क्या है Windfall Tax जिस पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है चर्चा
यूनाइटेड नेशंस (United Nations) चीफ अंतोनियो गुतेरस ने अमीर देशों को अपने देश के फौसिल फ्यूल (fossil fuel) कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स (windfall tax) लगाने की अपील करते हुए टैक्स के पैसों को उन देशों की मदद में देने की अपील की है जो क्लाइमेट चेंज (climate change) से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कल 193 देशों के लीडर्स को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र चीफ ने यह भी कहा कि फौसिल फ्यूल इंडस्ट्री अपने हजारो-करोड़ों की प्रॉफिट का जश्न मना रही है जब हमारी पृथ्वी नष्ट हो रही है और कई देशों में लोग बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रही है वैसे में अमीर देशों को विंडफॉल टैक्स के मुनाफे से उनकी मदद करनी चाहिए.
भारत में भी इस साल दो मौकों पर विंडफॉल टैक्स की चर्चा हुई है. पहली बार जब जुलाई की शुरुआत में जब सरकार ने स्थानीय ऑयल कंपनियों के प्रॉफिट पर लगाया. और दूसरा जब जुलाई में ही जब सरकार ने इस टैक्स में कटौती की.
तो विंडफॉल टैक्स होता क्या है और इससे सरकार और कंपनियों की कमाई पर क्या असर पड़ता है इसे समझने की कोशिश करते हैं.
विंडफॉल टैक्स सरकार द्वारा कंपनियों पर लगाए जाना वाला टैक्स है. यह टैक्स सरकार ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाती है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है. मसलन, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी और डोमेस्टिक ऑयल कंपनियां स्थानीय ऑयल रिफायनरीज को इंटरनेशनल प्राइस के बराबर ही कच्चा तेल प्रोवाइड करवा रहे थे. जिससे डोमेस्टिक ऑयल कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से फायदा हो रहा था.
अमूमन सरकारें इस तरह के प्रॉफिट पर टैक्स के सामान्य रेट के ऊपर वन-टाइम टैक्स लगाती है. इसे विंडफॉल टैक्स कहते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. मार्च तिमाही में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 14 साल में इसका उच्चतम स्तर था. क्रूड की कीमत में उछाल से ओएनजीसी जैसी कंपनियों का प्रॉफिट मार्च तिमाही में कई गुना बढ़ गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तब कहा था कि सरकार इस बात से खुश है कि निर्यात बढ़ रहा है और कंपनियां जमकर प्रॉफिट कमा रही हैं. उन्होंने कहा था कि अपने नागरिकों की भलाई के लिए हमें इस प्रॉफिट में कुछ हिस्सा चाहिए.
विंडफॉल टैक्स में कटौती का फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance industries), ऑयल इंडिया (Oil India) और वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) को फायदा होगा. इनके अलावा रूस की रॉस्नफेट बेक्ड नायरा एनर्जी को भी फायदा होगा, जो गुजरात में सालाना 20 मिलियन टन क्षमता की रिफाइनरी का संचालन करती है. जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को होगा. कंपनी की गुजरात में दो ऑयल रिफायनरी हैं. इनमें से एक का प्रयोग केवल निर्यात के लिए ही होता है.
भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाया था. इटली ने तेल कंपनियों के प्रॉफिट पर टैक्स 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया था जबकि यूके ने इसे 40 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया था.