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सफल होने के लिए महिलाओं को ख़ुद पर शक करना छोड़ना होगा: वाणी कोला

SheSparks 2023 में कई ऐसी महिला एंटरप्रेन्योर्स व फाउंडर्स ने हिस्सा लिया, जिन्होंने अपनी सफलता को लोहा मनवाया है और जो कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं.

सफल होने के लिए महिलाओं को ख़ुद पर शक करना छोड़ना होगा: वाणी कोला

Friday March 03, 2023 , 3 min Read

शुक्रवार को योर स्टोरी के आयोजन SheSparks 2023 में बोलते हुए कलारी कैपिटल (Kalaari Capital) की CEO वाणी कोला ने कहा, “महिलाओं को व्यवसाय और जीवन में सफल होने के लिए ‘ख़ुद पर शक करने’ और ‘इंपोस्टर सिंड्रोम’ से बचना होगा”.

SheSparks 2023 में कई ऐसी महिला एंटरप्रेन्योर्स व फाउंडर्स ने हिस्सा लिया, जिन्होंने अपनी सफलता को लोहा मनवाया है और जो कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं.

वाणी ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी, लीडरशिप पोजिशन में उनकी जगह, महिला फाउंडर वाले स्टार्टअप को मिलने वाली फंडिंग को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि महिला एंटरप्रेन्योर को मिलने वाली वेंचर कैपिटल (VC) फंडिंग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, उन्हें कुल वेंचर कैपिटल फ़ंडिंग का 1% मिलता है. महिला इन्वेस्टर्स की संख्या बहुत अधिक है. उन्होंने बताया कि महिला सीईओ की संख्या भी बहुत अधिक नहीं है.

कोला ने आगे बताया कि दस में से सात बार तो जब कोई महिला फाउंडर या लीडर फंडिंग पिच करने के लिए जाती हैं, तब वह उस कमरे में अकेली महिला होती हैं. और अक्सर महिला एंटरप्रेन्योर ऐसा महसूस करती हैं कि फंडिंग इकट्ठा करने के दौरान उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कई बार हम बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए बड़े तरीके अपनाते हैं और कई बार हम एक-एक कदम आगे बढ़ते हैं, इसीलिए उन्होंने महिला एंटरप्रेन्योर को फंडिंग देने के लिए एक पहल की.

वाणी ने भारत में महिता उद्यमियों और उनको मिलने वाली फ़ंडिंग के बारे में कलारी कैपिटल की पहल CXXO और योरस्टोरी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट स्टेट ऑफ वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप को प्रस्तुत किया और उस रिपोर्ट के अहम डाटा को इस्तेमाल करते हुए इन मुद्दों पर बात की. यह रिपोर्ट इस बात की समझ प्रदान करती है कि टेक्नोलॉजी में महिलाओं के पीछे रहने का कारण क्या है और लीडरशिप पोजिशन में अधिक महिलाओं को शामिल करने के लिए कौन से संभावित समाधान और विचार हो सकते हैं.

यह रिपोर्ट एंटरप्रेन्योरशिप में भारतीय महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले पूर्वाग्रहों पर भी एक बेहद अनूठा सर्वे पेश करती है औ टेक्नोलॉजी फील्ड में महिलाओं की भूमिका को लेकर ठोस आंकड़े पेश करती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी एंटरप्रेन्योरशिप और सीनियर लीडरशिप पोजिशन दोनों में ही बेहद कम बनी हुई है. महिलाओं की लीडरशिप वाले कारोबारों के बेहतर परफॉर्म करने के बाद भी साल 2021-22 में उन्हें 1 फीसदी से भी कम इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टमेंट मिल पाया.

रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं द्वारा शुरू किए गए केवल 9 फीसदी स्टार्टअप्स को फंडिंग मिल पाती है. वहीं, 1 फीसदी एंजल इंवेस्टर्स महिलाएं हैं.

भारत में मौजूद 115 यूनिकॉर्न्स में से केवल 15 फीसदी यूनिकॉर्न्स की को-फाउंडर महिलाएं हैं. वहीं, केवल 2 यूनिकॉर्न्स में ही महिला सीईओ हैं.

एक तरफ़ स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी का स्तर बेहद कम है और दूसरी तरफ़ उनके साथ भेदभाव कई गुना अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में 60 फीसदी महिलाओं को किसी न किसी तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ा. 55 फीसदी महिला एंटरप्रेन्योर का मानना है कि उन्हें पुरुषों के समान मौके नहीं मिलते हैं.

वाणी देश की सबसे सक्रिय और सफल एंटरप्रेन्योर्स में से एक है. बता दें कि, सिलिकॉन वैली में एक सफल कार्यकाल के बाद, वह एक इंवेस्टर बन गईं और स्टार्टअप्स को फंडिंग देने का फैसला किया. उन्होंने 2011 में कलारी कैपिटल की स्थापना की. कलारी आईटी, मोबाइल, हेल्थ, सॉफ्टवेयर उत्पाद, मीडिया और टेक्नोलॉजी से संबंधित कंपनियों में निवेश करने पर केंद्रित है.


Edited by Vishal Jaiswal