कैसे अमेरिका में बेरोजगारी ने इस युवा महिला उद्यमी को एक्सपीरियंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म शुरू करने के लिए प्रेरित किया
प्रियंका बॉटनी द्वारा स्थापित, बेंगलुरु स्थित Playonomics कर्मचारियों के लिए उनकी इमोशनल इंटेलिजेंस में सुधार करने के लिए एक एक्सपीरियंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म है।
प्रियंका बॉटनी, कई अन्य लोगों की तरह, बेहतर जीवन की तलाश में, अमेरिका चली गईं। हालांकि, उन्होंने अपने वीजा के साथ जुड़े कई मुद्दों के कारण करियर शुरू करने के लिए खुद को मुश्किल स्थिति में पाया।
प्रियंका ने YourStory को बताया, "मैं अमेरिका में एक अप्रवासी उद्यमी बनने का रहस्य जानने के लिए बेचैन थी। मैंने 2014 में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव द्वारा प्रायोजित, OpenIDEO के एक बिजनेस चैलेंज में भाग लिया और जीता भी।"
इसके तुरंत बाद, प्रियंका ने कर्मचारियों के लिए उनकी इमोशनल इंटेलिजेंस में सुधार करने के वास्ते एक एक्सपीरियंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म
बनाया।वे कहती हैं, "अक्सर कंपनियां आईटी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करती हैं और कर्मचारियों की भावनाओं को कम महत्व दिया जाता है और यह उनके दैनिक जीवन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। हम संगठनों में डिजिटल परिवर्तन के साथ-साथ इमोशनल स्किल यानी भावनात्मक कौशल बनाने के लिए उस इंटेलिजेंस को लाने में मदद करते हैं।”
2014 और 2021 के बीच, Playonomics को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें रिसर्च करना और सब्जेक्ट को लेकर जानकारी हासिल करना, प्रोडक्ट की शिपिंग और एक टीम को एक साथ रखना शामिल था।
2014 में कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में शुरू हुआ, Playonomcis को अप्रैल 2021 में बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप के रूप में पंजीकृत किया गया था।
यह करता क्या है?
Playonomics के प्रोडक्ट की सादगी के बारे में बात करते हुए, प्रियंका बताती हैं, "यह कर्मचारियों को मॉक एक्सपीरियंस से गुजरने में मदद करता है, जहां Playonomics AI और ML मॉडल की मदद से इंसान के रॉ डेटा का इस्तेमाल करके उनके भावनात्मक कौशल के बारे में फीडबैक प्रदान करता है।"
वह कहती हैं कि SaaS प्रोडक्ट से कर्मचारियों को लाभ होगा क्योंकि विभिन्न बिहेवियरल डेटा एनालिसिस रिपोर्ट्स से फीडबैक स्वयं को बेहतर बनाने के लिए विजुअल इनसाइट प्रस्तुत करेगी।
प्रोडक्ट कैसे काम करता है, इस बारे में बोलते हुए, प्रियंका कहती हैं, "हम भाग लेने वाले अनुभवी कर्मचारियों की संख्या से ह्यूमन इंटरेक्शन डेटा कलेक्ट करते हैं और उनकी भावनात्मक बुद्धि के स्तर पर एक रिपोर्ट देने के लिए उनके स्किल लेवल को मापते हैं।"
वे कहती हैं, "हमारी प्राइमरी रिसर्च कर्मचारियों के लिए निर्णय लेने और एक कॉर्पोरेट की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में मानवीय भावनाओं को एकीकृत करने में है। हमारे पास एक इन-हाउस टेक आर्किटेक्चर टीम है, जो विकास कार्य की आउटसोर्सिंग करती है और एआई और एमएल मॉडल का पेटेंट कराती है।”
टीम
प्रियंका ने उदयभानु सिंह को सह-संस्थापक और सीटीओ, बीई और सीनियर एंड्रियोड इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया। वह Playonomics के आर्किटेक्ट हैं, जो बाजार तक पहुंचने के लिए न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (MVP) को संभव बना रहे हैं।
Playonomics में पार्टनर, श्रीनाथ बीके, TVS मोटर कंपनी के एक सेवानिवृत्त VP हैं, जिन्हें भारतीय और वैश्विक बाजारों में दोपहिया वाहनों की डिलीवरी में 40 से अधिक वर्षों का कार्य अनुभव है।
प्रियंका का कहना है कि स्टार्टअप का उद्देश्य कर्मचारियों की भावनाओं के साथ-साथ डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना है।
Playonomics एक B2C व्यवसाय मॉडल को फॉलो करता है, जहां कर्मचारियों को अनुभवों में भाग लेने और स्किल को अनलॉक करने की आवश्यकता होती है। इसका बी2बी मॉडल प्रति कंपनी कर्मचारियों की संख्या पर आधारित है।
वे बताती हैं, "हम बड़े पैमाने पर कंपनियों को उनके कर्मचारी आकार और इंटीग्रेशन के लेवल के आधार पर डिजिटल परिवर्तन यात्रा में भाग लेने के लिए चार्ज करते हैं।"
जहां B2C एमवीपी डेटा आसानी से उपलब्ध है और एआई मॉडल का इस्तेमाल करके एक्सपर्ट प्रोडक्ट द्वारा एनालिसिस किया जाता है, वहीं B2B प्रोडक्ट के लिए उच्च सुरक्षा बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है क्योंकि इसे आईटी इंटीग्रेशन के साथ या बिना लागू किया जा सकता है।
बिजनेस
प्रियंका ने बताया कि एमवीपी की लागत लगभग 25,000 डॉलर है, और इसे फरवरी 2022 में लॉन्च करने में टीम को एक साल से अधिक का समय लगा।
वह बताती हैं कि एमवीपी को लॉन्च करने से पहले स्टार्टअप में आठ साल तक रिसर्च हुई है और एक सहज अनुभव के लिए निरंतर सुधार करती रहती हैं।
वे कहती हैं, “अब, हमारे पास अपने समाधानों के साथ बाजार की समस्याओं का समाधान करने के लिए पर्याप्त डेटा है। ग्राहक की जरूरतों के आधार पर B2B उत्पाद में हमें तीन से छह महीने और लगेंगे।"
आगे बढ़ते हुए, स्टार्टअप ने मानवीय भावनाओं को डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया में एकीकृत करने की योजना बनाई है। वह आगे कहती हैं, "और हम इसे कितनी अच्छी तरह करते हैं, यह निश्चित रूप से हमारी सफलता के मानदंडों को परिभाषित करता है।"
प्रियंका कहती हैं, "हमारा मानना है कि आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अधिक अपनाने की आवश्यकता है, और यह मानवीय हस्तक्षेप, बड़ी तस्वीर को समझने और मानवीय भोग को छोड़कर हो सकता है।"
Edited by रविकांत पारीक