Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

छोटे कारोबारियों के लिए सरकार ला रही ONDC, जानिए कैसे बिजनस को बढ़ाने में मिलेगी मदद

छोटे कारोबारियों के लिए सरकार ला रही ONDC, जानिए कैसे बिजनस को बढ़ाने में मिलेगी मदद

Thursday July 21, 2022 , 4 min Read

ई-कॉमर्स के साथ छोटे बिजनस को मजबूत बनाने और ई-मार्केटप्लेस (e-commerce marketplace) दिग्गजों की मोनोपॉली को खत्म करने के लिए सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स यानी ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce - ONDC) लॉन्च किया है. इसे लॉन्च करने के पीछे सरकार का मकसद भारत में ई-कॉमर्स को समरूप बनाना है. सरकार के इस प्रयास के चलते भारतीय ई-कॉमर्स में एक बड़ी क्रांति आएगी. मौजूदा वक्त में भारत में ई-कॉमर्स मॉडल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जबकि ONDC मॉडल इसे खुले नेटवर्क में ले जाएगा, जो विश्वास और समानता पर आधारित होगा. यानी अब छोटे काराबोरियों को ढेर सारे ग्राहकों तक पहुंचने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर खुद को रजिस्टर करने की जरूरत नहीं होगी.

सरकारी ई-मार्केटप्लेस एक ऑनलाइन पोर्टल है जहां कोई भी सिर्फ सरकारी एजेंसियों और अधिकारियों को ही सामान बेच सकता है. ऑनलाइन पोर्टल से 50,000 रुपये तक के सामानों की सीधी खरीदारी की जा सकती है, लेकिन उसके बाद सार्वजनिक खरीद, निविदा और रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से होती है. वहीं दूसरी ओर ONDC में ऐसी कोई सीमा नहीं है और यह देश भर में हर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले शख्स के लिए उपलब्ध होगी. प्रक्रियाओं को आसानी से पूरा करने के लिए समिति की तरफ से सख्त प्रोटोकॉल और विवाद निवारक समाधान तैयार किए जाएंगे.

what-is-ondc-and-how-it-will-impact-d2c-smbs-instamojo-e-commerce-marketplace

पूरे भारत में इंटरनेट कनेक्शन और मोबाइल फोन की तगड़ी पहुंच होने के बावजूद, छोटे और मध्यम बिजनस डिजिटल माध्यम को अपनाने में पिछड़ गए हैं. इसका नतीजा ये हो रहा है कि उन्हें एग्रिगेटर्स पर निर्भर होना पड़ा है. हालांकि, सरकार की नई ONDC पहल का मकसद इसे बदलना है, ताकि छोटे और स्वतंत्र उद्यमियों के हाथों में भी ताकत वापस आ सके.

ONDC से छोटे बिजनस को कैसे होगा फायदा?

ONDC छोटे कारोबारियों को भी मौका देने का वादा करता है. एक बार प्लेटफ़ॉर्म पूरी तरह से शुरू हो जाने के बाद कोई भी इसका फायदा उठा सकेगा, आइए जानते हैं कैसे-

  • एक ही जगह दिखेंगे सारे मार्केटप्लेस: नई व्यवस्था में तमाम तरह के मार्केटप्लेस ONDC पर ही दिखाई देंगे. ऐसे में छोटे कारोबारियों को अलग से हर वेबसाइट पर जाकर खुद को रजिस्टर नहींं करना पड़ेगा. साथ ही ऑनबोर्डिंग और प्रोडक्ट कैटलॉगिंग जैसे काम ओपन सोर्स हो जाएंगे.

  • हर किसी को मिलेगा बराबर का मौका: मार्केटप्लेस के दिग्गज, कैटेगरी के हजारों अन्य विक्रेताओं को छोड़कर सिर्फ कुछ विक्रेताओं को ही सहयोग देते हैं. इसकी वजह से छोटे ब्रांड्स के लिए कॉम्पटीशन कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है. ONDC अपने सभी पंजीकृत विक्रेताओं के लिए उचित अवसर देकर उन्हें बराबरी का मौका देता है.

  • स्थानीय व्यवसायों को समर्थन देता है: ओपन-सोर्स कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्थानीय व्यवसायों को समर्थन देता है. इसका मतलब है कि कोई ऑनलाइन खरीदार अपने आसपास ही दुकान का पता लगा सकता है.

कुल मिलाकर यह निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने का काम करता है. साथ ही छोटे और स्वतंत्र कारोबारियों के हाथ में ताकत देने में मदद करता है. ऐसा होने से वह एक बार फिर अपने ग्राहकों के साथ सीधे जुड़ सकेंगे और एग्रिगेटर्स की वजह से आने वाली बाधा के चलते उनसे दूर नहीं होंगे.

ONDC का उद्देश्य उन बड़े प्लेटफॉर्म्स के वर्चस्व को चुनौती देना है जो बंद सिस्टम पर काम करते हैं. साथ ही इसका मकसद सभी को समान मौके देना और सभी के लिए एक ऐसा सिस्टम बना है जो खुला हो और उसे हर कोई इस्तेमाल कर सके.

ONDC नेटवर्क से होंगे ये भी फायदे

  • यह प्लेटफॉर्म संभावित रूप से ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के दिग्गजों की मोनोपॉली को तोड़ेगा.
  • खुले नेटवर्क के चलते कोई भी व्यवसाय अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुँच सकता है.
  • एक ही ऑनर के एकाधिकार से बंधे रहने की मजबूरी नहीं होगी.
  • यह हाइपरलोकल मॉडल का पालन करेगा, जहां छोटे स्थानीय ब्रांड्स को पहले दिखाया जाएगा. यह ऑनलाइन खाद्य सामग्रियों की बिक्री करने वालों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है.
  • खरीदार और विक्रेता एक ही प्राधिकरण के नियंत्रण में नहीं होंगे.
  • ऑनलाइन विक्रेताओं के पास अपने खुद के ग्राहक डेटा तक पहुंच होगी, जिससे वह सोच-विचार कर अपने बिजनस से जुड़े फैसले ले सकेंगे.
  • इसमें कोई बिचौलिया नहीं है, सेलर सीधे कस्टमर से जुड़ते हैं.
  • इस प्लेटफ़ॉर्म के जरिए विक्रेता अपने कैटलॉग का विस्तार कर सकेंगे, उन्नत लॉजिस्टिक्स समाधानों को उपयोग कर सकेंगे और साथ ही खरीदारों को अधिक विकल्प प्रदान कर सकेंगे.
  • यह एक खुला मंच है, इसलिए छोटे ब्रांड्स के पास अपने ब्रांड की मौजूदगी दर्ज करने का बेहतर अवसर है.
  • यह कई परतों वाली चेन है, इसलिए विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग प्रदाता होंगे.

इसके अलावा इसका मकसद कम से कम 100 शहरों और कस्बों को कवर करना है. साथ ही खरीदारों और विक्रेताओं के लिए स्थानीय भाषाओं में ऐप्स उपलब्ध कराना है. भारत की डिजिटल कॉमर्स की दुनिया बहुत लंबे समय से बदलाव के लिए तैयार है और ONDC के तहत सरकार इसी दिशा में काम कर रही है.

(लेखक आकाश गेहानी Instamojo के को-फाउंडर और सीओओ हैं.)