वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
70 हज़ार से 300 करोड़ तक
सिर्फ विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए ही नहीं, सभी के लिए लग्जरी कारों को अधिक सुलभ बना रहा है बिग बॉय टॉयज़ (BBT)। मिलें प्री-ओन्ड कार मार्केट के बादशाह और BBT के फाउंडर जतिन आहूजा से...
बिग बॉय टॉयज़ के फाउंडर जतिन आहूजा की जर्नी बेहद दिलचस्प है। छोटी-सी उम्र से ही जतिन ने प्रॉफिट कमाना सीख लिया था और बेहद कम उम्र में बीबीटी के मालिक बन गए। जतिन गुरुग्राम के रहने वाले हैं लेकिन बीबीटी के शोरुम्स गुरुग्राम के साथ-साथ मुंबई और हैदराबाद में भी हैं। आपको बता दें, कि जब लॉकडाउन के दौरान नए वाहनों, खासकर कारों की बिक्री लगभग शून्य पर आ गयी थी, तो ऐसे वक्त में भी दिल्ली स्थित ‘बिग बॉय टॉयज़’ ने (अप्रैल 2020 में) करीब 12 ऐसी लग्जरी कारें बेचीं जिनकी कुल कीमत लगभग 12-13 करोड़ रुपये के करीब रही।
चार्टर्ड अकाउंटेंट पिता के घर में जन्मे जतिन आहूजा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए किया। उन्होंने कार के नवीनीकरण में अपने कौशल का भरपूर इस्तेमाल किया और साथ ही अपने बिज़नेस मॉडल पर भी गंभीरता से काम करना शुरु किया। बिग बॉय टॉयज़ की शुरुआत जतिन ने अपने पिता से 70,000 रुपये की उधारी लेकर फिएट पालियो (Fiat Palio) से की और साल 2009 में दिल्ली में एक छोटा-सा स्टूडियो खोला। आज की तारीख में लगभग 150 लोगों की टीम जी जान से लगी हुई, जहां प्री-ओन्ड (पूर्व स्वामित्त) लग्जरी कारें वन स्टॉप डेस्टिनेशन पर आसानी से उपलब्ध हैं।
नए कृषि क़ानूनों का असर
एक बार फिर से नए कृषि क़ानूनों का असर देखने को मिला है। हाल ही में झारखंड की राजधानी राँची के किसानों ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के जरिए बिहार की राजधानी पटना में अपनी फसल बेचकर सही दाम पाया है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि रांची के दो किसानों ने कॉमन सर्विस सेंटर के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के द्वारा पटना में मंडी से डेढ़ गुना अधिक दाम पर अपनी गोभी की फसल बेची।
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि नए कृषि क़ानूनों का असर! रांची के दो किसानों ने कॉमन सर्विस सेंटर के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के द्वारा अपनी गोभी की फसल पटना के खरीदार को स्थानीय मंडी से डेढ़ गुना अधिक दाम पर बेची। ट्रांसपोर्ट का खर्च भी खरीदार ने दिया और फसल सीधा खेत से ही खरीदार के पास चली गई।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नए किसान कानूनों के माध्यम से किसान को हुए लाभ की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को दी और बताया कि नए कृषि कानून किसान विरोधी कानून नहीं है।
अखबार के विज्ञापन ने होममेकर को बनाया आंत्रप्रेन्योर
घर के बने खाने में जो खुशी है उसे ठाणे स्थित ललिता पाटिल ने बेहद सही साबित किया है। 35 वर्षीय ललिता अपने फूड वेंचर घराची आठवन (Gharachi Aathvan) - एक रेस्तरां जो घर जैसा पारंपरिक भोजन प्रदान करता है, के साथ आंत्रप्रेन्योर बनी।
घराची आठवन की फाउंडर ललिता YourStory को बताती हैं, "मराठी में 'घराची आठवन' नाम का अर्थ है 'घर को याद रखना'। हम पारंपरिक, साधारण घर में पकाए जाने वाले व्यंजनों को पकाने में माहिर हैं, जो न केवल आपकी हेल्थ को सूट करेगा, बल्कि आपकी जेबों पर भी भारी नहीं है।"
