5G स्पेक्ट्रम की नीलामी का छठा दिन, अबतक मिलीं कुल 1.50 लाख करोड़ रुपये की बोलियां
July 31, 2022, Updated on : Sun Jul 31 2022 16:32:55 GMT+0000

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देश में 5G स्पेक्ट्रम के आवंटन की नीलामी प्रक्रिया रविवार को लगातार छठे दिन जारी रही. नीलामी के पहले पांच दिन में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों की ओर से 1,49,966 करोड़ रुपए की बोलियां लगाई जा चुकी हैं.
स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी का 31वां दौर रविवार सुबह शुरू हुआ. कंपनियों के बीच उत्तर प्रदेश पूर्वी सर्किल के लिए 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए मांग बुधवार से काफी तेज हो गई थी, जो अब सुस्त पड़ी है.
मीडिया रिपोर्ट्स में उद्योग के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि नीलामी अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है. बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि दिन में बोली किस तरीके से आगे बढ़ती है. शनिवार तक कुल बोलियां 1.50 लाख करोड़ रुपए के पास पहुंच गई थीं.
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को दूरसंचार निवेशकों के गोलमेज के बाद कहा था कि 5G नीलामी से पता चलता है कि उद्योग विस्तार करना चाहता है. उद्योग अब समस्याओं से बाहर आ चुका है और वृद्धि की राह पर बढ़ना चाहता है.
दूरसंचार विभाग ने इस नीलामी में कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की बिक्री की पेशकश की है. इस नीलामी में रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के अलावा अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) भी शिरकत कर रही है.
5G स्पेक्ट्रम (5G Spectrum Auction) के लिए नीलामी प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हुई थी. इसमें 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जाएंगी.
दूरसंचार विभाग को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है. उद्योग जगत को उम्मीद है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री आरक्षित मूल्य के आसपास ही होगी.
देश में 5G सेवाएं शुरू होने से अत्यधिक तीव्र गति वाली इंटरनेट सेवाएं देने का रास्ता साफ हो पाएगा. मौजूदा 4G सेवाओं की तुलना में 5G सेवा करीब 10 गुना तेज होगी.
5G स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को 1.95 लाख करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है. ऐसा विशेषज्ञों का मानना है.
Trai ने 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम बैंड, जिसे मिलीमीटर बैंड कहा जाता है, के लिए 6.99 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आरक्षित मूल्य भी तय किया था.
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