नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनेंगी सुशीला कार्की
नेपाल में सुशीला कार्की देश की पहली महिला न्यायाधीश बनने जा रही हैं, क्योंकि एक संसदीय समिति ने उनके नाम का सर्वसम्मति से अनुमोदन कर दिया, जिसके बाद अब उनके कार्यभार संभालने की औपचारिकता भर रह गई है।
सुशीला की नियुक्ति की पुष्टि का मतलब यह है कि अब नेपाल में राष्ट्रपति, संसद की स्पीकर और सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद पर महिलाएं आसीन होंगी।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली सुशीला भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का नज़रिया रखने के लिए जानी जाती हैं।
संसदीय सुनवाई विशेष समिति की ओर से सुनवाई किए जाने के दौरान सुशीला ने सांसदों से कहा कि न्यायाधीशों की कमी के कारण सर्वोच्च न्यायालय बहुत ही मुश्किल समय का सामना कर रहा है।
न्यायिक परिषद ने बीते 10 अप्रैल को सुशीला के नाम की अनुशंसा की थी। सुशीला ने बीते 14 अप्रैल को कल्याण श्रेष्ठ के सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यवाहक प्रधान न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था। (पीटीआई)
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 में हुआ। वह सात बच्चों में सबसे बड़ी लड़की थी। उनके पति नेपाली कांग्रेस के लोकप्रिय नेता रहे हैं। सुशीला ने 1972 में महेंद्र मोर्गन कैंपस बैराटगर से बीए की शिक्षा पूरी की थी और 1975 में बनारस हिंदु विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। 1978 में उन्होंने नेपाल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त की। कुछ दिनों तक उन्होंने इसी कॉलेज में शिक्षक की भूमिका भी निभाई।