सर्वे में डिमांडः पहले मेटावर्स में वर्चुअल टूर, फिर तय करेंगे घूमने जाना है या नहीं
Bokkings.com के सर्वे में 32 देशों के 24,179 लोगों ने हिस्सा लिया था. सर्वे में सामने आया कि ज्यादातर ट्रैवलर्स किसी जगह पर जाने से पहले उस जगह का वर्चुअल टूर लेना चाहते हैं. जो लोग वर्चुलअ टूर लेना चाहते हैं उनमें 45 फीसदी Zen Z जी और 43 फीसदी Millenials हैं.
कोविड-19 के खत्म होने के बाद देशों ने घूमने फिरने से जुडे़ प्रतिबंध हटा दिए हैं. हालांकि अब ट्रैवलिंग को लेकर कुछ नए ट्रेंड भी उभरकर सामने आ रहे हैं.
कंपनियां अब मेटावर्स के जरिए लोगों को ट्रैवल डेस्टिनेशन का वर्चुअल टूर की सर्विस देने जा रही हैं. इसके जरिए ट्रैवलर तय कर पाएंगे कि क्या वो जगह फिजिकली जाकर देखने लायक है या नहीं. बुकिंगडॉटकॉम की ओर से कराए गए एक नए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है.
बुकिंगडॉटकॉम के सर्वे में 32 देशों के 24,179 लोगों ने हिस्सा लिया था. इस सर्वे में सामने आया कि ज्यादातर ट्रैवलर्स किसी जगह पर जाने से पहले उस जगह का वर्चुअल टूर लेना चाहते हैं. जो लोग वर्चुलअ टूर लेना चाहते हैं उनमें 45 फीसदी लोग जेन जी और 43 फीसदी मिलेनियल्स हैं.
करीबन 43 फीसदी लोगों ने माना कि किसी जगह पर जाने से पहले वो वर्चुअल रिएल्टी के जरिए वर्चुअल टूर के बाद अपना अंतिम फैसला लेना चाहते हैं. कुल प्रतिभागियों में से 4574 लोगों का मानना है कि वर्चुअल टूर के बाद ही किसी नए जगह पर घूमने जाने का फैसला करना चाहिए.
इसके अलावा 35 फीसदी लोगों ने कहा कि कहीं जाने से पहले अगर उसके आसपास की चीजों का नजारा देखने के लिए बकायदा कुछ दिन मेटावर्स में बिताने को तैयार हैं.
बुकिंगडॉटकॉम के मुताबिक हैप्टिग फीडबैक जैसी सपोर्टिंग टेक्नोलॉजीज यूजर्स को और अव्वल दर्जे का एक्सपीरियंस लेने में मदद करेंगी जैसे-यूजर्स बिना घर से बाहर निकले ही बीच या पहाड़ों का अनुभव ले सकेंगे.
हालांकि 60 फीसदी लोगों ने ये भी माना कि मेटावर्स और वर्चुअल टेक्नोलॉजीज का एक्सपीरियंस खुद उस जगह पर जाकर देखने का जो अनुभव है उसके मुकाबले कुछ भी नहीं है.
2023 के लिए सबसे ज्यादा जिन जगहों पर लोगों ने सबसे ज्यादा मन बनाया है उनमें साओ पाओलो(ब्राजीलl), पॉडिंचेरी (भारत), हॉबर्ट (ऑस्ट्रेलिया) और बोल्जानो (ईटली).
दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी एक्टिविजन ब्लिजार्ड को खरीदने के ऐलान के साथ मेटावर्स बिजनेस में उतरने की तैयारी की थी. लेकिन, यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल ट्रेट कमिशन (FTC) ने इस डील पर विरोध जताकर माइक्रोसॉफ्ट के सामने परेशानी खड़ी कर दी है.
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ और चेयरमैन सत्य नडेला के मुताबिक 69 अरब डॉलर में होने वाली यह डील अगर हो जाती तो माइक्रोसॉफ्ट के लिए मेटावर्स प्लैटफॉर्म्स के डिवेलपमेंट का काम काफी आसान हो जाता.
FTC ने माइक्रोसॉफ्ट पर एंटी-कॉम्पिटिटीव आदतों को अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि कंपनी ने अपने विरोधी गेमिंग कंपनियों को खरीदने के बाद कंसोल गेम्स का डिस्ट्रीब्यूशन सीमित कर दिया था.
Edited by Upasana