Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

[गांधी जयंती विशेष] जिंदगी को सार्थक बना देंगी बापू की ये 10 बातें

आज महात्मा गांधी की जन्म-जयंती पर हम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए उनकी कुछ बातों को आपके सामने रख रहे हैं जिन्हें आप अपने जीवन में उतारकर आगे बढ़ सकते हैं और अपनी जिंदगी को सार्थक बना सकते हैं.

[गांधी जयंती विशेष] जिंदगी को सार्थक बना देंगी बापू की ये 10 बातें

Monday October 02, 2023 , 4 min Read

जिंदगी में धन कमाने के साथ ही इन शिक्षाओं को अर्जित करना भी उतना ही जरूरी है. महात्मा गांधी के विचार में उन मूल्यों को सिखाते हुए सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं.

'निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पंहुचा देता है' — महात्मा गांधी

गांधी कहते थे कि आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है. अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं. इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो.

दुनिया के लगभग सभी देशों में लोग विकास की अंधी दौड़ में भागे जा रहे हैं, उसमें भारत भी शामिल है. लेकिन लगातार गिरते सामाजिक और मूल्यों की बात कोई नहीं कर रहा है. जिंदगी में पैसे रुपये तो कभी भी कमाए जा सकते हैं, लेकिन नैतिक मूल्य जैसी चीजें इंसान को काफी संयम और सही मार्गदर्शन के बाद ही हासिल होती हैं. जिनके लिए ये मूल्य मायने रखते हैं उनके लिए रुपये-पैसे और बाकी सुख सुविधाओं की कीमत कम हो जाती है. जिंदगी में धन कमाने के साथ ही इन शिक्षाओं को अर्जित करना भी उतना ही जरूरी है. महात्मा गांधी के विचार में उन मूल्यों को सिखाते हुए सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं.

आज के दिन सन 1869 को महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. गांधी जैसी शख्सियत ने न केवल भारत को आजादी दिलाई बल्कि एक विचार भी स्थापित किया जिसे गांधीवाद के नाम से जाना जाता है. सत्य और अंहिसा के पुजारी माने जाने वाले गांधी का मानना था कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन. उनके जीवन को अगर हम सही से पढ़ लें तो हमें कुछ और जानने की जरूरत नहीं रह जाती. आधुनिक जीवन की बेचारगी और व्यर्थता का कारण यही है कि इस जीवन दर्शन में संयम के लिए कोई स्थान नहीं है. वहीं गांधी जीवन में संयम की बात करते थे.

आज महात्मा गांधी की कुछ बातों को हम आपके सामने रख रहे हैं जिन्हें आप अपने जीवन में उतारकर आगे बढ़ सकते हैं और अपनी जिंदगी को सार्थक बना सकते हैं:

  • किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है.

  • ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो. ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो.

  • अपने प्रयोजन में दृढ़ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है.

  • विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है.

  • हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें. हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा.

  • आप मानवता में विश्वास मत खोइए. मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता.

  • वो बदलाव खुद में लाइए जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं.

  • चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा नहीं. मैं केवल भगवान से डरूं. मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं. मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं. मैं असत्य को सत्य से जीतुं. और असत्य का

विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ.

  • चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए.

  • गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में.

15वीं शताब्दी के गुजरात के संत कवि नरसी मेहता द्वारा रचित एक अत्यंत लोकप्रिय भजन, जो कि गांधी जी की नित्य प्रार्थना में सम्मिलित था, की पंक्तियों के साथ हम उन्हें आज उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं...

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे..

यह भी पढ़ें
लंदन से CA की पढ़ाई कर भारत लौटे; 19 की उम्र में किया स्टार्टअप