शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई तो बेंगलुरु के लोगों ने खुद साफ की सड़क
इस बार बेंगलुरू के आम आदमी सरकार गिराने नहीं बल्कि सड़क के कचरे को साफ करने के लिए निकले थे। बेंगलुरु शहर के काग्गडसपुरा और सीवी रमन नगर के लगभग 150 निवासियों ने काफी दिन से पड़े कचरे को साफ करने के लिए अभियान चलाया।
जब गाड़ी से कचरा उठाया जाता है तो वह गाड़ी से सड़कों पर गिरते हुए जाता है। कई बार तो ऐसा होता है कि आधे किलोमीटर तक कचरा बिखरा रहता है। इससे बदबू के साथ बीमारी भी फैलती है।
आम नागरिक अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई जैसी चीजों को दुरुस्त कराने के लिए प्रशासन से गुहार लगाते रहते हैं, कभी प्रशासन सुन लेता है तो कभी आम आदमी की आवाज नहीं सुनी जाती। लेकिन आम आदमी को अपनी शक्ति मालूम होती है और जब वह सड़क पर उतरता है तो सरकारें बदल जाती हैं। हालांकि इस बार बेंगलुरू के आम आदमी सरकार गिराने नहीं बल्कि सड़क के कचरे को साफ करने के लिए निकले थे। बेंगलुरु शहर के काग्गडसपुरा और सीवी रमन नगर के लगभग 150 निवासियों ने काफी दिन से पड़े कचरे को साफ करने के लिए अभियान चलाया।
अभियान में शामिल तमन्ना ने कहा, 'हमने सुबह 8 बजे शुरुआत की थी और 10 बजे यह काम हो गया। उसके बाद हमने दीवारों को पेंट करना शुरू किया। हममें से कुछ लोग नगरपालिका के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे थे।' स्थानीय लोगों का कहना था कि कचरे की वजह से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा था इसलिए उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा। लोग बताते हैं कि जब गाड़ी से कचरा उठाया जाता है तो वह गाड़ी से सड़कों पर गिरते हुए जाता है। कई बार तो ऐसा होता है कि आधे किलोमीटर तक कचरा बिखरा रहता है। इससे बदबू के साथ बीमारी भी फैलती है।
इस समस्या के निस्तारण के लिए आसपास रहने वाले लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ दिन पहले ही 400 निवासियों ने प्रोटेस्ट भी किया था। प्रोटेस्ट के दौरान शहर के मेयर ने उनसे समस्या का निस्तारण करने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ। बीते शनिवार को लोगों ने खुद से कचरा साफ किया, लेकिन आने वाले समय में वे महानगरपालिका मुख्यालय पर जाकर धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
इस इलाके में अभयहस्त मल्टीस्पेशियेलिटी हॉस्पिटल है जहां बीते कुछ दिनों से संक्रमण, आंथों में जलन, कीटों के काटने और त्वचा रोग जैसे मरीजों की तादाद बढ़ी है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि इसके पीछे सड़कों पर गिरा हुआ खतरनाक कचरा है। कचरे की वजह से मच्छर और कीटों की संख्या में इजाफा होता है। इतना ही नहीं इसकी वजह से यहां का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषित पानी से डायरिया और टायफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
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