100% शाकाहारी है यह 'मीट', दिनों दिन बढ़ रहा कारोबार
दो साल पहले ही खोले गए इस खंड का कारोबार वर्ष 2030 तक लगभग एक अरब डॉलर होने का अनुमान है.
क्या आपने ऐसे मीट का नाम सुना है, जिसे शाकाहारी लोग भी आराम से खा सकते हैं. जिसका नाम मीट है लेकिन किसी जानवर का मांस नहीं है. यकीन कर लीजिए क्योंकि ऐसा प्रॉडक्ट मार्केट में है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इतनी तेजी से कि दैनिक उपभोग के सामान (FMCG) बनाने वाली बड़ी कंपनियां इसके बिजनेस में उतर पड़ी हैं.
हम बात कर रहे हैं प्लांट बेस्ड मीट (Plant based Meat) की. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दो साल पहले ही खोले गए इस खंड का कारोबार वर्ष 2030 तक लगभग एक अरब डॉलर होने का अनुमान है. अब प्लांट बेस्ड मीट खंड के प्रॉडक्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और बड़े महानगरों में बड़ी रिटेल चेन्स में भी मिलने लगे हैं. इसीलिए तो अब टाटा कंज्यूमर (Tata Consumer Product Limited) और ITC जैसी बड़ी कंपनियां भी इस खंड में प्रवेश करने लगी हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है.
आखिर है क्या प्लांट बेस्ड मीट
प्लांट बेस्ड मीट, मांस नहीं होता है. इन्हें आम तौर पर पौधे से मिलने वाली फलियों, सोयाबीन या मसूर, क्विनोआ, मटर, नारियल के तेल और गेहूं से मिलने वाली ग्लूटन आदि से बनाया जाता है. इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि ये मांस की तरह ही दिखते हैं. शाकाहारी लोग इसे बिना किसी टेंशन के आराम से खा सकते हैं. जानवरों के मांस को रिप्लेस करने के लिए टोफू और सीतान जैसे प्रॉडक्ट पहले से थे. अब प्लांट बेस्ड मीट खंड में नए प्रॉडक्ट मांस के स्वाद, बनावट, गंध आदि की नकल करते हैं.
पौधों से मिलने वाला प्रोटीन एक उभरता हुआ खाद्य क्षेत्र
भारत में प्लांट बेस्ड मीट टर्म भले ही थोड़ा नया हो लेकिन इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. अब प्लांट बेस्ड मीट होटल, रेस्टोरेंट एवं कैटरिंग में भी खूब चलने लगे हैं. भारत में डोमिनोज और स्टारबक्स जैसी कई चेन्स ने भी अपनी सूची में प्लांट बेस्ड मीट प्रॉडक्ट्स को जगह दी है. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट लिमिटेड ने पिछले हफ्ते एक नए ब्रांड टाटा सिम्पली बेटर के तहत प्लांट बेस्ड मीट प्रॉडक्ट्स की श्रेणी में कदम रखा था. टाटा समूह की इस कंपनी का कहना है कि प्लांट बेस्ड मीट पर्यावरण एवं स्वास्थ्य से जुड़े प्रभावों के बगैर पशुओं के मांस का विकल्प पेश करता है. ITC ने भी साल की शुरुआत में इस खंड में प्रवेश किया था. इस विकल्प में शाका हैरी और विराट कोहली एवं अनुष्का शर्मा की फाइनेंसिंग वाले ब्लू ट्राइब जैसे स्टार्टअप भी कदम रख चुके हैं. पौधों से मिलने वाला प्रोटीन एक उभरता हुआ खाद्य क्षेत्र है.