तमाम मुश्किलों को पीछे छोड़कर तिरुपुर की इस आदिवासी लड़की ने दसवीं में अर्जित किए 95 प्रतिशत अंक
पुचुकोट्टमपराई आदिवासी बस्ती से आने वाली सी श्रीदेवी ने केरल के चालकुडी के एक स्कूल में पढ़ाई की और केरल सरकार ने उन्हे परीक्षा केंद्र तक छोड़ने के लिए एक विशेष बस की व्यवस्था की।
इस साल मार्च में जब स्कूल बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के बीच में थे, भारत में कोरोना वायरस महामारी तेजी से बढ़ने लगी। नतीजतन, छात्रों के लिए सभी परीक्षाओं को रोकते हुए एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई।
इससे उन छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिन्हें लगातार बदलती परीक्षा की दिनचर्या के साथ रहना पड़ता था। ऐसे कई छात्रों में सी. श्रीदेवी हैं, जिनकी मेहनत और लगन ने उन्हें 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 95 प्रतिशत अंक दिलाए।
तिरुपुर जिले के अनामलाई टाइगर रिज़र्व (ATR) के उदुमलपेट रेंज में पुचुकोट्टमपराई आदिवासी बस्ती से आने वाली श्रीदेवी केरल के चालकुडी के एक स्कूल में पढ़ रही थीं।
श्रीदेवी ने इंडिया टुडे को बताया, “कक्षा 1 से मैंने केरल में अध्ययन किया है और वहाँ के शिक्षकों ने बहुत सहयोग किया है। उनके कारण मैं अपनी कक्षा 10 में पूर्ण ए प्लस प्राप्त करने में सक्षम हुई हूँ।”
आदिवासी समुदाय एक दूरदराज के इलाके में खराब सड़कों, बिना बिजली और लगभग ज़ीरो कनेक्टिविटी के साथ स्थित है। श्रीदेवी उन कुछ लोगों में शामिल थीं जो अपने समुदाय से स्कूल जाती थीं।
श्रीदेवी के पिता श्री चेल्मुथु ने द हिंदू को बताया कि वह अपनी बेटी को तमिलनाडु-केरल सीमा पर छोड़ने के लिए पुच्चुकोट्टमपराई से अपने दोपहिया वाहन पर 80 किमी की यात्रा करते थे, जहाँ से वह केरल सरकार द्वारा आयोजित एक विशेष बस में सवार होकर परीक्षा केंद्र जाती थीं।
जबकि चेलमथु के बड़े बच्चे की शिक्षा कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण कक्षा 6 में प्रभावित हुई, उन्होंने श्रीदेवी के साथ ऐसा नहीं होने दिया।
उनके प्रयासों के चलते एटीआर के उप क्षेत्र निदेशक आरोकराज जेवियर ने श्रीदेवी को केरल एसएसएलसी बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया है।
एटीआर के सहायक वन संरक्षक वी सेलवन ने कहा, "लड़की ने एक लैपटॉप मांगा है, जिसे मिस्टर जेवियर ने उसे जल्द ही उपहार देने का वादा किया है। श्रीदेवी के उच्च अध्ययन के लिए वन विभाग सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।"