ये दो दिग्गज कंपनियां कर रहीं शेयर बायबैक, जानिए क्या है ये और इससे किसे होता है फायदा
बजाज ऑटो ने शेयर बायबैक की प्रक्रिया पूरी कर ली है. खबर है कि अब इंफोसिस जल्द ही शेयर बायबैक की घोषणा कर सकती है. सवाल ये है कि आखिर कोई कंपनी अपने ही शेयर वापस क्यों खरीदती है?
दिग्गज दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी बजाज ऑटो (Bajaj Auto) ने शेयर बायबैक (Share Buyback) की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. वहीं एक दूसरी खबर आ रही है कि इंफोसिस (Infosys) जल्द ही शेयर बायबैक का ऐलान कर सकती है. 13 अक्टूबर को कंपनी दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित करेगी और उसी दिन बायबैक का ऐलान हो सकता है. यहां लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर वापस क्यों खरीद रही हैं? अगर वापस ही खरीदने थे तो शेयर जारी ही क्यों किए? इससे कंपनियों को क्या फायदा? शेयरधारकों को कोई फायदा होगा या नहीं? आइए जानते हैं हर सवाल का जवाब.
पहले जानिए बजाज ऑटो शेयर बायबैक के बारे में
बजाज ऑटो ने करीब 64 लाख शेयरों को वापस खरीद लिया है, जिनकी कुल वैल्यू 2499.97 करोड़ रुपये है. कंपनी ने जुलाई 2022 में शेयर बायबैक का ऐलान किया था. 10 अक्टूबर को हुई मीटिंग में फैसला लिया गया कि बायबैक की प्रक्रिया को अब बंद कर देना चाहिए. बायबैक में शेयर की कीमत को 4600 से अधिक न रखने की बात हुई थी. इस बायबैक के बाद अब कंपनी के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 53.77 फीसदी से बढ़कर 54.98 फीसदी हो गई है. इससे पहले बजाज ने करीब 22 साल पहले 2000 में शेयर बायबैक किए थे. तब करीब 1.8 करोड़ इक्विटी शेयर वापस खरीदे थे, जिनकी कीमत 400 रुपये तय की गई थी. 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बजाज ऑटो के शेयर की कीमत करीब 3570 रुपये थी.
इंफोसिस कर सकती है बायबैक की घोषणा
आगामी 13 अक्टूबर को इंफोसिस दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करेगी. इसी दिन कंपनी शेयर बायबैक की घोषणा भी कर सकती है. इससे पहले कंपनी दो बायबैक के जरिए 9200 करोड़ और 8260 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीद भी चुकी है. पिछले दोनों बायबैक पूरे होने में करीब 5 महीने लगे थे, देखना दिलचस्प होगा कि अगर कंपनी फिर से शेयर बायबैक की घोषणा करती है तो इस बार उसे कितना टाइम लगेगा. उम्मीद की जा रही है कि शेयर बायबैक 1740 रुपये से 1800 रुपये की रेंज में हो सकता है. उम्मीद है कि कीमत शेयर बायबैक के ऐलान वाले दिन से 18-21 फीसदी प्रीमियम के साथ होगी. 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक इंफोसिस के शेयर की कीमत करीब 1440 रुपये थी. यानी इस भाव से देखा जाए तो शेयर से 10 फीसदी से अधिक रिटर्न मिल सकता है.
क्या होता है शेयर बायबैक?
शेयर बायबैक वह प्रक्रिया होती है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने ही शेयर्स को पब्लिक से वापस खरीद लेती है. इसके लिए कंपनी अपने शेयर की कीमत पर कुछ प्रीमियम भी चुकाती है. शेयर बायबैक के जरिए कंपनी खुद में ही री-इन्वेस्ट करती है. जब कंपनी शेयर बायबैक करती है तो फिर बाजार में उसके आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या कम हो जाती है.
आखिर कंपनियों बायबैक क्यों करती हैं शेयर?
बायबैक की बात सुनकर हर कोई ये सोचता है कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर को वापस क्यों खरीदती हैं. कई बार अगर कंपनी के पास अतिरिक्त कैश हो जाता है और वह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा पाती हैं तो वह शेयर बायबैक कर लेती हैं. इस तरह कंपनी अतिरिक्त कैश को खुद में ही निवेश कर देती है. अगर किसी कंपनी के पास अधिक नकदी होती है तो वह बैलेंस शीट में भी दिखती है और नकदी पड़े रहना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में कंपनियां उस नकदी का इस्तेमाल शेयर बायबैक कर के कर लेती हैं. कई बार कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर की कीमत कम आंकी गई है, तो भी वह शेयर बायबैक कर लेती हैं, जिससे शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है. इससे निवेशकों में भी एक भरोसा पैदा होता है कि कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है, जिससे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ती है, जो उसकी कीमत को बढ़ाती है.
निवेशकों को क्या फायदा?
जैसा कि शेयर बायबैक कुछ प्रीमियम पर होता है तो निवेशकों को इसका तो फायदा होता ही है. हालांकि, अगर आपने लंबे वक्त के हिसाब से पैसा लगाया है तो आपको बायबैक में शेयर नहीं बेचने चाहिए. उम्मीद होती है कि भविष्य में कंपनी और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ज्यादा रिटर्न देगी. वहीं अगर आपने छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए. वहीं अगर आपको लगे कि कंपनी का शेयर ओवरवैल्यूड है तो भी आपको शेयर बेचकर निकल जाना चाहिए. जो लोग सिर्फ ट्रेडिंग के मकसद से शेयर खरीदते हैं, उनके लिए तो यह मौका किसी गोल्डन चांस जैसा होता है.
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