पत्नी के पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए पति ने हैक किया मुंबई पुलिस का सिस्टम
27 वर्षीय बाबू शाह विदेश में नौकरी पाने के अपने सपने को पूरा करने में अपनी पत्नी की मदद करके उसे इंप्रेस करना चाहता था. हालांकि, कार्रवाई से पहले ही प्लान फैल हो गया. क्योंकि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान उसकी पत्नी को पासपोर्ट की मंजूरी नहीं मिली.
अपनों के लिए चांद-तारे लाने का वादा पूरा करने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं. हाल ही में इसकी एक बानगी देखने को मिली है. यूपी के एक सिविल इंजीनियर पति (civil engineer husband) ने मुंबई पुलिस का डेटा सिस्टम हैक (mumbai police system hacked) कर लिया. उसने अपनी पत्नी के पासपोर्ट वेरिफिकेशन (passport verification) के लिए अपने हाथ आजमाए.
27 वर्षीय बाबू शाह विदेश में नौकरी पाने के अपने सपने को पूरा करने में अपनी पत्नी की मदद करके उसे इंप्रेस करना चाहता था. हालांकि, कार्रवाई से पहले ही प्लान फैल हो गया. क्योंकि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान उसकी पत्नी को पासपोर्ट की मंजूरी नहीं मिली. लाइव हिंदुस्तान ने इसकी जानकारी दी. बाद में, इंजीनियर ने अपनी पत्नी के पासपोर्ट ऐप्लीकेशन को मंजूरी देने के लिए मुंबई पुलिस के सिस्टम को हैक करने का फैसला किया.
वहीं, पुलिस ने कहा, “आवेदक के पासपोर्ट फॉर्म और दस्तावेजों में कोई विसंगति नहीं थी. हालांकि, शुरुआती जांच के बाद अधिकारियों ने पासपोर्ट ऐप्लीकेशन पर रोक लगा दी थी."
पुलिस ने यह भी बताया कि बाबू शाह की पत्नी मुंबई में काम करती थी और काम के सिलसिले में विदेश जाना चाहती थी. अपनी पत्नी के पासपोर्ट ऐप्लीकेशन की मंजूरी के लिए, बाबू शाह ने सिस्टम को हैक कर लिया और तीन और आवेदकों के साथ उसके फॉर्म को मंजूरी दे दी.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है और यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि इंजीनियर ने सिस्टम को कैसे हैक किया. आरोपी को यूपी के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है. हैकिंग के वक्त इंजीनियर ने किसी तरह के संदेह से बचने के लिए तीन और आवेदकों के पासपोर्ट वेरिफिकेशन को भी मंजूरी दी थी.
जिन तीन आवेदकों के पासपोर्ट फॉर्म मंजूर किए गए, वे भी मुंबई के ही थे. ये चेंबूर, तिलक नगर और एंटॉप हिल के रहने वाले हैं.
अभी तक, मामला दक्षिणी क्षेत्र के साइबर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है. हैकिंग की सूचना डीसीपी बाल सिंह राजपूत, एसीपी रामचंद्र लोटलीकर, सीनियर पीआई किरण जाधव और पीएसआई प्रकाश गाओली की एक विशेष टीम को मिली थी. जांच के दौरान पता चला कि हैकर ने सिस्टम को हैक करने के लिए नोएडा के आईपी एड्रेस वाले सिस्टम का इस्तेमाल किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है, "इस मामले में, विदेश मंत्रालय द्वारा एक अधिकारी, जो एक क्लियरिंग अथॉरिटी है, का लॉगिन आईडी और पासवर्ड हैक कर लिया गया था."
बताया जा रहा है कि घटना पिछले साल 24 सितंबर को हुई थी जिस दिन छुट्टी थी और पुलिस की पासपोर्ट ऑपिस बंद था.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत, पहचान की चोरी, कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी करने की सजा के लिए मामला दर्ज किया गया था.