विश्व रेडियो दिवस: ओडिशा के कलाकार ने माचिस की तीलियों से बनाया 1980 के दशक का रेडियो
ओडिशा के प्रसिद्ध कलाकार सास्वत रंजन साहू ने 3130 माचिस की तीलियों का उपयोग करके स्टीरियो सिस्टम को पुन: बनाकर विश्व रेडियो दिवस मनाया। इसे बनाने में उन्हें चार दिन लगे।
हर साल, 13 फरवरी को, विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) लोगों में रेडियो माध्यम के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम ने बीते वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है।
इस दिवस को 2011 में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा घोषित किया गया था और बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2021 में इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में अपनाया गया था।
ओडिशा के पुरी जिले में एक कलाकार ने विश्व रेडियो दिवस को मनाने के लिए 3,000 से अधिक माचिस की तीलियों का उपयोग करके 1980 के दशक के रेडियो की कॉपी तैयार की है।
सास्वत रंजन साहू ने समाचार ऐजेंसी एएनआई को बताया कि उन्हें 3,130 माचिस की तीलियों का उपयोग करके रेडियो बनाने में लगभग चार दिन लग गए।
उन्होंने कहा, "पैनासोनिक स्टीरियो की इस कॉपी को बनाकर मैं सभी रेडियो कार्यक्रमों को अपना समर्थन देता हूं और सभी लोगों से नियमित रूप से रेडियो कार्यक्रमों को सुनने का अनुरोध करता हूं। 3,130 माचिस की तीलियों का उपयोग करके इस कॉपी को बनाने में 4 दिन का समय लगा।"
आपको बता दें कि इससे पहले भी सास्वत रंजन साहू ने माचिस की तीलियों से भगवान जगन्नाथ की मूर्ति बनाई थी। इस मूर्ति को बनाने के लिए 3,635 माचिस की तीलियों का इस्तेमाल किया गया था और इसे पूरा करने में साहू को 11 दिन लगे थे।"