Twitter यूजर्स की जासूसी कराना चाहती हैं दुनियाभर की सरकारें! जानें कौन से देश बना रहे सबसे ज्यादा दबाव...
अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कंपनी ने खुलासा किया है कि पिछले साल के आखिरी 6 महीनों में उसके पास स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय सरकारों द्वारा करीब 60 हजार कानूनी अनुरोध आए थे.
दुनियाभर की सरकारें ट्विटर से बड़े पैमाने पर यूजर्स के कंटेंट को हटाने या यूजर के अकाउंट में मौजूद निजी जानकारी की जासूसी करने की मांग कर रही हैं. ट्विटर ने गुरुवार को इसको लेकर चेतावनी दी.
अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कंपनी ने खुलासा किया है कि पिछले साल के आखिरी 6 महीनों में उसके पास स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय सरकारों द्वारा करीब 60 हजार कानूनी अनुरोध आए थे.
इन सरकारों ने ट्विटर को अकाउंट्स से कंटेंट को हटाने या उससे यूजर के डायरेक्ट मैसेजेज या यूजर की लोकेशन जैसी निजी गोपनीय जानकारियों का खुलासा करने की चेतावनी दी है.
गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर ब्रॉडकास्ट किए गए एक कंवर्सेशन में ट्विटर के सेफ्टी एंड इंटीग्रिटी हेड योल रोथ ने कहा कि हम देख रहे हैं कि सरकारें हमारी सेवा का उपयोग करने वाले लोगों को बेनकाब करने के लिए कानूनी रणनीति का उपयोग करने, यूजर ओनर के बारे में जानकारी एकत्र करने और लोगों को चुप कराने की कोशिश करने के तरीके के रूप में कानूनी अनुरोध का भी उपयोग करने के लिए आक्रामक तरीके से कानूनी रास्ते अपना रही हैं.
अमेरिका ने सबसे अधिक 20 फीसदी कानूनी अनुरोध अकाउंट इंफॉर्मेशन के बारे में किए. इसके बाद भारत का नंबर आता है. ट्विटर का कहना है कि उसने लगभग 40 फीसदी यूजर्स अकाउंट की जानकारी के अनुरोधों का पूरी तरह से पालन किया.
अकाउंट इंफॉर्मेशन की लगातार जानकारी मांगने वाला जापान यूजर्स के कंटेंट हटाने की मांग को लेकर ट्विटर को अनुरोध भेजने के मामले में सबसे आगे है.
दुनियाभर की सरकारों द्वारा कंटेंट हटाने के अनुरोध में से आधा अनुरोध जापान ने किया, जिसकी संख्या 23 हजार से भी अधिक है. जापान के बाद रूस इस मामले में आगे है.
इस अवधि में ट्विटर ने यह भी पाया कि उसके प्लेटफॉर्म पर वेरिफाइड पत्रकारों और न्यूज आउटलेट्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सरकारों के अनुरोध में भी बढ़ोतरी हुई है.
पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच दुनियाभर की सरकारों ने 349 वेरिफाइड पत्रकारों और न्यूज आउटलेट्स के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कानूनी अनुरोध किए जो कि 2021 की पहली छमाही की तुलना में 103 फीसदी अधिक थे.
हालांकि, ट्विटर ने इसका कोई डेटा मुहैया नहीं कराया कि कौन से देश ने कितने पत्रकारों की जानकारियां मांगीं. या फिर उसने कितने कितने कानूनी अनुरोधों का पालन किया.
पिछले साल की आखिरी छमाही में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने भी दर्ज किया कि सरकारों द्वारा यूजर्स की निजी डेटा मांगने में बढ़ोतरी हुई है.
भारत सरकार के अनुरोधों को ट्विटर ने कोर्ट में दी है चुनौती
भारत सरकार की ओर से अकाउंट व ट्वीट पर प्रतिबंध के आदेशों में भारी बढ़ोतरी को चुनौती देने वाले ट्विटर कुछ दिन पहले ही कंपनी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि अगर यह सब ऐसे ही चलता रहा तो उसका पूरा बिजनेस बंद हो जाएगा.
सरकार के अनुरोध पर सवाल उठाते हुए ट्विटर ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने यह तक नहीं बताया है कि वह कुछ खास खातों को क्यों ब्लॉक करवाना चाहती है?
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा रोक के संबंध में जारी किए गए 10 अलग-अलग आदेशों के खिलाफ ट्विटर ने हाई कोर्ट का रुख किया है.