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विश्व गौरैया दिवस: गौरैया को बचाने के लिए खास इंतजाम करते नजर आए लोग

20 मार्च 2010 को, पहली बार विश्व गौरैया दिवस मनाया गया था और तब से, यह दुनिया भर में हर साल मनाया जा रहा है।

विश्व गौरैया दिवस: गौरैया को बचाने के लिए खास इंतजाम करते नजर आए लोग

Saturday March 20, 2021 , 2 min Read

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को, विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) पूरे विश्व में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने और पक्षी की रक्षा करना है। कुछ साल पहले, लोगों के घरों में घर के गौरैया आसानी से देखे जाते थे। अब, ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि के कारण, पक्षी विलुप्त होने के कगार पर है।


विश्व गौरैया दिवस नेचर फॉरएवर सोसाइटी (Nature Forever Society) द्वारा भारत में इको-सीस एक्शन फाउंडेशन (फ्रांस) (Eco-Sys Action Foundation (France)) और दुनिया भर के कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से शुरू की गई एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जो घर में गौरैया और अन्य ऐसे पक्षियों के बारे में जागरूकता को प्रभावित करती है।

World Sparrow Day

फोटो साभार: FWD Life Magazine

विश्व गौरैया दिवस का इतिहास

20 मार्च 2010 को, पहली बार विश्व गौरैया दिवस मनाया गया था और तब से, यह दुनिया भर में हर साल मनाया जा रहा है। नेचर फॉरएवर सोसाइटी की स्थापना मोहम्मद दिलावर नामक एक भारतीय संरक्षणवादी ने की थी, जिसने घर के गौरैया के संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई वर्षों तक बहुत प्रयास किए।

गौरैया को बचाते नजर आए लोग

उत्तरप्रदेश के कानपुर में विश्व गौरैया दिवस के मौके पर एक आश्रय गृह के लोग गौरैया को शिकारी पक्षियों से बचाते नजर आए।


'गौरेया बचाओ अभियान' चलाने वाले गौरव बाजपेयी ने समाचार ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया, "हमने 2014 में कानपुर में इस अभियान की शुरुआत की थी। अंडे देने के लिए कोई उपयुक्त जगह नहीं होने के कारण नई हाउसिंग स्ट्रक्चर्स ने गौरैया को सूट नहीं किया। अपने अभियान के माध्यम से, हम उन्हें सुरक्षित आश्रय और भोजन प्रदान करते हैं। 7 वर्षों में, गौरैया की जनसंख्या में 70,000-80,000 की वृद्धि हुई है।"

कुछ इसी तरह की पहले वाराणसी के नवनीत पांडे चला रहे हैं। नवनीत पांडे का व्यग्र फाउंडेशन गौरैया की रक्षा के लिए अपने प्रयासों के तहत लोगों को घोंसले के बक्से और बाजरा वितरित करता है। नवनीत एएनआई से कहा, "हमारे प्रयासों के कारण शहर में गौरैया की संख्या बढ़ रही है।"

एक आईएफएस अधिकारी राहुल जाधव ने ट्वीट करते हुए बताया, "ये पक्षी घर स्थानीय तौर पर गौरैया जैसे पक्षियों को आश्रय देने के लिए बनाए गए हैं।"

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी गौरैया को बचाने के लिए ट्विटर पर लिखा, "आइए हम गौरैया के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करें।"