अपने 'मॉल' के लिए 4,000 करोड़ की फंडिंग जुटाने की तैयारी में पेटीएम
पेटीएम मॉल पर पेटीएम ई-कॉमर्स का मालिकाना हक है। इसी साल पेमेंट और वॉलेट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस से डीमर्ज करके इस ऑनलाइन रीटेल कंपनी को बनाया गया था।
पेटीएम मॉल इसमें तीसरे नंबर पर काबिज होने की कोशिश कर रही है। उसने महत्वाकांक्षी ग्रोथ की योजना बनाई है। इसे पूरा करने के लिए कंपनी फंड जुटाना चाहती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये की फंडिंग के लिए कई फंडिंग सोर्सेज से बातचीत की जा रही है।
भारत की सबसे बड़ी ई-वॉलिट कंपनी पेटीएम अपने ई-कॉमर्स सेक्शन के लिए और अधिक फंडिंग जुटाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये की फंडिंग के लिए कई फंडिंग सोर्सेज से बातचीत की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस फंडिंग का इस्तेमाल कई दूसरी कंपनियों को खरीदने में किया जा सकता है। अभी भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में फ्लिपकार्ट और अमेजन का दबदबा है। पेटीएम मॉल इसमें तीसरे नंबर पर काबिज होने की कोशिश कर रही है। उसने महत्वाकांक्षी ग्रोथ की योजना बनाई है। इसे पूरा करने के लिए कंपनी फंड जुटाना चाहती है।
पेटीएम मॉल में चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और उसकी पेमेंट सब्सिडियरी एंट फाइनैंशल की बहुमत हिस्सेदारी है। एक सूत्र ने बताया, 'इस साल के अंत तक पेटीएम 3,000-4,000 करोड़ का नया फंड जुटाना चाहती है। वह एशिया और अमेरिका के फाइनैंशल इन्वेस्टर्स से इसके लिए बात कर रही है।' पेटीएम मॉल पर पेटीएम ई-कॉमर्स का मालिकाना हक है। इसी साल पेमेंट और वॉलेट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस से डीमर्ज करके इस ऑनलाइन रीटेल कंपनी को बनाया गया था। कंपनी ने इस साल अलीबाबा ग्रुप और वेंचर फंड एसएआईएफ पार्टनर्स से 20 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया था।
पेटीएम मॉल ने हाल ही में अपनी कैशबैक सेल लॉन्च की थी। इस सेल में ग्राहकों को 501 करोड़ रुपये तक का कैशबैक देने का दावा किया गया था। इस सेल में हर रोज 25 खरीदारों को 100 फीसद कैशबैक दिया गया। अलीबाबा के साथ मिलकर पेटीएम मॉल भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अक्विजिशन और स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट्स की ताक में है। इकनॉमिक टाइम्स ने 11 जुलाई के अंक में खबर दी थी कि अलीबाबा के साथ मिलकर पेटीएम मॉल ऑनलाइन ग्रॉसरी रीटेलर बिगबास्केट में 20 करोड़ डॉलर का निवेश करने के लिए बात कर रही है। यह सौदा फाइनल स्टेज में है। कंपनी की सोच से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी दोनों कंपनियां निवेश कर सकती हैं। हालांकि, इन डिवेलपमेंट के बारे में पूछे गए सवालों का पेटीएम ने जवाब नहीं दिया।
कन्ज्यूमर रीटेल सेक्टर को ट्रैक करने वाले एक ऐनालिस्ट ने बताया, 'चार दिनों तक चली फेस्टिव सेल्स में पेटीएम की अनुमानित ग्रॉस सेल 900 करोड़ रुपये को पार नहीं कर पाई।' हालांकि, उन्होंने अनुमान जताया कि पिछले साल की फेस्टिव सेल की तुलना में इस साल कंपनी का मार्केट शेयर दोगुना हो गया। उसकी वजह कंपनी की तरफ से दी गई भारी छूट है। पेटीएम मॉल ने मार्केटिंग, कैशबैक और प्रमोशंस पर सितंबर और अक्टूबर महीने में 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। उसने इस फेस्टिव सीजन में 3,200 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा है और साल के अंत तक 4 अरब डॉलर सालाना के ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम तक पहुंचना चाहती है।
हाल ही में पेटीएम मॉल के मुख्य परिचालन अधिकारी अमित सिन्हा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत करते हुए कहा था कि हम कहीं अधिक गहराई में उतरेंगे और दुर्गापूजा एवं दशहरा जैसे क्षेत्रीय त्योहारों के आने से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों के जरिये क्षेत्र-विशेष के लिहाज से बड़ी तादाद में उत्पादों की पेशकश करेंगे। हम कहीं अधिक लक्षित बिक्री करेंगे क्योंकि वे मौजूदा उपयोगकर्ताओं के बीच कहीं अधिक रुचि और आकर्षण पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले साल तक हम देश की शीर्ष ई-कॉमर्स कंपनी बन जाएंगे। त्योहारी बिक्री पर हमारी अच्छी पकड़ हो चुकी है। हम अपने लॉजिस्टिक्स को सुधार रहे हैं और अपने साझेदारों के साथ करीबी से काम कर रहे हैं।
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