कौन हैं श्रीराम कृष्णन, जिन्होंने एलन मस्क को ब्लू टिक के बदले पैसे लेने का सुझाव दिया
भारतीय मूल के श्रीराम कृष्णन पेशे से इंजीनियर हैं और एक अमेरिकन इंवेस्टर और वेंचर कैपिटल फर्म में पार्टनर हैं.
एलन मस्क ने ट्विटर की कमान अपने हाथों में संभालते ही सबसे पहले भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल को अलविदा कह दिया. लेकिन अभी भी सिलिकॉन वैली में एक हिंदुस्तानी एलन मस्क को सुझाव, सलाह और मार्गदर्शन दे रहा है कि ट्विटर को एक प्रॉफिटेबल बिजनेस में कैसे तब्दील किया जाए.
ऐसी खबरें हैं कि एलन मस्क को ट्विटर में एडिट बटन इंट्रोड्यूज करने और वेरीफिकेशन वाले ब्लू टिक के लिए फीस चार्ज करने का सुझाव देने वाला कोई और नहीं, बल्कि हिंदुस्तानी मूल का एक व्यक्ति है, जिसका नाम है श्रीराम कृष्णन. श्रीराम कृष्णन ने दो दिन पहले 31 अक्तूबर को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि मैं कुछ शानदार लोगों के साथ मिलकर ट्विटर के लिए एलन मस्क की मदद कर रहा हूं. कृष्णन ने लिखा कि ट्विटर बहुत महत्वपूर्ण कंपनी है और दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ सकती है. इस काम को मुमकिन बनाने की क्षमता एलन मस्क में है.
कौन हैं श्रीराम कृष्णन
भारतीय मूल के श्रीराम कृष्णन पढ़ाई और पेशे से एक इंजीनियर हैं. साथ ही एक अमेरिकन इंवेस्टर और वेंचर कैपिटल फर्म एंद्रीसेन होरीवित्ज (Andreessen Horowitz) में पार्टनर हैं. कृष्णन नए स्टार्टअप्स में इंवेस्टमेंट के लिए खासे मशहूर हैं. वे अब तक 23 कंपनियों में निवेश कर चुके हैं, जिनमें से ज्याातर Web3 और क्रिप्टो हैं.
कृष्णन का जन्म चेन्नई में हुआ था. उन्होंने शुरुआती शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई भी इंडिया में की है. 2005 में उन्होंने चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी के एसआरएम इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक किया.
2007 में उनकी पहली नौकरी माइक्रोसॉफ्ट में लगी थी, जहां उन्होंने बतौर प्रोग्राम मैनेजर ज्वाइन किया. वर्ष 2013 में उन्होंने फेसबुक ज्वाइन किया, जहां उन्होंने बिजनेस स्ट्रेटजी से लेकर प्रोडक्ट डिपार्टमेंट तक कई विभागों में महत्वपूर्ण लीडरशिप पदों पर काम किया. इन दो नामी कंपनियों के अलावा कृष्णन स्नैपचैट के साथ भी काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने कंपनी का IPO आने से पहले एक एड टेक प्लेटफॉर्म भी बनाया था.
एक साल पहले 2021 में कृष्णन ने अपनी पत्नी आरती राममूर्ति के साथ मिलकर एक टॉक शो की शुरुआत की, जिसका नाम है “द गुड टाइम शो.” इस टॉक शो की सेंट्रल थीम बिजनेस, स्टार्टअप्स, आंत्रप्रेन्योरशिप, एड टेक, फिनटेक और क्रिप्टोकरंसी आदि थी. इस शो में आने वाले मेहमानों से वे इन विषयों पर लंबी बातचीत करते थे. “द गुड टाइम शो” में अब तक मार्क जुकरबर्ग, टोनी हॉक, एलन मस्क, एंड्यू यांग, रिल रॉल, डायने वॉन फुरस्टेनबर्ग, कान्ये वेस्ट, मिस्टर बीस्ट और ए.आर. रहमान और तन्मय भट्ट जैसे नामचीन लोग शिरकत कर चुके हैं.
