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प्रधानमंत्री हैं करदाताओं की शिकायतों को लेकर चिंतित

अधिकारियों को समस्याओं का जल्द समाधान करने का दिया निर्देश 

प्रधानमंत्री हैं करदाताओं की शिकायतों को लेकर चिंतित

Thursday September 29, 2016 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करदाताओं द्वारा बड़ी संख्या में की जाने वाली शिकायतों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों से उनकी समस्याओं का जल्द समाधान करने को कहा है। इस काम में उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री की अधिकारियों के साथ सक्रिय राजकाज संचालन और समय पर क्रियान्वयन नीति की समीक्षा बैठक के दौरान यह मुद्दा सामने आया है। इसे संक्षेप में ‘प्रगति’ नाम दिया गया है। इसके तहत प्रधानमंत्री की राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत होती है और उसके जरिये विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति तथा अन्य मुद्दों की समीक्षा की जाती है। ‘प्रगति’ एक प्रकार का बहुआयामी मंच है।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने आयकर विभाग से जुड़ी शिकायतों को देखने और उनके समाधान की दिशा हुई प्रगति की समीक्षा की।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘करदाताओं की बड़ी संख्या में की गई शिकायताओं पर चिंता जताते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके निपटारे के लिये एक प्रणाली स्थापित की जानी चाहिये।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिये प्रौद्योगिकी का जितना संभव हो उतना अधिक इस्तेमाल करने को कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वह कोष के इस्तेमाल की प्रक्रियाओं का एक समान सेट तैयार करें ताकि खनिज संपन्न जिलों में जनजातीय वर्ग सहित पिछड़े समुदायों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, ‘‘यह नोट किया गया है कि खनिज संपन्न 12 राज्यों में इसके तहत 3,214 करोड़ रपये की राशि जुटाई गई है। निकट भविष्य में इसमें और ज्यादा राशि आने की उम्मीद है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के वक्तव्य में कहा गया है कि बैठक में विभिन्न राज्यों में चल रही व्यापक प्रभाव वाली ढांचागत परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इनमें जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, असम, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की परियोजनायें शामिल हैं। इन परियोजनाओं में सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्र की परियोजनायें शामिल हैं।

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आय घोषणा योजना : बिना पैन नंबर के भी कालेधन की घोषणा स्वीकार

उधर, दूसरी ओर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि कालाधन अनुपालन खिड़की के तहत बिना पैन नंबर के की गई आय घोषणाओं को भी स्वीकार किया जाए लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि उस संस्थान या निकाय द्वारा यह नंबर बाद में मुहैया कराया जाए। बोर्ड ने विभाग को निर्देश दिया कि आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत बिना पैन नंबर आय की घोषणा करने वालों के आवेदन के साथ एक नया पैन नंबर तुरंत जारी करने का आवेदन भी लिया जाए। आईडीएस के तहत मान्य आय घोषणा के लिए पैन नंबर अनिवार्य है।