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पढ़ें इस हफ्ते की टॉप 5 स्टोरीज़

पढ़ें इस हफ्ते की टॉप 5 स्टोरीज़

Saturday May 30, 2020 , 5 min Read

इधर हम आपके सामने इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़ संक्षेप में पेश कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक पर आप उन्हे विस्तार से पढ़ सकते हैं।

पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़

पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़



कॉलेज ड्रॉपआउट होकर तमाम असफलताओं को पीछे छोडते हुए अपना स्टार्ट खड़ा करने वाले वाराणसी के आयुष जायसवाल से सभी नौजवानों को आज प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। आयुष की सफलता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उनके स्टार्टअप को स्वीग्गी के को-फाउंडर ने भी जॉइन किया है।


इसी के साथ बिहार के जमुई जिले के छोटे से गाँव से निकलकर यूपीएससी की परीक्षा में परचम लहराने वाले सुकीर्ति माधव की कहानी भला कौन नहीं जानना चाहेगा। ऐसी ही कुछ स्टोरीज़ हमने इस हफ्ते प्रकाशित कीं। आप उन्हे यहाँ संक्षेप में पढ़ते हुए साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर उन्हे विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।

'रुक जाना नहीं'

सुकीर्ति माधव, IPS अधिकारी

सुकीर्ति माधव, IPS अधिकारी



आभावों में बीता बचपन आपको सपने देखने और उन्हे पूरा करने के लिए पूरे जज्बे के साथ आगे बढ़ने से कभी नहीं रोक सकता। बिहार के जमुई जिले के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए सुकीर्ति माधव की कहानी कुछ इसी तरह प्रेरणा से भरी हुई है। सुकीर्ति आज उत्तर प्रदेश कैडर में आईपीएस अधिकारी हैं।


वो बताते हैं कि,

“मैं बिहार के एक जिले जमुई के एक गांव मलयपुर से हूँ। बिहारी होने के नाते सिविल सर्विस के बारे में बहुत सुन रखा था। मेरे पिताजी हमेशा से ये चाहते थे कि मैं UPSC दूं और लोक सेवा के क्षेत्र में आऊं, हालांकि मैं अपने आप को औसत छात्र मानते हुए इस परिचर्चा से दूर रखने की कोशिश करता था।”

आज उत्तर प्रदेश में तैनात सुकीर्ति माधव कि यह प्रेरणादायक कहानी आप इधर पढ़ सकते हैं।

3डी प्रिंटिंग लाई क्रांति

[बाएँ से दायें] अभिषेक एसआर (को-फाउंडर), बेंगलुरु पुलिस फोर्स के अजय कुमार और रोनित शेट्टी

[बाएँ से दायें] अभिषेक एसआर (को-फाउंडर), बेंगलुरु पुलिस फोर्स के अजय कुमार और रोनित शेट्टी



दुनिया को कई मायनों में बदलने में टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान समय में जब दुनिया COVID-19 की चुनौतियों का सामना कर रही है, उस समय की तुलना में परिवर्तन को अधिक महत्व नहीं दिया गया है। इस तरह का एक उदाहरण बेंगलुरु स्थित 3डी प्रिंटिंग स्टार्टअप क्विक शेप है, जिसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, खासकर पुलिस फोर्स के लिए 3 डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से हेड शील्ड और फेस शील्ड विकसित किया गया है।


स्टार्टअप क्विकशेप किस तरह से काम कर रहा है इस बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं। क्विक शेप अपने उत्पादों के निर्माण के लिए जिस तरह से 3डी प्रिंटिंग तकनीक का सहारा ले रहा है, वो दिलचस्प होने के साथ ही तारीफ के काबिल भी है।

टू मील्स एक्स्ट्रा

नवदीप सिंह

नवदीप सिंह



देश में लॉकडाउन की घोषणा लाखों लोगों के लिए एक विपत्ति की तरह सामने आई। लोग जो अपनी दैनिक मजदूरी पर ही आश्रित थे, अचानक उनके सामने दिन में दो वक्त के खाने के लिए भी समस्या खड़ी हो गई। इस दौरान पुणे के आईटी प्रोफेशनल नवदीप सिंह ने इस संकट के समय में जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाने की पहल शुरू की, जिसका संचालन महज 2 महीने के भीतर आज 6 शहरों में किया जा रहा है।


आज जब कई संगठन और लोग जरूरतमंदों की मदद करने के उद्देश्य से दान ले रहे हैं, लेकिन क्या यह सहायता सही लोगों तक पहुंच रही है? ये एक बड़ा सवाल है और इसी सवाल का जवाब ढूंढते हुए नवदीप इस विचार पर पहुंचे कि "क्यों न हम अपने परिवारों के लिए खाना बनाते समय थोड़ा अतिरिक्त खाना पकाएं और इसे जरूरतमंद लोगों को दान करें?" नवदीप सिंह की इस नेक पहल के बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं।

ड्रॉपआउट से सफलता का सफर

पेस्टो टेक के सह-संस्थापक आयुष जायसवाल

पेस्टो टेक के सह-संस्थापक आयुष जायसवाल



उत्तर प्रदेश में गंगा के तट पर बसे शहर वाराणसी में पैदा हुए आयुष जायसवाल अपने शुरुआती दिनों में शतरंज के ग्रैंड मास्टर बनना चाहते थे, लेकिन लेकिन 2007 में Apple द्वारा पहले iPhone के लॉन्च ने उनके जीवन की योजना को बदल दिया। जब स्टीव जॉब्स ने प्रतिष्ठित डिवाइस का अनावरण किया, उसी समय 12 साल की उम्र में उन्होने भविष्य में उद्यमी बनने का निर्णय कर लिया।


कॉलेज ड्रॉपआउट होने के बावजूद आयुष ने 2017 में एडटेक स्टार्टअप पेस्टो टेक की स्थापना की। यह स्टार्टअप एक कैरियर त्वरक के रूप में कार्य करता है और एक 12-सप्ताह का बूटकैम्प चलाता है, जहाँ सॉफ्टवेयर इंजीनियरों (न्यूनतम दो वर्षों के अनुभव के साथ) को सॉफ्ट-स्किल्स में प्रशिक्षित किया जाता है। इस स्टार्टअप के साथ हाल ही में देश के बड़े स्टार्टअप में शुमार स्वीग्गी के को-फाउंडर राहुल जैमिनी जुड़े हैं। आयुष और उनके शानदार सफर के बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं।

सुरक्षा है प्राथमिकता

सांकेतिक चित्र

सांकेतिक चित्र



कोविड-19 के युग के बाद, घर और ऑफिस दोनों में स्वच्छता रखना सभी के लिए पहली प्राथमिकता होगी। ऐसे समय में जब कंपनियां ऑफिस और दुकानदार दुकानों को खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में सभी को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी कर्मचारी उचित स्वच्छता बनाए रखें।


दिल्ली स्थित एआई द्वारा संचालित कंप्यूटर विज़न SaaS वेंचर, वोबॉट इंटेलिजेंस का एक इनोवेटिव सॉल्युशन जो ऑपरेशनों की निगरानी के लिए आतिथ्य, भोजन, खुदरा और विनिर्माण व्यवसायों की मदद करता है, हमारे कार्यस्थलों को सुरक्षित और स्वच्छ रखने में काम आ सकता है। वोबॉट के इन उत्पादों के बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं।