उत्तर प्रदेश सरकार ने नई अक्षय ऊर्जा पहल के तहत राज्य में शुरू की रूफटॉप सोलर परियोजना
उत्तर प्रदेश राज्य में सरकारी और अर्ध-सरकारी भवनों और कार्यालयों पर अब सौर ऊर्जा प्रणाली विकसित की जाएगी. यह उत्तर प्रदेश सरकार के नई अक्षय ऊर्जा पहल के तहत किया जाएगा.
ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत सीमित होने और उनके उपयोग से पर्यावरणीय प्रदूषण बढ़ने के दृष्टिगत नवीन ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने और इसके प्रचार–प्रसार को सरकार द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है. इसी के तहत उत्तर प्रदेश रूफटॉप परियोजना का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली और कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है.
नोडल निकाय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एनईडीए) विभाग ने सरकारी भवनों और कार्यालयों के लिए 25-2,000 किलोवाट ग्रिड से जुड़े सौर पीवी परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण और कमीशन के लिए संभावित बोलीदाताओं से ऑनलाइन बोलियां आमंत्रित कर दी हैं. चयनित ठेकेदार 25 वर्षो तक रूफटॉप सौर परियोजनाओं के रखरखाव और संचालन के लिए भी जिम्मेदार होंगे. इस परियोजना में रूफटॉप सोलर पीवी अनिवार्य रूप से छतों पर स्थापित ग्रिड-इंटरैक्टिव सोलर फोटोवोल्टिक पावर सिस्टम को संदर्भित करता है. यह सूर्य के प्रकाश का बिजली में रूपांतरण के लिए फोटो-वोल्टाइक तकनीक का उपयोग करता है. परियोजना को अक्षय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) मॉडल के तहत नेट-बिलिंग/नेट-मीटरिंग आधार पर निष्पादित करने का प्रस्ताव है.
रेस्को मॉडल के तहत बोलीदाताओं का इरादा छत के मालिक (मालिकों) से लीज समझौते सहित पारस्परिक रूप से सहमत नियमों और शर्तो पर किसी अन्य संस्था के स्वामित्व वाली छत लेने का है और सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए छत के मालिक के साथ 25 साल के लिए पीपीए करार करना है. इस तरह के समझौतों के अनुसार, रूफटॉप मालिकों को कोई अग्रिम भुगतान नहीं करना पड़ता है.
Edited by Prerna Bhardwaj