Zomato ने बंद की 10 मिनट की फूड डिलीवरी सर्विस, 800 नौकरियां निकालीं
जोमैटो ने अपने इंस्टैंट सर्विस की शुरुआत मार्च, 2022 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गुरुग्राम से की थी. ऐसा उसने कस्टमर्स की जल्द से जल्द डिलीवरी पहुंचाने की मांग को देखते हुए किया था. गुरुग्राम के बाद इस सर्विस को बेंगलुरु में भी शुरू किया गया था.
फूड एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म जोमैटो
ने अपनी 10 मिनट की डिलीवरी सर्विस जोमैटो इंस्टैंट (Zomato Instant) को बंद कर दिया है. इसका कारण है कि स्विगी को अपने इस कारोबार में न तो ग्रोथ नजर आ रहा है और न ही उसके प्रॉफिटेबल होने की उम्मीद नजर आ रही है.बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इस दावों को खारिज किया है और कहा है कि वह केवल अपने इस कारोबार की रिब्रांडिंग कर रही है.
बता दें कि, जोमैटो ने अपने इंस्टैंट सर्विस की शुरुआत मार्च, 2022 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गुरुग्राम से की थी. ऐसा उसने कस्टमर्स की जल्द से जल्द डिलीवरी पहुंचाने की मांग को देखते हुए किया था. गुरुग्राम के बाद इस सर्विस को बेंगलुरु में भी शुरू किया गया था.
कंपनी अपनी इस सर्विस के लिए फिनिशिंग स्टेशन का इस्तेमाल कर रही थी. इसके लिए वह एक विशेष क्षेत्र में 20-30 सबसे अधिक बार ऑर्डर किए जाने वाले व्यंजन रखे जाते थे.
जोमैटो प्रवक्ता ने कहा कि इंस्टैंट बंद नहीं होने जा रहा है. हम अपने पार्टनर्स के साथ नई मीनू पर काम कर रहे हैं और कारोबार को रिब्रांडिंग कर रहे हैं. सभी फिनिशिंग स्टेशंस बने रहेंगे और इस फैसले से कोई भी प्रभावित नहीं होने जा रहा है.
800 नौकरियां निकालीं
यह कदम एक ऐसे समय में सामने आया है जब कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने एक लिंक्डइन पोस्ट में 5 तरह की भूमिकाओं के लिए 800 नौकरियां निकाली हैं. इन रोल में सीईओ के चीफ ऑफ स्टॉफ, जनरलिस्ट, ग्रोथ मैनेजर, प्रोडक्ट ओनर और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर शामिल हैं.
'चीफ ऑफ स्टाफ टू सीईओ' टाइटल वाले एक विशेष रोल के लिए, विज्ञापन कहता है कि यह एक 24*7जॉब है, जहां वर्क-लाइफ बैलेंस की पारंपरिक कर्मचारी मानसिकता काम नहीं करेगी.
3 महीने में 4 को-फाउंडरों ने दिया इस्तीफा
जोमैटो का यह कदम एक ऐसे समय में भी सामने आया है जब कंपनी से हाल के समय में कई बड़े इस्तीफे हुए हैं. जोमैटो के शुरूआती कुछ कर्मचारियों में शामिल और कंपनी के लिए मूल टेक्नोलॉजी सिस्टम का निर्माण करने वाले को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) गुंजन पाटीदार ने इस महीने की शुरुआत में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
इससे पहले पिछले साल एक ही महीने यानी नवंबर में कंपनी के तीन को-फाउंडरों और एक सीनियर अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया था.
पिछले साल नवंबर में कंपनी के एक और सह-संस्थापक, मोहित गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया था. गुप्ता साढ़े चार साल पहले ज़ोमैटो में शामिल हुए थे. उन्हें 2020 में कंपनी के खाद्य वितरण व्यवसाय के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) पद से पदोन्नति देकर को-फाउंडर बनाया गया था.
न्यू इनीशिएटिव हेड राहुल गंजू और इंटरसिटी हेड सिद्धार्थ जेवर ने सीनियर लेवल मैनेजमेंट पर स्थिरता की चिंताओं को देखते हुए इस्तीफा दे दिया था.
जोमैटो ने जुलाई 2021 में अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के दो महीने बाद को-फाउंडर गौरव गुप्ता को भी देखा था. उन्हें 2019 में प्रमोट कर को-फाउंडर बनाया गया था. इससे पहले जोमैटो के शुरुआती को-फाउंडर पंकज चड्ढा ने 2018 में कंपनी छोड़ दी थी.
नवंबर में 3 फीसदी कर्मचारियों को निकाला था
इसके बाद नवंबर महीने में फूड एग्रीगेटर ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अपने ऐप के माध्यम से फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी बंद कर दिया था और लागत में कटौती की कवायद के हिस्से के रूप में अपने 3,800 कर्मचारियों में से 3 प्रतिशत को नौकरी से निकाल दिया था.
घाटे को कम करने में रहा कामयाब
जोमैटो, हालांकि, जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए अपने घाटे को 251 करोड़ रुपये तक कम करने में कामयाब रहा. यह पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 429.6 करोड़ रुपये की तुलना में है. फर्म के लिए राजस्व 62.2 प्रतिशत बढ़कर 1,661 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1,024 करोड़ रुपये था.
Edited by Vishal Jaiswal