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मिर्च की खेती ने घोल दी इस महिला की जिंदगी में मिठास, कुछ का बनाती हैं अचार कुछ भेजती हैं बाजार

उत्तर प्रदेश में आगरा के सैया खेड़ा ब्लाक में कुकावर गांव की रहने वाली उर्मिला देवी अपने खेतों में हरी मिर्च उगाती हैं और अपना परिवार चला रही हैं। उनके इस काम को देखकर आस-पास के खेतों में काम करने वाले किसानों ने भी मिर्च की खेती और उसकी बिक्री शुरु दी है।

मिर्च की खेती ने घोल दी इस महिला की जिंदगी में मिठास, कुछ का बनाती हैं अचार कुछ भेजती हैं बाजार

Tuesday March 15, 2022 , 3 min Read

अक्सर मिर्च का नाम सुनते ही हमारे और आपके जेहन में कड़वाहट का ख्याल आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसी मिर्च ने आगरा की एक महिला की जिंदगी में मिठास घोल दी है। मिर्च की खेती करने वाली ये महिला किसान आज अच्छा खासा पैसा कमाकर अपना खुशहाल जीवनयापन कर रही है।

उत्तर प्रदेश में आगरा के सैया खेड़ा ब्लाक में कुकावर गांव की रहने वाली उर्मिला देवी अपने खेतों में हरी मिर्च उगाती हैं और अपना परिवार चला रही हैं। उनके इस काम को देखकर आस-पास के खेतों में काम करने वाले किसानों ने भी मिर्च की खेती और उसकी बिक्री शुरु दी।

अपने एक साक्षात्कार में वह बताती हैं, “खेतों में गेहूं, आलू जैसी फसलों को उगाने में काफी लागत और श्रम लगता था। बावजूद इसके हमें फसल के अंत में नुकसान ही उठाना पड़ता था। इसे देखकर मेरे बेटे ने मुझे मिर्च की खेती शुरु करने की सलाह दी, जिसके बाद से जिंदगी की गाड़ी धीरे-धीर पटरी पर आ गई।"     

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सांकेतिक फोटो

आपको बता दें कि उर्मिला देवी अपने घर की मुखिया है। एक हादसे में पति की मौत हो जाने के बाद घर और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर आ गई। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बल्कि अन्य महिलाओं और को नई राह पर चलना सिखाया है।

बनाने लगीं मिर्च का अचार

हरी मिर्च की खेती करते वक्त उर्मिला देवी ने इस फसल को पहले तो बाजार में बेचना शुरु किया। फिर जब उत्पादन अधिक होने लगा तो उन्होंने इसका अचार तैयार करके मार्केट में मिर्च के अचार का बिजनेस शुरु कर दिया, जिससे उन्हें अच्छा लाभ हो जाता है। उनके अचार के इस व्यापार में मदद करने के लिए कृषक उत्पादक संगठन ने भी उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं।

कितनी लागत में होता है कितना लाभ

एक रिपोर्ट के अनुसार, उर्मिला देवी के पास करीब चार जमीने हैं। इस पूरी जमीन में वह हरी मिर्च और अचार वाली मिर्च उगाती हैं। थोड़े से इलाके में वह अपनी अगली फसल के मिर्च के पौधे भी तैयार कर लेती हैं। ताकि बीज के लिए बाहरी बाजार पर निर्भर न रहना पड़े। उनके पूरे एक फसल की लागत करीब प्रतिबीघा 50 हजार रुपए तक आती है, जिसमें होने वाली फसल की कीमत लगभग दो लाख रुपये तक होती है।

वह कहती हैं, “सामान्यत: हरी मिर्च की कीमत इतनी अधिक नहीं होती है, लेकिन अचार वाली मिर्च और उसके व्यापार से अच्छा लाभ हो जाता है।”

दिल्ली तक बिकती है आगरा की मिर्च

गांव की रहने वाली दूसरी महिला किसान ने बताया, कि आमतौर पर स्थानीय मंड़ी में जिस हरी मिर्च का भाव 70 से 75 रुपए मिलता है, वहीं मिर्च दिल्ली की बाजार में 100 रुपए तक में बिक जाती है। इसलिए, मिर्च को पॉलीथीन में भरकर दिल्ली के बाजारों में भेज दिया जाता है, जहां उसकी अच्छी कीमत मिल जाती है।


Edited by Ranjana Tripathi