर्स में पढ़ाई के दौरान जनरल नरवणे और एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया 'लीमा' स्क्वॉड्रन में थे, वहीं एडमिरल करमबीर सिंह 'हंटर' स्क्वॉड्रन का हिस्सा थे।
इसे लेकर भारतीय वायुसेना ने तीनों प्रमुखों की फोटो पोस्ट करते हुए युवाओं से वायुसेना ज्वॉइन करने का अपील की।
स्कूल के दोस्त हैं जनरल नरवणे और एडमिरल करमबीर सिंह
तीनों एक ही कोर्स में बैचमेट तो थे ही, इसके अलावा थल सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह तो स्कूल टाइम के दोस्त रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, एडमिरल करमबीर सिंह और जनरल नरवणे केवल एनडीए में ही नहीं बल्कि स्कूल में भी दोस्त रहे हैं क्योंकि दोनों ने एक ही स्कूल में पढ़ाई की थी।
29 साल में दूसरी बार ऐसा शानदार संयोग
यह एक शानदार संयोग है। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब तीन बैचमेट देश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष बने हों। इससे 29 साल पहले साल 1991 में भी तीन बैचमेट सेनाओं के प्रमुख बने थे। उस समय थल सेना प्रमुख सुनित फ्रांसिस रोड्रिग्स, नौसेना अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण रामदास थे, वहीं वायुसेना की कमाल संभाल रहे थे एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद सूरी।
मालूम हो, एडमिरल करमबीर सिंह ने इसी साल 31 मई को 24वें प्रमुख के तौर पर नौसेना की कमान संभाली थी। आर. के. एस. भदौरिया 30 सितंबर को 26वें वायुसेना प्रमुख बने थे और हाल ही में 31 दिसंबर को एम. एम. नरवणे ने 28वें थलसेना प्रमुख के तौर पर पदभार ग्रहण किया है। पिछले 7 महीनों में देश की तीनों सेनाओं को नया चीफ मिलने के साथ-साथ नए साल में देश को पहला सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी मिला। जनरल बिपिन रात देश के पहले सीडीएस बने हैं।
इससे पहले वह थल सेना प्रमुख थे। उन पर तीनों सेनाओं में सामंजस्य बनाए रखने के साथ-साथ डिफेंस के मामलों में पीएम को सलाह देने की जिम्मेदार होगी। बुधवार को पदभार ग्रहण करते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि CDS का काम तीनों सेनाओं को एक साथ रखना होगा और हम इसी ओर आगे बढ़ेंगे। अब आगे की कार्रवाई एक टीम वर्क की तरह होगी जिसमें सीडीएस सिर्फ सहयोग करेगा। हम 1+1+1 को जोड़ 3 नहीं बल्कि 5 या 7 बनाएंगे। साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में ऐसा दिखता है सीडीएस का ऑफिस...