यमुना प्राधिकरण ने 12 कंपनियों को जमीन आवंटित की, भारतीय कंपनी बनाएगी मेट्रो कोच
नोएडा, जनपद गौतम बुद्ध नगर के यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण क्षेत्र में भारतीय कंपनी द्वारा मेट्रो कोच बनाया जाएगा। मेट्रो कोच बनाने वाली यह उत्तर प्रदेश की पहली कंपनी है। यमुना प्राधिकरण ने बुधवार को ऑनलाइन साक्षात्कार से 12 कंपनियों को भूमि आवंटन किया है। जिन कंपनियों को जमीन आवंटित की गई है, उनसे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 248 करोड़ का निवेश होगा, जबकि 12 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि मेट्रो कोच बनाने के लिए पीपीएस इंटरनेशनल कंपनी को 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया की तर्ज पर यह भारतीय कंपनी मेट्रो कोच बनाएगी। उन्होंने बताया कि यह कंपनी मेट्रो लाइट व मेट्रो के नये कोच बनाएगी।
उन्होंने कहा कि जर्मन प्रौद्योगिकी के आधार पर स्टेनलेस स्टील के कोच बनेंगे। देश में अब ऐसे ही कोच वाली मेट्रो दौड़ेगी। हालांकि, ये कोच वर्तमान में चल रही मेट्रो के कोच से थोड़े छोटे होंगे, लेकिन इनकी गति पहले जैसे ही रहेगी। कंपनी शुरुआती दौर में यहां 115 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके जरिये यहां पर 500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। कंपनी वर्तमान में भारतीय रेल के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी केबल, कैटिलिवर व इलेक्ट्रिकल प्लग्स आदि बनाती है।
सिंह ने बताया कि इसके अलावा कल न्यू दिल्ली एक्सपोर्ट हाउस, पूजा इंटरनेशनल, अफोर्डेबल एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, स्टार्टअप स्टूडियोज, राज ट्रेडिंग कंपनी, एसवीएम, शिखा मैनेजमेंट सॉल्यूशन, साईं क्रिएशन, होम ड्यूलेक्स सहित 12 कंपनियों को जमीन आवंटित की गई। उन्होंने बताया कि इस आवंटन से यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 248 करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यमुना विकास प्राधिकरण ने आज जिन कंपनियों को जमीन आवंटित किया है, उनमें सबसे अधिक कपड़ा कंपनियां है। इन कंपनियों को अपैरल पार्क में जमीन आवंटित की गई है।
सिंह ने कहा कि प्राधिकरण ने एक वर्ष में 515 उद्योगों को जमीन आवंटित की है। यमुना प्राधिकरण तीन औद्योगिक पार्क विकसित कर रहा है। इसमें अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क व एमएसएमई पार्क शामिल है। इसमें 8,150 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जबकि सात लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
Edited by रविकांत पारीक