सब्जियों से लेकर कॉफी और अल्फांसो आम तक, सब कुछ उगता है इनकी छत पर
छत पर बना ये बागान उनके घर की सारी जरूरतों को पूरा करता है और इंदिरा को अपने घर की जरूरत की सब्जियों के लिए कभी बाहर नहीं जाना पड़ता है।
आज के समय में बाज़ार में जो सब्जियाँ उपलब्ध हैं वो कीटशनक मुक्त हैं इसकी कोई गारंटी नहीं है, लेकिन विकल्प के तौर पर आप थोड़े से प्रयास के साथ आसानी से ऑर्गैनिक सब्जियाँ घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। इससे जुड़ा सबसे सटीक उदाहरण हैं बेंगलुरु की इंदिरा शोक शाह, जो अपनी छत पर तमाम तरह की सब्जियाँ और फल उगाती हैं।
इंदिरा ने 3300 स्क्वायर मीटर में फैली अपनी छत में करीब 6 सौ से अधिक पौधे लगाए हुए हैं, जिसमें 60 से अधिक सब्जियां और 30 से अधिक किस्म के फल और हर्ब्स शामिल हैं।
इसके चलते इंदिरा को बहुत कम सामान बाज़ार से लाना पड़ता है। उन्हे अपनी छत में स्थापित बागान से ही कॉफी और सीजन में आम भी मिल जाते हैं।
इंदिरा का कहना है कि उन्हे यह सब करने की प्रेरणा अपनी माँ और दादी से मिली, जो घर के बागान में सब कुछ उगाया करती थीं, जिसमें केले से लेकर सब्जियाँ आदि सब कुछ शामिल था।
द बेटर इंडिया के अनुसार, बागवानी करते हुए अब उन्हे पौधों के बारे में अधिक अनुभव हो गया है कि किस पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता है और किस पौधे को कम पानी की।
उनका कहना है कि इनमें से कई फलों के पौधे 20 लीटर बाल्टियों में उगाए जाते हैं और अगर इन्हे उचित ध्यान दिया जाए और देखभाल की जाए तो वे अच्छा फल देते हैं।
आज छत पर बना ये बागान उनके घर की सारी जरूरतों को पूरा करता है और इंदिरा को अपने घर की जरूरत की सब्जियों के लिए कभी बाहर नहीं जाना पड़ता है।
अपनी छत पर जो सब्जियाँ इंदिरा उगाती हैं उनमें भिंडी, मकई, करेला, बॉटल लौकी, स्नेक लौकी, बीन्स, विभिन्न प्रकार के साग, टमाटर, शकरकंद की पांच किस्में, मूली, और हल्दी शामिल हैं।
अपनी इस बागवानी में इंदिरा रासायनिक कीटनाशक का उपयोग ना करते हुए प्राकृतिक तौर पर बने हुए कीटनाशकों का उपयोग करती हैं। इसी के साथ उनके घर के किचन से निकलने वाले पानी का उपयोग भी इसी बागान के लिए किया जाता है, जिससे पानी की भी ख़ासी बचत होती है।
इसी के साथ इंदिरा उत्तराहल्ली बागवानी ग्रुप की एडमिन भी हैं और उनके अनुसार इस ग्रुप में बारह साल से लेकर सत्तर साल तक के कुल 269 सदस्य हैं। यह ग्रुप बागवानी को लेकर सक्रिय है और इसके सदस्य एक-दूसरे की मदद करते हैं।