केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 60 स्टार्टअप्स को INSPIRE अवार्ड से नवाजा
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 60 स्टार्टअप्स को इंस्पायर (INSPIRE) पुरस्कार और 53,021 छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की है. यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है और इन इनोवेटर्स को उनकी उद्यमिता यात्रा के लिए इन्क्यूबेशन सपोर्ट दिया जाएगा.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान, जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह देश कोविड -19 के गंभीर प्रभावों से जूझ रहा था तब वार्षिक इंस्पायर अवार्ड्स – मानक (MANAK - मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) प्रतियोगिता ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 6.53 लाख अभूतपूर्व विचारों और नवाचारों (इनोवेशंस) को आकर्षित किया था. उन्होंने कहा कि इस योजना ने देश के 702 जिलों (96%) के विचारों और नवाचारों का प्रतिनिधित्व करके समावेशिता के एक अद्वितीय स्तर को छुआ, जिसमें 124 आकांक्षी जिलों में से 123, लड़कियों का 51% प्रतिनिधित्व, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों से 84% भागीदारी शामिल है. देश के 71% स्कूल राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 6.53 लाख में से कुल 53,021 छात्रों को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता के लिए पहचाना गया ताकि वे योजना के लिए प्रस्तुत विचारों के प्रोटोटाइप विकसित कर सकें. अगले चरण के रूप में उन्होंने संबंधित जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (DLEPC’s) और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (SLEPC’s) में प्रतिस्पर्धा की और अब कुल 556 छात्रों ने 9वीं राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) में अपनी जगह बनाई है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये सभी 556 छात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) का हिस्सा होंगेI अब ये देश के सबसे होनहार वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विद्वान और विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) प्रतिभा के निर्माण में एक समग्र समूह हैं. उन्होंने कहा कि उनके नवाचारों पर एक ऐसा सामाजिक ध्यान केन्द्रित है जो भारत को साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन द्वारा समस्याओं को हल करने का अवसर देता है. उन्होंने बताया कि इन छात्रों के लिए हमारे देश के शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों जैसे आईआईटी, बिट्स, एनआईटी आदि में समर्पित परामर्श कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जो न केवल साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन (STI) में नवीनतम रुझानों के लिए उनके प्रदर्शन के स्तर को बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें उनकी नवीन तकनीकों के लिए सही निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित भी करते हैं और इस बात की जानकारी देता हैं कि उनके नवाचार में सबसे अधिक मदद करने वाला कारक क्या है.
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि हर वर्ष सभी मान्यता प्राप्त पात्र स्कूलों में से आठवीं से दसवीं कक्षा तक की में पढ़ने वाले 10-15 साल के स्कूली छात्रों के मध्य दस लाख विचारों की खोज करने का लक्ष्य रखा जाता है और उसमे से भी एक लाख छात्रों को उनके इन्क्यूबेशन ट्रेजेक्टरीज में उनकी अंतर्निहित योग्यता के कारण प्रतिस्पर्धा करने और आगे बढ़ने का अवसर देते हुए अपनी प्रतिभा को बढ़ाने के लिए चिन्हित किया जाता है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार और राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान – भारत (नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – NIF, इंडिया) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए ये पुरस्कार - स्कूली छात्रों के विचारों और नवाचारों को पोषित करने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है ताकि वे विज्ञान और अनुसंधान में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित हो सके. मंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मजबूत करने, उसका विस्तार करने के साथ ही उसके लिए अनुसंधान एवं विकास आधार को बढ़ाने हेतु एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल बनाने में मदद करना है.
छात्रों को अपने नवाचारों को प्रस्तुत करने, अपने विचारों और विचारों की योग्यता को स्पष्ट करने, आत्मविश्वास पैदा करने , विज्ञान और प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ और अंत में, लगभग एक हजार छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) में भाग लेने के लिए सालाना आमंत्रित करने का लक्ष्य है. राष्ट्रीय स्तर प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) के परिणाम के रूप में, ऐसे कुल 60 नवीन विचारों और नवाचारों की पहचान, मान्यता और पुरस्कार के लिए चुना जाना वांछित है जिन्हें एक इन्क्यूबेशन सपोर्ट दिया जाएगा ताकि उनकी उद्यमिता यात्रा भी शुरू हो सके.
Edited by रविकांत पारीक