यूं हुई थी एलन मस्क से श्रीराम कृष्णन की पहली मुलाकात
एलन मस्क से कृष्णन की पहली मुलाकात कैलिफोर्निया के हॉथोर्न में स्पेस एक्स के मुख्यालय में हुई थी. कह सकते हैं कि पहली ही मुलाकात में दोनों को एक स्पार्क महसूस हुआ. एलन मस्क प्रतिभाओं को स्पॉट करने और उन्हें सही प्लेटफॉर्म देने के लिए जाने जाते हैं. मस्क को पहली ही बार में लगा कि कृष्णन के आइडियाज यूनीक हैं और इसे एक सही प्लेटफॉर्म की जरूरत है.
कृष्णन और आरती ने एलन मस्क को अपने टॉक शो के लिए इनवाइट किया और मस्क ने हामी भर दी. फरवरी, 2021 में एयर हुए शो में आरती और श्रीराम कृष्णन ने मस्क से लंबी बातचीत की.
ट्विटर डील को लेकर आई अटकलों और परेशानियों के लिए चलते एलन मस्क ट्विटर की मैनेजमेंट टीम से पहले ही नाराज थे. इसलिए आते ही उन्होंने सबसे पहले सीईओ पराग अग्रवाल और पॉलिसी हेड विजया गाडे की छुट्टी कर दी. ऐसे में उन्हें किसी ऐसे शख्स की जरूरत थी, जिस पर भरोसा किया जा सके और जो इस कंपनी को टॉप कंपनी बनाने में मस्क की मदद कर सके. इसके लिए उन्होंने श्रीराम कृष्णन को चुना.
बैकग्राउंड में रहकर एलन मस्क की मदद कर रहे हैं कृष्णन
हालांकि कृष्णन ट्विटर के इंप्लॉइ नहीं हैं और बैकग्राउंड में रहकर ही काम कर रहे हैं, लेकिन इन दिनों उनकी भूमिका बहुत अहम है.
कहा जा रहा है कि ब्लू टिक वेरीफिकेशन को लेकर बदलने वाली पॉलिसी के पीछे कृष्णन का दिमाग है. पहले ट्विटर पर अकाउंट वेरीफिकेशन की प्रक्रिया मुफ्त थी, लेकिन अब वेरीफिकेशन के लिए यूजर्स को हर महीने 8 डॉलर यानी 660 रुपए का भुगतान करना होगा. जिन लोगों के अकाउंट पहले से वेरीफाइड हैं, उन्हें वेरीफिकेशन सब्सक्रिप्शन लेने के लिए 90 दिन का समय दिया जाएगा. उसके बाद उनके अकाउंट से ब्लू टिक अपने आप हट जाएगा.
ट्विटर में पेड सब्सक्रिप्शन का विकल्प पहले भी था, लेकिन ब्लू टिक वेरीफिकेशन उसका हिस्सा नहीं था. पेड सब्सक्रिप्शन लेने वालों को कुछ एक्स्ट्रा फीचर्स की सुविधाएं मिलती थीं. हालांकि ट्विटर ने अभी इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है कि क्या यह नियम तीसरी दुनिया के देशों, गरीब देशों और आर्थिक रूप से पिछड़े देशों के वेरीफाइड यूजर्स पर भी लागू होंगे या सिर्फ अमेरिका, यूरोप समेत दुनिया के समृद्ध देशों के यूजर्स तक ही सीमित होंगे.
इसके अलावा कहा जा रहा है कि ट्विटर ट्वीट की शब्द सीमा को 280 से बढ़ा सकता है, जो पहले सिर्फ 140 हुआ करती थी. यह भी मुमकिन है कि शब्द सीमा की बाउंड्री को खत्म ही कर दिया जाए.
Edited by Manisha Pandey