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‘मैं’ नहीं, ‘हम’ सब साथ मिलकर कुछ भी कर सकते हैं-डॉ. महेश शर्मा

‘मैं’ नहीं, ‘हम’ सब साथ मिलकर कुछ भी कर सकते हैं-डॉ. महेश शर्मा

Friday March 11, 2016 , 3 min Read

दिल्ली में योरस्टोरी के भाषा महोत्सव में बोलते हुए केंद्रीय पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने जोर दिया कि हमें दूसरों की अंदर की खूबियों को देखने के बजाय अपनी खूबियां बाहर निकालने की कोशिश करनी चाहिए.

डॉ. शर्मा ने कहा कि आज भारत दुनिया भर में अपना नाम और शोहरत बढ़ा रहा है. अपने भाषण में उन्होंने सभाघर में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 

"मैं उन युवाओं को देख रहा हूं जिनकी आंखों में सपने हैं और वे अपनी जिंदगी में कुछ करने का माद्दा रखते हैं. आज दुनिया भर में भारतीय विज्ञान, चिकित्सा और तकनीकी के क्षेत्र में झंडे गाड़ रहे हैं और भारत का महत्व बढ़ा रहे हैं"


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उन्होंने जोर दिया, 

"विरासत में क्या मिला यह ज़रूरी नहीं, वसीयत में क्या छोड़कर जा रहे हैं यह महत्वपूर्ण है. हमें लीक से हटकर चलना होगा तभी हम लीक स्थापित कर सकेंगे" 

उन्होंने कहा कि अक्सर लोग बने बनाए लीक पर चलते हैं लेकिन लीक बनाने वाले बहुत कम हैं. डॉ. शर्मा ने कहा कि लीक बनाने वाले की ही पहचान देश और समाज कर पाता है. योरस्टोरी के भाषा महोत्सव के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम लीक बनाए और दुनिया को उस लीक पर चलने को मजबूर करें.


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मैं से दुनिया नहीं चलती। दुनिया 'हम' से चलती है। हम हैं तो दुनिया हैं। दुनिया है तो हम हैं। उन्होंने योरस्टोरी की संस्थापिका श्रद्धा शर्मा की तारीफ करते हुए कहा, 

"मैं श्रद्धा के ‘मैं नहीं हम के विचार की इज्जत करता हूं. और इस ‘हम’ को आगे बढ़ाना है"

उन्होंने कहा दुनिया भर में प्रतिस्पर्द्धा गला काट है और इस गला काट प्रतिस्पर्द्धा में अपने आपको हमें बचाना है. डॉ. शर्मा ने कहा कि हम हमेशा संसाधन की कमी का रोना रोते हैं लेकिन समाज में ऐसे भी लोग हैं जो सीमित संसाधन में भी आगे बढ़ जाते हैं. उन्होंने जोर दिया कि विकास के रास्ते संसाधन की कमी बाधा नहीं बननी चाहिए.

उन्होंने कहा, 

"यह जरूरी नहीं कि अच्छे और बड़े स्कूलों में पढ़े हो तो ही जीवन में सफल हो पाएंगे लेकिन सफल होने के लिए यह ज्यादा जरूरी है कि हम क्या कर रहे हैं और किस तरह से कर रहे हैं.देश में 10 फीसदी ही लोग अंग्रेजी बोल पाते हैं और दशमलव एक फीसदी ही लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं और ऐसे में इस क्षेत्र में काम करने की संभावना बहुत है." 

आखिर में उन्होंने कहा कि योर स्टोरी को ऑर स्टोरी तक की लड़ाई लड़नी होगी. तभी जाकर कहीं देश की स्थिति बदलेगी।