Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

महिलाओं के पास होता है पुरुषों से तेज दिमाग: रिसर्च

हाल ही में हुए एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है, कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक दिमाग पाया जाता है। महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में अधिक ध्यान केंद्रित करने, आवेश नियंत्रण, भाव और तनाव के क्षेत्रों में अधिक सक्रिय होता हैं। इस विषय पर ये अब तक की सबसे बड़ी स्टडी मानी जा रही है। ये सारा परीक्षण स्पेक्ट तकनीक से किया गया। विस्तार से जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी...

सांकेतिक तस्वीर। फोटो साभार: Shutterstock

सांकेतिक तस्वीर। फोटो साभार: Shutterstock


पुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क की आपसी तुलना के बाद यह सामने आया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सहानुभूति, सहयोग, आत्म-निर्भर, चीजों को कंट्रोल करना, मुसीबतों में अधिक धैर्य रखना; ये सारे गुण पुरुषों की अपेक्षा अधिक होते हैं।

साथ ही रिसर्च में यह बात भी सामने आई है, कि मस्तिष्क संबंधी विकार पुरुषों और महिलाओं दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं। महिलाओं में अल्जाइमर रोग, अवसाद और तनाव की स्थिति की मात्रा अधिक होती है, जबकि पुरुषों में एडीएचडी की अधिक मात्रा और आचरण संबंधी समस्याएं पाई गईं।

एक रिसर्च से यह सामने आया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का दिमाग ज्यादा सक्रिय होता है। रिसर्च में 46,034 मस्तिष्कों का अध्ययन किया गया। इस विषय पर ये अब तक की सबसे बड़ी स्टडी मानी जा रही है। आमीन क्लीनिक्स के संस्थापक और जर्नल आफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित इेस अध्ययन के प्रमुख लेखक डेनियल जी अमेन हैं। उन्हीं के शब्दों में, 'यह लिंग-आधारित मस्तिष्क के मतभेदों को समझने में मदद करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अध्ययन है। हम समझते हैं कि पुरुषों और महिलाओं के बीच का ये मात्रात्मक मतभेद महत्वपूर्ण हैं। अल्जाइमर रोग जैसे मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए लिंग आधारित अलग अलग जोखिमों के बारे में ज्यादा से ज्यादा रिसर्च होनी चाहिए।'

क्या कहती है ये रिसर्च

अध्ययन से यह पाया गया है कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक दिमाग पाया जाता है। महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में अधिक ध्यान केंद्रित करने, आवेश नियंत्रण, भाव और तनाव के क्षेत्रों में अधिक सक्रिय होता हैं। ये सारा परीक्षण स्पेक्ट तकनीक से किया गया। आपकी जानकारी के लिए, मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को माप सकता है। इस अध्ययन में 119 स्वस्थ लोगों और 26,683 रोगियों को शामिल किया गया। उनके कई सारे परीक्षण किए गये, जिसमें मूड का बदलना, हाव-भाव का बदलना, मनोदशा विकार, मनोवैज्ञानिक विकार जैसी कई मनोरोग स्थितियों की भी जांच की गई।

क्यों जरूरी है मस्तिष्क में अंतर को समझना

इन सभी अंतर को समझना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि मस्तिष्क संबंधी विकार पुरुषों और महिलाओं को अलग तरह से प्रभावित करते हैं। महिलाओं में अल्जाइमर रोग, अवसाद और तनाव की स्थिति की मात्रा अधिक पाई गई है जबकि पुरुषों में एडीएचडी की अधिक मात्रा और आचरण संबंधी समस्याएं पाई गई है। पुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क की आपसी तुलना के बाद यह सामने आया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सहानुभूति, सहयोग, आत्म-निर्भर, चीजों को कंट्रोल करना, मुसीबतों में अधिक धैर्य रखना; ये सारे गुण अधिक होते हैं। महिलाओं में चिंता से निपटने के लिए अधिक ताकत होती है। दिमागी तौर पर वो कठिनाइयों का सामना पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अच्छे से करती हैं। साथ ही सोचने समझने की शक्ति का इस्तेमाल वो पुरुषों के मुकाबले धैर्य के साथ करती हैं।

दिमागी बीमारियों से लड़ने में मिलेगी मदद

जिस तरह से महिलाओं और पुरुषों के बाकी के अंगों में भिन्नता होती है वैसे ही उनकी दिमागी संरचनाएं भी अलग-अलग होती हैं। शरीर में होने वाले रक्त प्रवाह और अंग संगठन के हिसाब से ही दोनों का दिमाग अलग अलग तरह से काम करता है। इस स्टडी को लीड कर रहे प्रोफेसर के मुताबिक, मस्तिष्कों का अध्ययन करना किसी प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत नहीं हैं बल्कि ये समझना है कि स्त्री और पुरुष दोनों के दिमाग अलग-अगल तरीके से काम करते हैं। दोनों को ही अलग-अगल बीमारियां अलग अलग तरीके से प्रभावित करती हैं। 

ऐसे में ये स्टडी इस लिहाज से जरूरी है कि अल्जाइमर जैसी गंभीर दिमागी समस्या से लड़ने के लिए अलग अलग जेंडरों के लिए क्या रणनीति बनाई जाए। इस स्टडी के रिजल्ट हमें हमारे पार्टनर्स की स्थिति को समझने में मदद करेंगे।

पढ़ें: समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों में बढ़ जाता है डायबिटीज़ का खतरा