सेंसेक्स 1094 अंक टूटा, निवेशकों को 6 लाख करोड़ का नुकसान, इन 5 वजहों से आई ये गिरावट
दो दिन पहले ही सेंसेक्स ने 5 महीनों का उच्चतम स्तर छुआ था. अब सेंसेक्स में 1094 अंकों गिरावट आई है. पिछले 3 दिनों में सेंसेक्स में करीब 1400 अंकों की गिरावट देखने को मिली है.
शेयर बाजार (Share Market Latest Update) के लिए ये सप्ताह बहुत ही भारी उतार-चढ़ाव वाला साबित हुआ है. इसी मंगलवार को शेयर बाजार ने 5 महीनों का उच्चतम स्तर छुआ था. सेंसेक्स ने 60 हजार का आंकड़ा पार किया था. लेकिन हफ्ते का आखिरी दिन शुक्रवार शेयर बाजार के लिए बहुत ही बुरा साबित हुआ है. सेंसेक्स (Sensex) करीब 1094 अंकों की गिरावट (Share Market Fall) के साथ 58,840 अंक पर बंद हुआ. पिछले 3 सत्रों में सेंसेक्स में करीब 1400 अंकों तक की गिरावट आ चुकी है. वहीं निफ्टी (Nifty) में भी 346 अंकों की गिरावट देखने को मिली है और यह 17,530 अंकों के स्तर पर बंद हुआ.
निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपये हुए स्वाहा!
शेयर बाजार में एक ही दिन में इतनी बड़ी गिरावट आई कि निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की वैल्युएशन 285.9 लाख करोड़ रुपये से घटकर 279.8 लाख करोड़ रुपये रह गई।
क्यों आई इतनी भारी गिरावट?
शेयर बाजार में भारी गिरावट में बीएसई पर सिर्फ इंडसइंड बैंक हरे निशान में बंद हुआ, बाकी सभी 29 शेयर लाल निशान पर बंद हुए. वहीं दूसरी ओर निफ्टी पर इंडसइंड बैंक और सिपला के शेयर हरे निशान पर बंद हुए, बाकी सभी 48 शेयर लाल निशान पर बंद हुए. आइए जानते हैं किन वजहों से शेयर बाजार में आई ये भारी गिरावट.
1- अमेरिका में आया मिक्स इकनॉमिक डेटा
गुरुवार को अमेरिका में मिला-जुला इकनॉमिक डेटा आया, जिसने निवेशकों को कनफ्यूज कर दिया. शुरुआती बेरोजगारी के दावों में पता चला कि पिछले सप्ताह 5 हजार की गिरावट आई और विनिर्माण गतिविधियों में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. वहीं सॉफ्ट रिटेल सेल्स से संकेत मिला कि उपभोक्ता महंगाई की मार झेल रहे हैं. अगस्त में खुदरा बिक्री 0.3 फीसदी बढ़ी. वहीं जुलाई के आंकड़ों को संशोधित करते हुए सपाट से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया गया.
2- वैश्विक कमजोरी है पहली वजह
अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसका असर घरेलू शेयर बाजार पर साफ देखा जा सकता है . S&P 500 और Nasdaq में 1 फीसदी से भी अधिक की गिरावट देखने को मिली. वहीं दूसरी ओर Dow Jones में भी 0.6 फीसदी की गिरावट आई. अगर एशिया की बात करें तो चीन का इंडस्ट्रियल आउटपुट पिछले साल की तुलना में 4.2 फीसदी बढ़ा है, जो अनुमान से अधिक है. हालांकि, इससे भी निवेशकों के सेंटिमेंट को मजबूती नहीं मिली और चीनी इंडेक्स में 1.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. निक्केई और हैंगसैंग में भी 0.5 फीसदी से लेकर 1 फीसदी तक की गिरावट आई है.
3- निवेशकों की सतर्कता, फिर बढ़ सकती हैं दरें
मंगलवार को अमेरिका में महंगाई के झटके के बाद अब निवेशक काफी सतर्क हो गए हैं. अमेरिका में सीपीआई रीडिंग में महीने दर महीने के आधार पर 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह भी 100 बीपीएस प्वाइंट यानी 1 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है. यह आगे चलकर और अधिक आक्रामक हो सकता है. ऐसे में अगर किसी निवेशक को नुकसान की हल्की सी आहत भी मिल रही है तो वह शेयर से बाहर निकलना पसंद कर रहे हैं.
4- रुपये में आई कमजोरी
गुरुवार को रुपया 19 पैसे टूटा था. शुक्रवार को फिर से रुपये में गिरावट देखने को मिली. डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को रुपया 11 पैसे टूटकर 79.82 रुपये पर पहुंच गया. रुपये में आई कमजोरी का सीधा असर शेयर मार्केट पर भी दिखा और बाजार बुरी तरह टूट गया.
5- सेंसेक्स के बड़े शेयरों में भारी बिकवाली
हफ्ते के आखिरी दिन अमेरिका में महंगाई और फेड की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने की चिंता से बड़ी कंपनियों के शेयरों में तगड़ी बिकवाली दिखी. रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर करीब 2.48 फीसदी टूट गया. वहीं इंफोसिस का शेयर भी 3.89 फीसदी टूटा. टीसीएस के शेयरों में भी 3.08 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. वहीं आईसीआईसीआई बैंक ने भी करीब 1 फीसदी की गिरावट आई. इस शेयरों में भारी बिकवाली की वजह से भी शेयर बाजार में बहुत बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है.