टीवी चैनलों को रोज 30 मिनट दिखाना होगा राष्ट्रहित से जुड़ा कंटेंट, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
नए दिशानिर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय "लोक सेवा और राष्ट्रीय हित" से संबंधित सामग्री के प्रसारण के लिए दिया जाना है, जिसके लिए सामग्री के निर्माण के लिए चैनलों को आठ थीम दी गई हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनल के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022 को मंजूरी दे दी है. भारत को प्रमुख अपलिंकिंग केंद्र (हब) के रूप में पेश करने के लिए सरकार ने बुधवार को टेलीविजन चैनलों के अनुपालन के लिए दिशा निर्देशों में रियायतों की घोषणा की और मुख्य रूप से मनोरंजन चैनलों के लिए 30 मिनट का दैनिक जनहित से जुड़ा प्रसारण अनिवार्य कर दिया.
अधिकारियों ने कहा कि नए दिशानिर्देशों के तहत टेलीविजन चैनल के लिए हर दिन 30 मिनट के लिए राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित से जुड़ी सामग्री प्रसारित करना अनिवार्य है. दिशानिर्देश 9 नवंबर से प्रभावी हैं, लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि चैनलों को इस तरह के कंटेंट की रुपरेखा तैयार करने और निर्माण के लिए समय दिया जाएगा.
नए दिशानिर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय "लोक सेवा और राष्ट्रीय हित" से संबंधित सामग्री के प्रसारण के लिए दिया जाना है, जिसके लिए सामग्री के निर्माण के लिए चैनलों को आठ थीम दी गई हैं. सरकार के अनुसार, इस कदम के पीछे तर्क यह है कि एयरवेव सार्वजनिक संपत्ति है और समाज के सर्वोत्तम हित में इसका उपयोग करने की आवश्यकता है.
यह 8 थीमें निम्न हैं...
· शिक्षा और साक्षरता का प्रसार.
· कृषि और ग्रामीण विकास
· स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
· विज्ञान और प्रौद्योगिकी
· महिलाओं का कल्याण
· समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण
· पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
· राष्ट्रीय एकता
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि बॉडकॉस्टर्स और अन्य स्टेहोल्डर्स से बातचीत के बाद ऐसे कार्यक्रमों के प्रसारण का समय और उसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी और उस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसे लागू होने के बाद मंत्रालय ऐसे कार्यक्रमों के लिए चैनलों की निगरानी करेगा और लागू नहीं करने वाले चैनलों से जवाब मांगा जाएगा. हालांकि, कुछ चैनलों को इससे छूट दी जा सकती है जिसका उल्लेख एडवाइजरी में किया जाएगा. वाइल्डलाइफ चैनल, विदेशी चैनल और लाइव कार्यक्रमों के दौरान स्पोर्ट्स चैनलों को इससे छूट दी जा सकती है.
भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल को भारत से अपलिंक की मिलेगी मंजूरी
नए दिशानिर्देशों के लागू होने से भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है. सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पसंदीदा अपलिंकिंग हब है.
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 चैनल में से केवल 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं. संयुक्त सचिव (प्रसारण) संजीव शंकर ने मीडिया को दी गई एक प्रजेंटेशन में कहा, 'कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है, केवल सीधा प्रसारण वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा.'
अब कई चीजों के लिए नहीं लेनी होगी पूर्व मंजूरी
अधिकारियों ने कहा कि नए दिशानिर्देशों के तहत कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण की अनुमति खत्म कर दी गई है. हालांकि, सीधा प्रसारण किए जाने वाले कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण जरूरी होगा.
उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड डेफिनिशन (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके उलट भाषा बदलने या ट्रांसमिशन मोड में बदलाव के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि चैनल को केवल मंत्रालय को किए जाने वाले बदलावों के बारे में सूचित करना होगा.
इस संबंध में दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में उनमें संशोधित किए गए थे. अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 साल बाद इसमें अब संशोधन किया गया है.
कोई कंपनी डीएसएनजी (डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग) के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैग बैक, मोबाइल इत्यादि का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
दिशानिर्देशों के अनुसार एक से अधिक टेलीपोर्ट या उपग्रह की सुविधाओं का उपयोग कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है, हालांकि मौजूदा नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट या उपग्रह के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है.
इस प्राइवेट बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, 4000 करोड़ रुपये की होगी कमाई