अपने परिवार की मदद के लिए रैपिडो महिला ड्राइवर बनीं कांता चौहान
कांता चौहान की लाइफ आसान नहीं रही है। पंजाब के रोपड़ जिले में जन्मीं कांता जब युवा थीं तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। अब सारी जिम्मेदारी उनकी मां पर थी। कांता के अलावा उनके तीन भाई-बहनों की देखभाल उनकी मां को ही करनी थी। एक सरकारी स्कूल से अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वह अपनी पढ़ाई को आगे जारी नहीं रख सकती थीं क्योंकि परिवार के पास पैसा नहीं था। अपनी शादी के बाद भी, कांता के संघर्ष में कमी नहीं आई।
वे कहती हैं,
“मेरे पती का एक्सीडेंट हो गया। वह परिवार के एकमात्र रोटी कमाने वाले थे। हमें अपने परिवार की हालत सुधारने के लिए कुछ कर्ज भी लेना पड़ा। अपनी बेटी और पति को निराशा में देखकर, मैंने अपने परिवार के लिए खड़े होने और रैपिडो के लिए एक कैप्टन के रूप में काम करने का फैसला किया।"
मिली-जुली प्रतिक्रिया
जालंधर में रह रहीं कांता पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के चार राज्यों में रैपिडो की पहली महिला कैप्टन हैं। उनके पास जीवन और उसकी चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त धैर्य और दृढ़ संकल्प था। कांता का कहना है कि कैप्टन या बाइक चालक होना प्रतिक्रियाओं का एक मिश्रित बैग है।
वे कहती हैं,
"मुझे बहुत सारे अद्भुत लोग मिले हैं जिन्होंने मेरे काम की सराहना की है, लेकिन कई ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने मेरी राइड कैंसिल भी की हैं, वो भी सिर्फ इसलिए कि वे एक महिला के साथ राइड करने में सहज नहीं हैं।"
हालांकि, कांता कहती हैं कि वह खुश हैं कि सकारात्मक लोगों की संख्या हमेशा उन लोगों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण रही है जो उनकी जॉब को अलग नजरिए से देखते हैं। अधिकांश ग्राहक शुरू में एक महिला कप्तान को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं।
कांता कहती हैं,
“बुकिंग होते ही मैं आमतौर पर राइडर को कॉल करती हूं। लेकिन मेरे अधिकांश राइडर को ये लगता है कि मैं कस्टमर केयर से बात कर रही हूं और उनके लिए कोई ड्राइवर भेजूंगी। लेकिन जब मैं वहां पहुंचती हूं, तो वे मुझे देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि एक महिला कप्तान के रूप में क्यों काम कर रही है? राइडर मुझसे पूछते हैं कि मैं बाइक टैक्सी क्यों चला रही हूं और ऐसा क्या कारण था कि मैं ये काम कर रही हूं। बहुत सारे सवाल हैं जो मेरे रास्ते में आते हैं।”
गर्व की अनुभूति
कांता का मानना है कि भले ही कुछ बुरे अनुभव हुए हों लेकिन अब तक यह एक रोमांचक यात्रा रही है। वह कहती हैं कि कई लोग राइड कैंसिल करते हैं जब उन्हें पता चलता है कि ड्राइवर एक महिला है।
“इससे मुझे दुःख होता है। 21वीं सदी में होने के नाते, हम एक पुरुष और एक महिला को समान रूप से क्यों नहीं देख सकते हैं? मैं सकारात्मकता से भरे कुछ शानदार लोगों से भी मिली हूं, जिनसे मिलने के बाद मैं अपने जीवन की सभी नकारात्मकता को भूल जाती हूं। लोग मेरे परिवार के लिए खड़े होने और अन्य महिलाओं के लिए एक उदाहरण होने के लिए मेरी बहुत सराहना करते हैं। मैं भी इकलौती महिला कैप्टन के रूप में अन्य रैपिडो राइडर्स के बीच खड़े होने पर गर्व महसूस करती हूं।”
कांता को उनके परिवार, उनके भाई-बहनों, या ससुराल वालों से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला। वह कहती हैं कि यह रैपिडो है जिसने उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने और कठिन समय के दौरान अपने परिवार की देखभाल करने में मदद की है। वह कहती हैं कि उन्हें चाहे कोई भी समस्या हो टीम के सदस्य हमेशा उनकी मदद करके खुश रहते हैं।
कांता का मानना है कि महिलाएं किसी भी काम को करने में सक्षम हैं अगर वे इसमें अपना मन लगाएं।
वे कहती हैं,
“यदि आप एक महिला कप्तान बनना चाहती हैं, तो रैपिडो में शामिल हों। यह न केवल एक नौकरी है जो आपको एक आय प्रदान करती है बल्कि आपको अपने समय के अनुसार काम करने की सुविधा भी देती है। रैपिडो के साथ, आप अपने परिवार और बच्चों की शिक्षा को संभाल सकते हैं। रैपिडो ने मुझे जीवन में एक उद्देश्य दिया है कि मैं अपनी बेटी को हर वह चीज मुहैया कराऊं जो वह चाहती है।"
अब जीवन में उनका एकमात्र उद्देश्य अपनी बेटी को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करना और अपने परिवार के लिए घर बनाना है। और इसके लिए वह कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं।