प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की ‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’ की शुरुआत
‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’ प्रदूषण घटाने, पर्यावरण और तेज विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है: नरेंद्र मोदी
"गुजरात में निवेशक सम्मेलन को खिताब कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाने करने की दिशा में एक और अहम कदम है। यह सम्मेलन वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर निवेश आमंत्रित करने के लिए आयोजित किया गया है।"
गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’ की शुरुआत करते हुए इसे ‘कचरे से कंचन के अभियान’ और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी करार दिया तथा कहा कि यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसमें संभावित निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालयों की भागीदारी होगी। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे।
गुजरात में निवेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सिद्ध करने की दिशा में एक और अहम कदम है। यह सम्मेलन वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर निवेश आमंत्रित करने के लिए आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा,
‘‘आज देश वाहन स्क्रैपिंग नीति लॉन्च कर रहा है। यह नीति नए भारत की गतिशीलता को और ऑटो क्षेत्र को नई पहचान देने वाली है। देश में अनफिट वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से सड़कों से हटाने में यह नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।’’
उन्होंने कहा कि देश के करीब करीब हर नागरिक, उद्योग और हर क्षेत्र में इससे सकारात्मक परिवर्तन आएगा। देश की अर्थव्यवस्था के लिए गतिशीलता को बहुत बड़ा कारक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गतिशीलता में आई आधुनिकता यात्रा और परिवहन का बोझ तो कम करती ही है, आर्थिक विकास के लिए भी मददगार साबित होती है। उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी का भारत स्वच्छ, भीड़-भाड़ रहित और सुविधाजनक गतिशीलता का लक्ष्य लेकर चले, यह आज समय की मांग है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम में अब उद्याोग जगत और सभी हितधारकों की बहुत बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा,
‘‘नयी नीति कचरे से कंचन के अभियान (वेस्ट टू वेल्थ) और चक्रीय अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है। यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।’’
उन्होंने कहा कि पुनर्चक्रण, पुन:प्रयोग और भरपाई के सिद्धांत पर चलते हुए यह नीति ऑटो क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को भी नई ऊर्जा देगी। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, यह नीति देश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाएगी और हजारों रोजगार का सृजन करेगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है और यहां से देश के लिए अगले 25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन आने वाले 25 सालों में हमारे कामकाज का तरीका, रोजमर्रा के जीवन, व्यापार-कारोबार में और अनेक परिवर्तन होने वाले हैं और यह होंगे ही।
मोदी ने कहा,
‘‘जिस तरह प्रौद्योगिकी बदल रही है, हमारी जीवनचर्या हो या फिर हमारी अर्थव्यवस्था, दोनों में बहुत बदलाव होगा। इस परिवर्तन के बीच हमारे लिए पर्यावरण, हमारी जमीन और हमारे संसाधनों की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष पर तो काम किया जा सकता है लेकिन जो धरती माता से संपदा मिलती है वह हमारे हाथ में नहीं है। मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए एक तरफ भारत डीप ओशन मिशन के माध्यम से नई संभावनाओं को तलाश रहा है तो वहीं वह चक्रीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित कर रहा है।’’ ज्ञात हो कि समुद्र की गहराई का पता लगाने के लिये वर्ष 2018 में ‘डीप ओशन मिशन’ के ब्लूप्रिंट का अनावरण किया गया था। इससे पूर्व ‘पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय’ ने ब्लू इकॉनमी पॉलिसी का मसौदा भी प्रस्तुत किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश विकास को लचीला और पर्यावरण हितैषी बनाने की है।
उन्होंने कहा,
‘‘पर्यावरण में बदलाव की चुनौतियों को हम अनुभव कर रहे हैं। इसलिए भारत को अपने हित में, अपने नागरिकों के हित में बड़े कदम उठाने जरूरी हैं। इसी सोच के साथ बीते सालों में ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। सौर ऊर्जा हो या पवन ऊर्जा या फिर जैव ईंधन, आज भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इसलिए देश में आज कचरे से कंचन बनाने का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है और इसको स्वच्छता और आत्मनिर्भरता से भी जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा,
‘‘आजकल तो हम सड़कों के निर्माण में कचरे का बड़ी मात्रा में उपयोग कर रहे हैं। सरकारी इमारतें हो या गरीबों के लिए घर का निर्माण, इनमें भी पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे ही अनेक प्रयासों में आज ऑटोमोबाइल सेक्टर का नाम भी जुड़ गया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि नयी वाहन स्क्रैपिंग नीति से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा।
उन्होंने कहा,
‘‘सबसे पहला लाभ तो यह होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक प्रमाण पत्र मिलेगा। यह प्रमाण पत्र जिसके पास होगा, उसे नई गाड़ी की खरीद पर पंजीकरण के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। साथ ही रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी’’
इसका दूसरा लाभ बता रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी गाड़ी की मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, ईंधन दक्षता में भी बचत होगी।
उन्होंने कहा,
‘‘इसका तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है। पुरानी गाड़ियों, पुरानी प्रौद्योगिक के कारण सड़क हादसों का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी। इससे हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण के कारण पड़ने वाले असर में कमी आएगी।’’
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस नीति के तहत गाड़ी सिर्फ उसकी उम्र देख कर ही स्क्रैप नहीं की जाएगी, बल्कि गाड़ियों का वैज्ञानिक तरीके से स्क्रैप किया जाएगा और इसके लिए अधिकृत वाहन सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे जो प्रौद्योगिकी से जुड़े होंगे।
वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से, अनुपयुक्त एवं प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इस नीति का उद्देश्य देश भर में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रूप में स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना है।
(PTI)