बैंक खाते में अचानक से आ गया ढेर सारा अनजान पैसा, क्या करें और क्या न करें
अगर कभी किसी के बैंक अकाउंट में बिना उसकी जानकारी के कहीं से बहुत ज्यादा पैसे आ जाएं तो? हममें से कई लोग ऐसे हैं, जो ऐसा होने का पता लगने पर उन पैसों से खरीदे जाने वाले सामान की लिस्ट बनाने में लग जाएंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी न करें...
तेलंगाना में एक वाकया सामने आया है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक ब्रांच के एक कर्मचारी की गलती की वजह से 1.50 करोड़ रुपये गलत लोगों के खातों (Bank Accounts) में ट्रान्सफर हो गए। The Hindu की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SBI इंप्लॉई की कॉपी-पेस्ट गलती के चलते तेलंगाना सरकार की दलित बंधु वेलफेयर स्कीम के लिए आया पैसा लोटस हॉस्पिटल्स के 15 कर्मचारियों के खातों में चला गया। उन 15 कर्मचारियों में से हर एक के बैंक खाते में 10-10 लाख रुपये ट्रान्सफर हो गए।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जब बैंक कर्मचारी या बैंक ग्राहक की चूक की वजह से पैसे गलत बैंक खाते में ट्रान्सफर हो गए। इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर कभी आपके बैंक खाते में कहीं से कोई अनजान मोटा अमाउंट आ जाए तो आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं...
क्या करें?
खाते में अनजान अमाउंट आ जाने की स्थिति में सबसे पहले यह पता लगाएं कि पैसे कहां से आए हैं। दोस्तों, रिश्तेदारों या कामकाज से जुड़े लोगों या फिर किसी भी संभावित व्यक्ति की ओर से पैसे ट्रान्सफर किए जाने की कोई सूचना नहीं है तो इस अनजान अमाउंट के बारे में सबसे पहले बैंक को सूचित करें। इस बात को जरूर पक्का कर लें कि यह पैसा आपका नहीं है।
क्या न करें
बैंक से इस मामले को छिपाने या फिर रकम को खर्च करने की गलती भूलकर भी न करें। चूंकि यह पैसा आपका नहीं है, इसलिए आपको इसे लौटाना ही होगा और बैंक को भी देर सवेर मामले का पता चल ही जाएगा। अगर आपने पैसा नहीं लौटाया तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए तेलंगाना के ताजा मामले को ही ले लें। जिन 15 लोगों के खाते में गलती से पैसे ट्रान्सफर हुए, उनमें से 14 ने पैसे लौटा दिए हैं। लेकिन एक व्यक्ति ने उन पैसों में से 3.30 लाख रुपये अपने कर्जे चुकाने में खर्च कर दिए। उस व्यक्ति ने बाकी के 6.70 लाख रुपये लौटा दिए हैं लेकिन खर्च किए जा चुके पैसे लौटाने को तैयार नहीं है। लिहाजा उसके खिलाफ बैंक अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत और आईपीसी की धारा 403 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।