इस सर्दी में फ्लू से बचने और बेहतर तरीके से निपटने के नुस्खे
विशेषज्ञों ने सतर्क किया है कि इस सीज़न में काफी लोग फ्लू से प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि दुनिया भर में ‘रोग-प्रतिरोधक क्षमता की कमी’ की स्थिति चिंताजनक है.
जैसे ही ठंड के मौसम की शुरूआत होती है, फ्लू का मौसम भी शुरू हो जाता है, जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वातावरण में मानसून के महीनों के दौरान चरम पर होता है.
विशेषज्ञों ने सतर्क किया है कि इस सीज़न में काफी लोग फ्लू से प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि दुनिया भर में ‘रोग-प्रतिरोधक क्षमता की कमी’ की स्थिति चिंताजनक है. यह सामान्य वायरस के संपर्क में आने की कमी की वजह से है, क्योंकि पिछले दो साल से लोग मास्क पहन रहे थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. तस्लीम अली और सहयोगियों (2022) द्वारा किए गए अनुसंधान के अनुसार, अब महामारी संबंधी प्रतिंबधों में ढ़ील दिए जाने के साथ इन्फ्लुएंज़ा संक्रमण के चपेट में आने की संभावना में 10 से 60 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.
इस वजह से मौजूदा 2022-23 फ्लू सीज़न में संक्रमण में एक से चार गुना बढ़ोतरी हो सकती है. भारत में साल 2022 में महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पंजाब और कई अन्य जगहों से एकत्रित किये गए आँकड़े पहले से ही दर्शा रहे हैं कि इन मामलों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.
एबॉट इंडिया (Abbott India) के मेडिकल अफेयर्स डायरेक्टर, डॉ. जेजो करणकुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इन्फ्लूएंज़ा एक ऐसा रोग है जिसे टीके के ज़रिए रोका जा सकता है, और ऐसे कई उपाय हैं जिसे अपना कर लोग स्वयं की और उनके परिवारों की इससे जुड़ी स्वास्थ्य-जटिलताओं से रक्षा कर सकते हैं. संपूर्ण आबादी में यह केवल बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि जोखिम वाले सभी वयस्कों के लिए भी महत्वपूर्ण है कि इन्फ्लुएंज़ा के खिलाफ सुरक्षा कवच का विस्तार किया जाए.”
फ्लू से बचाव के लिए आप ये 3 उपाय कर सकते हैं :
- खुद का और अपने परिवार का संपूर्ण रूप से टीकाकरण कराएं – बच्चों के लिए तय टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करें और वयस्कों के लिए फ्लू हेतु वार्षिक टीका लगवाएं. टीका लगवाना महत्वपूर्ण है क्योंकि फ्लू के विभिन्न प्रकार विकसित होते रहते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पहचान किए गए नवीनतम नस्ल (स्ट्रेन) के अनुसार फ्लू के लिए टीके तैयार किए जाते हैं.
- नियमित रूप से साबुन और पानी या अल्कोहोल आधारित सैनिटाइज़र से अपने हाथ धोएँ. अपनी आँखें, नाक, या मुँह को स्पर्श करने से बचें, और बार बार स्पर्श की जाने वाली वस्तुओं को डिसइन्फेक्ट यानी कीटाणुरहित करें.
- ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ करीबी संपर्क में आने से बचें जो बीमार है, कमरों में ताजा हवा आने का प्रबंध करें और भीड़-भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों में मास्क पहनें.
इन उपायों से आपको फ्लू का संक्रमण होने की संभावना कम करने में सहायता मिल सकती है. इसके बावजूद, फ्लू के किसी भी लक्षण पर ध्यान दें – जैसे कि बुखार, ठंड लगना, खाँसी, बहती/भरी हुई नाक, बदन दर्द, और अन्य.
लेडीज ऐंड चाइल्ड क्लिनिक (Ladies & Child Clinic), दिल्ली के परामर्शी बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. पंकज गर्ग ने कहा, “दिल्ली में हमने फ्लू के मामलों में पाँच-गुना बढ़ोतरी देखी है. इस बढ़ोतरी से निपटने के लिए, ज़्यादा लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार फ्लू अलग अलग समूहों को प्रभावित कर सकता है और क्यों इसके खिलाफ बचाव महत्वपूर्ण है. संपूर्ण जनसंख्या में ज़्यादा लोगों द्वारा टीका लगवाने में सहायता करने और रक्षात्मक उपाय करने से ज़्यादा लोगों को फ्लू से सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके साथ ही विश्राम और अच्छे पोषण के साथ लक्षणों का उपचार करने जैसे महत्वपूर्ण उपायों से इससे निपटा जा सकता है.”
यदि आपको फ्लू हो जाता है, तो इस सर्दी में इससे निपटने के लिए यहाँ 4 आसान तरीके दिए गए हैं:
- घर में रहें और आराम करें – विशेष रूप से फ्लू के पहले कुछ दिनों के दौरान आपको दौड़-भाग नहीं करनी चाहिए और विश्राम करना चाहिए. क्योंकि इन दिनों ठंड ज़्यादा होती है और बिस्तर से उठना कठिन हो जाता है, आप इसका लाभ उठाते हुए कंबल लपेटकर अच्छी नींद ले सकते हैं, पढ़ सकते हैं या टेलिविज़न देख सकते हैं, जब तक कि आप ठीक न हो जाएं और शरीर में ऊर्जा वापस न आ जाए.
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें – ठंड में राहत देने वाले रस आधारित सूप (जैसे कि चिकन नूडल सूप) और बिना कैफीन वाली गरम हर्बल चाय (जैसे कि अदरक और कैमोमिली) फ्लू से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके साथ ही अपने लक्षणों को ठीक करने में नींबू के साथ गरम पानी, नारियल पानी, या ताज़े फलों के जूस के फायदों को नज़रअंदाज़ न करें.
- अच्छी तरह भोजन करें – जब आप बीमार हों तो आपको भोजन करने की ज़्यादा इच्छा नहीं होती, लेकिन अच्छा पोषण बहुत महत्वपूर्ण है. अच्छी मात्रा में मौसमी फलों का सेवन करें, जैसे कि संतरा, अनार, स्ट्रॉबेरी और अन्य. इसके साथ ही सर्दियों में मिलने वाली सब्ज़ियाँ, जैसे कि पालक और शकरकंद भी खाएं. काली मिर्च, अदरक और हल्दी के साथ तीखे खाद्य पदार्थ प्रदाह (इन्फ्लामेशन) कम करते हैं और संकुलन (कंजेशन) से मुकाबला करते हैं.
- स्टीम (भाप) – विशेष रूप से यदि आपकी नाक भरी हो तो आपके नासिका मार्ग को साफ करने के लिए गरम पानी से शॉवर लें या साँस के ज़रिए भाप भीतर लें. इससे आपको गरमाहट बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी.
इन उपायों के अलावा यदि आपके लक्षण बिगड़ रहे हों तो अपने डॉक्टर से सलाह लें, ताकि आपके लिए आवश्यक और उचित देखभाल आपको मिल सके, आप अपनी देखभाल कर सकें और तेजी से स्वस्थ हो सकें.
Edited by रविकांत पारीक