Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

अपने खास आभूषणों के साथ इस आभूषण डिजाइनर ने शुरू किया रिटेल ज्वैलरी कलेक्टिव और एक्सपीरियंस स्टोर

अपने खास आभूषणों के साथ इस आभूषण डिजाइनर ने शुरू किया रिटेल ज्वैलरी कलेक्टिव और एक्सपीरियंस स्टोर

Friday November 26, 2021 , 4 min Read

वरुणा डी जानी के लिए उनके जीवन के शुरुआती दिनों में आभूषणों के लिए जुनून पैदा हो गया था। जब उनकी उम्र के अधिकांश बच्चों का मनोरंजन कार्टून बनाकर होता था, तो वरुणा को डिजाइनों को स्केच करने में खुशी मिलती थी।


वह एक ऐसे घर में पली-बढ़ी जो हेरिटेज ज्वैलरी ब्रांड पोपली चलाता है, जहां आभूषण रोजमर्रा की चर्चा का हिस्सा थे और यह केवल अवसरों और त्योहारों तक ही सीमित नहीं थे। वह यह भी याद करती है कि अपने पिता के साथ कई यात्राओं पर उन्होने खुद को गहनों की दुनिया में और अधिक डूबे हुए पाया। फिर भी एक पेशेवर ज्वैलरी डिजाइनर बनना युवा वरुणा के लिए इतना आसान नहीं था क्योंकि उन्होने शादी की और 18 साल की उम्र में दुबई चली गईं।


हालाँकि जब उसके पिता कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजर रहे थे और इसी बीच 2006 में वे दुकान बंद करने पर विचार कर रहे थे, वरुणा ने पोपली चलाने में उनकी मदद करने का फैसला किया।


अपनी इस 12 साल लंबी यात्रा पर बात करते हुए वे कहती हैं, "मैं डिजाइनरों की सहायता करती थी और इस बीच ग्राहकों को आभूषण में अंतर देखने को मिला। मैंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में आभूषणों के बारे में सब कुछ सीखा और महसूस किया कि मैं एक डिजाइनर बनना चाहती हूं।" 


2008 में वे पोपली से अलग हो गईं और अपना आभूषण ब्रांड वरुणा डी जानी की शुरुआत की। इसे शुरू करने के लिए उन्हें जरूरी पूंजी अपने अपार्टमेंट को बेचने से मिली थी।

k

ऐसी रही यात्रा

कोरोनोवायरस महामारी ने वरुणा सहित कई लोगों के लिए जीवन कठिन समय पर लाकर खड़ा केआर दिया क्योंकि उन्होने अपनी बहन और अपनी मां दोनों को महामारी के चलते खो दिया था। इस अनुभव ने उन्हें और अधिक 'सार्थक जीवन' जीने के लिए तैयार किया। डिज़ाइनरों के सामने आने वाली चुनौतियों से परिचित वरुणा का कहना है कि ज़्यादातर डिज़ाइनरों और ज्वैलरी व्यवसायों का टर्नओवर बहुत कम है।


वे कहती हैं, "यह हमेशा सर्वाइव के बारे में है। सकल लाभ अधिक हो सकता है लेकिन शुद्ध लाभ दिखाता है कि आप बस यहाँ टिके रहने में सक्षम हैं।"


जबकि वरुणा एक संपन्न परिवार से आई थीं और एक स्व-डिजाइनर के रूप में अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम थीं, वह कहती है कि कई रचनात्मक और भावुक पेशेवरों के लिए यह अधिक कठिन होता है, खासकर महामारी के दौरान। यही विचार उन्हें नए ब्रांड रुआनी के पीछे भी है, जो मुंबई में एक बहु-ब्रांड लक्जरी और बीस्पोक ज्वैलरी हाउस है। उद्यमी का दावा है कि यह भारत में अपनी तरह का पहला आभूषण समूह है।

इसमें सुहानी पिट्टी, शची शाह, अदिति अमीन, सोनल सावनसुखा, संकेश सुराणा, लतिका खन्ना, छाया जैन, अक्षत घिया, मैरी कैबिरौ, माइक सातजी और अनाबेला चान जैसे डिजाइनरों के कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। जहां 80 प्रतिशत से अधिक आभूषण 7 लाख रुपये से कम कीमत के हैं।


वरुणा कहती हैं, “ज्यादातर डिजाइनरों के पास डिस्ट्रीब्यूशन नहीं है और मैं खुद एक डिजाइनर हूं, इसलिए मैं इस पर काम करने के लिए अन्य डिजाइनरों की दुर्दशा को समझ सकती हूं।”

बाज़ार में प्रदर्शन

रुआनी अब डिजाइनरों के लिए सभी मार्केटिंग और विज्ञापन का ख्याल रखता है और शुल्क के रूप में एक निश्चित मामूली राशि कमाता है। डिजाइनर वरुणा के ग्राहक आधार तक भी पहुंच प्राप्त करते हैं। व्यवसाय एक राजस्व-शेयरिंग मॉडल पर भी संचालित होता है जहाँ रुआनी की गई प्रत्येक बिक्री से एक कमीशन रखता है।


3 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ शुरुआत करने के बाद वरुणा का दृष्टिकोण व्यवसाय को केवल एक आभूषण की दुकान से एक अनुभव केंद्र में बदलना और प्रदर्शन और सजावट में निवेश करना है। कारोबार में बस कुछ महीने वरुणा ने कहा कि व्यवसाय अच्छा कर रहा है और हालांकि उन्होने राजस्व और वित्त का खुलासा नहीं किया है।


IBEF के अनुसार भारत में रत्न और आभूषण बाजार दुनिया में सबसे बड़ा है, जो वैश्विक आभूषण बाजार का 29 प्रतिशत हिस्सा है और 2023 तक 103.06 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रुआनी का प्रत्येक डिजाइनर लाख से अधिक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धी बाजार का हिस्सा है। हालांकि ज्वैलरी कलेक्टिव के रूप में व्यवसाय में बहुत कम प्रतिस्पर्धा है।


वरुणा का कहना है कि हर महीने 10 लाख रुपये की पारिवारिक आय वाले आभूषणों का शौक रखने वाला कोई भी व्यक्ति कंपनी का आदर्श लक्षित ग्राहक होगा। हालांकि इसने डिजाइनों की नकल होने के डर से ऑनलाइन उपस्थिति से परहेज किया है, लेकिन यह एक साल बाद ऑनलाइन उद्यम में प्रवेश करने की उम्मीद करता है।


 


Edited by Ranjana Tripathi