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Budget 2023: EPF विदड्रॉअल पर TDS के बदले नियम, जानें कब टैक्स के दायरे में आती है निकासी

EPF में इंप्लॉई और एंप्लॉयर दोनों की ओर से कर्मचारी के नौकरी काल में रेगुलर योगदान जाता है.

Budget 2023: EPF विदड्रॉअल पर TDS के बदले नियम, जानें कब टैक्स के दायरे में आती है निकासी

Thursday February 02, 2023 , 4 min Read

संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (इम्‍प्‍लॉई प्रोविडेंट फंड, EPF) की सुविधा रहती है. EPF Scheme, 1952 के अंतर्गत आने वाले हर एम्‍प्‍लॉयर को अपने हर इम्‍प्‍लॉई को EPF की सुविधा देना अनिवार्य है. फिर चाहे वह कंपनी सरकारी हो या प्राइवेट. बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) का फायदा लेने वालों के लिए भी एक राहत का ऐलान किया.

बजट स्पीच के दौरान घोषणा की गई कि वित्त वर्ष 2023-24 से नॉन-PAN मामलों में EPF विदड्रॉअल के टैक्स के दायरे में आने वाले हिस्से पर TDS (Tax Deducted at Source) की दर को 30% से घटाकर 20% किया जा रहा है. इस घोषणा को समझने के लिए यह समझना जरूरी है कि EPF पर टैक्स को लेकर क्या नियम हैं और EPF से विदड्रॉअल कब टैक्स के दायरे में आता है.

विदड्रॉअल पर TDS का नियम

EPF से हासिल होने वाले मैच्योरिटी अमाउंट और EPF कटना शुरू होने के 5 साल पूरे होने के बाद किए जाने वाले विदड्रॉअल पर TDS नहीं कटता है. नियमों के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी का EPF कटना शुरू होने से लेकर 5 साल पूरे होने से पहले EPF का पैसा निकाला जाता है, तो विदड्रॉअल पर TDS कट सकता है. 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले अगर EPF से 50 हजार रुपये से कम का विदड्रॉअल किया जाता है तो TDS नहीं कटेगा. अगर 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले EPF से 50 हजार रुपये से ज्यादा का विदड्रॉअल किया जाता है लेकिन PAN और Form 15G/15H सबमिट कर दिए जाते हैं तो TDS नहीं कटेगा.

वहीं अगर 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले EPF से 50 हजार रुपये से ज्यादा का विदड्रॉअल किया जाता है और PAN दिया जाता है लेकिन Form-15G/15H सबमिट नहीं किए जाते हैं तो 10 प्रतिशत TDS कटेगा. अगर PAN भी सबमिट न किया गया हो तो बजट 2023 की घोषणा के बाद अब 20% TDS कटेगा. अभी तक यह दर 30% है. अगर कोई नौकरी बदलता है और पुराने EPF को जारी रखता है, तब भी विदड्रॉअल पर TDS नहीं कटता है, बशर्ते 5 साल और 50000 रुपये वाली शर्त पूरी हो रही हो.

याद रखें ये पॉइंट

  • EPF एक अकाउंट से दूसरे अकांउट में ट्रांसफर करने पर TDS नहीं कटता है.
  • EPF अकाउंटहोल्डर की खराब सेहत/एंप्लॉयर द्वारा बिजनेस बंद किए जाने/प्रॉजेक्ट खत्म होने/अकाउंटहोल्डर के नियंत्रण से बाहर के किसी कारण, इनमें से किसी एक की वजह से नौकरी खत्म होने पर भी TDS नहीं कटता है.
  • TDS आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 192A के तहत काटा जाता है.
  • Form 15H सीनियर सिटीजन के लिए है, जबकि Form 15G उन लोगों के लिए है, जिनकी कोई टैक्सेबल इनकम नहीं है. ये दोनों फॉर्म सेल्फ डिक्लेरेशन हैं.
  • TDS, EPF के अंतिम भुगतान पर देय होता है.

टैक्स बेनिफिट्स की डिटेल

EPF में इंप्लॉई और एंप्लॉयर दोनों की ओर से कर्मचारी के नौकरी काल में रेगुलर योगदान जाता है. यह योगदान इंप्लॉई की ओर से बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत रहता है. इतना ही योगदान एंप्लॉयर की ओर से भी रहता है लेकिन एंप्लॉयर की तरफ से होने वाला 12 प्रतिशत योगदान अलग-अलग हिस्सों में बंट जाता है- EPF में योगदान 3.67 प्रतिशत, EPS में 8.33 प्रतिशत और EDLI में योगदान 0.50 प्रतिशत. EPF में किए जाने वाले निवेश पर आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है, जिसकी मैक्सिमम लिमिट 1.5 लाख रुपये है.

ब्याज पर टैक्स का नियम

नॉन गवर्नमेंट इंप्लॉइज के मामले में EPF/VPF खाते में 2.5 लाख रुपये सालाना तक योगदान पर मिलने वाला ब्याज ही टैक्स फ्री है. इस लिमिट से ऊपर के कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज, टैक्स के दायरे में आता है. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो चुका है और 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले EPF अंशदानों/योगदानों के लिए मान्य है. सरकारी कर्मचारियों के लिए EPF/VPF खाते में 5 लाख रुपये तक के सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है.

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