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खुद को दुनिया का सबसे उम्दा निवेशक मानती हैं सुधा मूर्ति, इन्फोसिस में लगाए 10,000 रुपये हो गए हैं अरबों

इन्फोसिस को शुरू हुए 40 साल हो गए हैं. कंपनी को शुरू करने के लिए फाउंडर नारायण मूर्ति को पत्नी सुधा मूर्ति ने अपनी सेविंग्स में रखे पूरे 10,000 रुपये दिए थे, जिससे कंपनी की शुरुआत हुई थी. आज कंपनी का मार्केट कैप 80 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है.

खुद को दुनिया का सबसे उम्दा निवेशक मानती हैं सुधा मूर्ति, इन्फोसिस में लगाए 10,000 रुपये हो गए हैं अरबों

Thursday December 15, 2022 , 3 min Read

इंडिया की टॉप आईटी कंपनी इन्फोसिस को शुरू हुए 15 दिसंबर को 40 साल हो गए हैं. कंपनी को शुरू करने के लिए फाउंडर नारायण मूर्ति को उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने अपनी सेविंग्स में रखे पूरे 10,000 रुपये दिए थे, जिससे कंपनी की शुरुआत हुई थी.

कंपनी के चार दशक पूरे होने के मौके पर सुधा मूर्ति खुद को दुनिया की नहीं तो कम से कम इंडिया की सबसे बेहतरीन निवेशक मानती हैं.

दरअसल कंपनी को शुरू करने लिए सुधा मूर्ति ने अपनी बचत के 10000 रुपये दिए थे. आज की तारीख में उनका ये निवेश अरबों डॉलर का हो चुका है.

सुधा मूर्ति ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे बेहद खुशी हो रही है क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि 10000 कभी अरबों डॉलर बन जाएंगे. सुधा मूर्ति एक लेखिका होने के साथ फिलांथ्रोपिस्ट भी हैं.

इन्फोसिस अमेरिकी शेयर एक्सचेंज में NASDAQ लिस्टेड कंपनी है. इसका हेडक्वॉर्टर बेंगलुरु में हैं और इसे 1981 में सात इंजीनियर्स ने मिलकर शुरू किया था. पिछले साल ही यह 100 अरब डॉलर का मार्केट कैपिटलाइजेशन हासिल करने वाली चौथी कंपनी बनी थी.

आज की तारीख में कंपनी का मार्केट कैप 80 अरब डॉलर है. रेवेन्यू 16 अरब डॉलर से अधिक है. यहां 3.35 लाख से ज्यादा एंप्लॉयी काम करते हैं. कॉरपोरेट गवर्नेंस और वेल्थ क्रिएशन का डेमोक्रेटाइजेशन करने के मामले में इंडिया की सबसे सम्मानित कंपनियों में गिनी जाती है.

सुधा ने इन्फोसिस को तब से देखा है जब वो महज एक आइडिया भर थी और आज इस मुकाम पर पहुंच चुकी है. जो लोग अपनी कंपनी शुरू करना चाहते हैं उन्हें सलाह देते हुए सुधा कहती हैं, 'मुझे लगता है कि इस जेनरेशन के लोगों को पेशेंस रखना सीखना चाहिए. जैसा कि कहा गया है, सफलता कभी रातों रात नहीं मिलती.

एक सफल कंपनी बनाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. ये सारी चीजें जरूरी हैं ही लेकिन सबसे जरूरी इंग्रीडिएंट पेशेंस, उसके बिना कुछ नहीं हो सकता. 

इन्फोसिस शुरू होने के सात सालों बाद कंपनी ने अच्छा परफॉर्म करना शुरू किया था. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि शुरू होने के अगले ही साल हम प्रॉफिट कमाने लगे थे.

इसलिए पेशेंस रखिए, कड़ी मेहनत कीजिए सफलता खुद ब खुद आपके पास आ जाएगी.अगर आप पैसे के पीछे भागेंगे तो पैसा आपसे दूर भागेंगे. एक अच्छे मकसद के इरादे से काम करेंगे, मेहनत करेंगे तो सफलता मिलनी तय है.'

मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक 25 अक्टूबर को ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर बने थे. इस पर मूर्ति ने कहा, ऋषि पीएम बने हैं. अच्छी बात है, मैं बहुत खुश हूं उससे ज्यादा कुछ नहीं. मैं अपने देश की चीजों के बारे में देखती हूं और वो अपने.


Edited by Upasana