वह कहती हैं, “मैं हमेशा आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना चाहती थी और जीविकोपार्जन के लिए ट्यूशन किया करती थी। उसके बाद, मैंने कुछ साल पहले फुल-टाइम नौकरी ज्वाइन की, लेकिन इसके तुरंत बाद नौकरी छोड़ दी।”
एक दिन, ललिता ने अखबार में ब्रिटानिया द्वारा की जाने वाली स्टार्टअप प्रतियोगिता का एक विज्ञापन देखा, इसमें विजेता को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने का वादा किया गया था।
"मुझे पता था कि मैं यह चाहती थी," ललिता याद करती है। उन्होंने 2019 की शुरुआत में इसमें भाग लिया और वह जीत गई। “टैक्स की कटौती के बाद, मैंने मार्च में अपने बैंक खाते में लगभग 7 लाख रुपये ट्रांसफर किए। मुझे पहले से ही पता था कि मैं फूड स्टार्टअप शुरु करने के लिए पूंजी का उपयोग करूंगी।” ललिता ने अपने बिजनेस को "पुनर्जन्म" देने के लिए धन का इस्तेमाल किया।
सिर्फ सर्वाइवर नहीं हैं, हम बदलाव के लीडर हैं ये
इस हफ्ते की 'सर्वाइवर सीरीज़' की कहानी में, नानकी ने हमें बताया कि कैसे उन्हें परिवार के एक दोस्त द्वारा नाबालिग के रूप में बेच दिया गया था। आज, वह सर्वाइवर्स और उनके परिवारों के लिए अधिक समर्थन के लिए अभियान चलाती है।
वह कहती हैं, "मेरा जन्म पश्चिम बंगाल में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। जब मैं कक्षा 9 में थी, मेरे पड़ोसी के रिश्तेदार ने मेरा अपहरण कर लिया और मुझे बिहार में किसी को बेच दिया। मैं विश्वासघात को समझ नहीं पायी क्योंकि मैं उसे तब से जानती थी जब मैं एक छोटी बच्ची थी। मुझे बंदी बना लिया गया और शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, साथ ही 10 महीनों तक बलात्कार किया गया।"
वह आगे कहती है, "मैं, तस्करी से छुड़ाए गए अन्य लोगों के साथ, ILFAT (Indian Leadership Forum Against Trafficking) नामक एक राष्ट्रीय मंच का गठन किया है, जहां हम राजनेताओं, पुलिस, पत्रकारों और हमारे जैसे अन्य युवाओं के साथ जुड़ रहे हैं।"
तस्करी के खिलाफ यह लड़ाई हमारे नेतृत्व के बिना नहीं लड़ी जा सकती; हम पीड़ित नहीं हैं; हम अब केवल सर्वाइवर नहीं हैं; हम सर्वाइवर लीडर हैं; हम बदलाव के लीडर हैं।
**पहचान छुपाने के लिए नाम बदला गया है।
इंडियन कोस्ट गार्ड में निकली भर्ती
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) में नाविक के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट joincoastguard.cdac.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया 5 जनवरी से शुरू हो गई है और 19 जनवरी को शाम 6 बजे समाप्त होगी। इस भर्ती परीक्षा के माध्यम से कुल 358 पद भरे जाने हैं।
पदों के लिए चयनित होने के लिए, उम्मीदवारों को पहले एक शारीरिक परीक्षा और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद एक ऑनलाइन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। जबकि परीक्षा की तारीखें अभी नहीं बतायी गई हैं, यह मार्च 2021 में आयोजित की जाएगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, चरण-I पर ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम 20 दिनों के भीतर अस्थायी रूप से घोषित किया जाएगा।