जानिए बजट 2023 में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए हुईं क्या घोषणाएं, किसानों को मिले कौन-कौन से तोहफे
पिछले बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए कई घोषणाएं हुई थीं. किसानों की आय बढ़ाने की कोशिशों से लेकर उन्हें हाईटेक बनाने तक की गई बड़ी घोषणाएं की गई थीं. इस बार के बजट में भी किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज अपना 5वां बजट (Union Budget 2023-24) पेश किया है. इस बजट से एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) को पहले से ही बहुत सारी उम्मीदें थीं और कई पर मोदी सरकार खरी उतरी है. कृषि प्रधान देश भारत में लोगों को एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए हुई घोषणाओं (Budget Announcements for Agriculture) का हमेशा ही बेसब्री से इंतजार रहता है. आइए जानते हैं इस बार के बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर को लेकर हुई हैं कौन सी बड़ी घोषणाएं.
क्या-क्या घोषणाएं की गईं एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए?
एग्रिटेक सेक्टर के विकास के लिए सरकार ने इस बजट में अहम घोषणा की है. सरकार ने एक एग्रीकल्चर एक्सिलरेटर फंड बनाया है, जिससे एग्रीटेक स्टार्टअप खोलने के लिए युवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार एक कृषि वर्धक निधि लाएगी, जिसके तहत करीब 2.2 लाख करोड़ रुपये लगाए जाएंगे.
किसानों को राज्यों और इंडस्ट्री के सहयोग से मार्केट से संपर्क करने की व्यवस्था की जाएगी. इससे किसानों को मार्केट तक पहुंच हासिल होगी. साथ ही सरकार कपास की फसल की उत्पादका बढ़ाने पर जोर देगी. इसके अलावा आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम पर भी फोकस रहेगा.
दुनिया भर में श्री अन्न का भारत सबसे बड़ा उत्पादक है और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. इन अन्न में ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, चीमा, सामा जैसे कई श्री अन्न आते हैं. इनसे स्वास्थ्य को बहुत सारे फायदे होते हैं. यह सालों से हमारे भोजन का अहम हिस्सा है. इन श्री अन्न को उगार किसानों को देश के लोगों की सेहत बनाई है, जिसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के किसानों का आभार व्यक्त किया.
पशुपाल, डेयरी और मछली पालन के लिए पहले से ही कुछ योजनाएं चल रही हैं. अब बजट 2023 के तहत 6 हजार करोड़ रुपये के निवेश से पीएम मत्स्य संपदा योजना नाम की उपयोजना की शुरुआत की जाएगी. इस योजना से मछुआरों को काफी मदद मिलेगी और उन्हें फायदा होगा.
मोदी सरकार के इस बजट में किसानों की फसल के भंडारण को लेकर भी एक बड़ी घोषणा की गई है. इसके तहत किसान अपनी फसल का भंडारण कर सकेंगे और बाद में उसे उचित मूल्य पर बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे. इस कदम से किसानों की कमाई बढ़ाने के सरकार के कदम को मजबूती मिलेगी.
मोदी सरकार आने वाले दिनों में नेचुरल फार्मिंग पर फोकस बढ़ाएगी. इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स केंद्र सेटअप किए जाएंगे. इनसे किसानों को बड़ा फायदा होगा. साथ ही गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी.
पिछले साल किसानों के लिए हुई थीं ये घोषणाएं
मोदी सरकार ने किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे ट्रांसफर करने की घोषणा की थी. कैमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को भी प्रमोट करने की बात कही गई थी. इसके अलावा ऑयल सीड का आयात घटाने के लिए घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ाने की भी बात की गई थी. किसानों के लिए पीपीपी मॉडल के तहत स्कीम लाने की घोषणा भी की थी, जिससे किसानों तक डिजिटल और हाईटेक तकनीक पहुंचाई जाएगी. राज्यों को एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटीज को रिवाइव करने के लिए प्रोत्साहित करने की भी घोषणा की गई थी. सरकार ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को भी बढ़ावा देने की बात कही थी. इतना ही नहीं नाबार्ड के जरिए एग्रिकल्चर स्टार्टअप और रूरल एंटरप्राइज को भी फाइनेंस करने की घोषणा की थी. किसानों को फल और सब्जियों के सही दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा की गई थी.