क्या Graham Bell सही मायने में टेलीफोन का आविष्कार करने का दावा कर सकते हैं?
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल, 3 मार्च, 1847 को स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में पैदा हुए, एक आविष्कारक और शिक्षक थे.
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को पूरी दुनिया आमतौर पर टेलीफोन के आविष्कारक के रूप में ही ज्यादा जानती है. ऑप्टिकल-फाइबर सिस्टम, फोटोफोन, मेटल-डिटेक्टर का आविष्कार भी बेल ने ही किया है.
स्कॉटलैंड में जन्मे बेल के पिता भाषण प्रशिक्षण के प्रसिद्ध शिक्षक थे. बहरे लोगों की मदद के लिए उनके पिता एक ऐसी प्रणाली विकसित करने की प्रक्रिया में थे जो भाषा ध्वनियों को लिखने में उपयोगी हो.
बेल की माता गृहणी थी, जो सुन नहीं सकती थी. वे एक बहुत अच्छी पियानोवादक और पेंटर भी थीं. पिता की इस विषय में रूचि और मां के सुनने में असमर्थता बेल को भी ध्वनि विज्ञान की तरफ ले गई.
बेल ने स्कूल में ज्यादा शिक्षा ग्रहण नहीं की थी. स्कूलिंग के लिए वे एडिन्बर्ग रॉयल हाई स्कूल गए जिसे उन्होंने 15 साल की उम्र में छोड़ दिया था. कॉलेज की पढ़ाई पहले यूनिवर्सिटी ऑफ एडिन्बर्ग, फिर यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से की.
लंदन में रहते हुए शरीर रचना विज्ञान के बारे में अपनी समझ विकसित की.
बेल के दोनों भाइयों की टी.बी. से मृत्यु के बाद, 1870 में परिवार कनाडा शिफ्ट हो गया. अपने पिता के स्पीच पर काम को बढ़ाते हुए, बेल 1871 में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और बोस्टन में बधिर छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया. दो साल बाद, उन्हें बोस्टन विश्वविद्यालय में वोकल फिजियोलॉजी और एलोक्यूशन के प्रोफेसर नियुक्त किया गया.
बेल ने ध्वनि तरंगों के उतार-चढ़ाव वाले विद्युत प्रवाह का अध्ययन करते हुए उसको सर्किट के दूसरे छोर पर ध्वनि तरंगों में परिवर्तित किए जाने में सफलता पाई. 1875 तक वह टेलीफोन पर ध्वनि प्रसारित करने में सफल रहे, लेकिन अभी भी वह सुनने योग्य नहीं था. और एक दिन टेलीफोन ट्रांसमीशन के प्रयोग में सफल हुए.
लेकिन क्या बेल सही मायने में टेलीफोन का आविष्कार करने का दावा कर सकते हैं?
14 फरवरी 1876 को बेल के भावी ससुर, गार्डिनर हबर्ड ने ‘इलेक्ट्रिक स्पीकिंग टेलीफोन’ के लिए एक पेटेंट आवेदन दायर किया और अमेरिकी पेटेंट कार्यालय ने 7 मार्च को पेटेंट प्रदान किया.
हबर्ड एक धनी व्यक्ति थे जो बेल के प्रयोगों का आर्थिक रूप से समर्थन करते थे. उनकी बेटी मेबल चार साल की आयु में ही स्कार्लेट ज्वर के कारण बहरेपन का शिकार हो गई थी. बाद में बेल और माबेल की शादी हुई.
उसी दिन हाइलैंड पार्क, इलिनोइस के आविष्कारक एलीशा ग्रे ने उसी कार्यालय में एक टेलीफोन डिवाइस के लिए अपना पेटेंट दायर किया.
बेल को उनके पहले सफल प्रसारण से ठीक तीन दिन पहले 7 मार्च 1876 को पेटेंट प्रदान किया गया था.
इन सारी बातों को लेकर हाल के वर्षों में टेलीफोन के आविष्कारक को लेकर बहस बनी हुई है. बेशक, अलेक्जेंडर ग्राहम बेल टेलीफोन के जनक हैं. आखिरकार यह उनका डिज़ाइन था जिसे सबसे पहले पेटेंट कराया गया था, लेकिन, जानकारों का मत यह भी है कि वह एक बोलने वाले टेलीग्राफ के विचार के साथ आने वाले पहले आविष्कारक नहीं थे.
बहरहाल, व्यापक रूप से अभी भी अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को टेलीफोन के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है. इसके एक साल बाद ही साल 1877 में बेल ने टेलीफोन कम्पनी की स्थापना की और उसी वर्ष एक निजी घर में पहला टेलीफोन स्थापित किया गया था. टेलीफोन की सुविधा में लगातार सुधार के लिए प्रयासरत रहे और साल 1915 में पहली बार टेलीफोन के जरिये हजारो किमी की दूरी से बात की. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस घटना को काफी प्रमुखता देते हुए इसका ब्योरा प्रकाशित किया था.
कुछ वक़्त बाद, बेल ने इस आविष्कार में अपनी रुचि छोड़ दी थी. जिस प्रोजेक्ट को बेल ने खुद अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था, उसे 1880 में उन्होंने ‘फोटोफोन’ का नाम दिया. ‘फोटोफोन’ ने भविष्य में भाषण के प्रसारण और फाइबर-ऑप्टिक संचार प्रणालियों में अनोखा और महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा, उन्होंने अपना जीवन उड़ान से जुड़ी खोज, भेड़ प्रजनन, कृत्रिम श्वास की सहायता के लिए 'वैक्यूम जैकेट' विकसित करने में बिताया. बेल ‘नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी’ के अध्यक्ष भी रहे.
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का 75 वर्ष की आयु में 2 अगस्त 1922 को निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार के दिन अमेरिका और कनाडा में टेलीफोन सिस्टम एक मिनट के लिए खामोश कर दिए गए थे.