15 साल की इस लड़की ने 500 बेघर लोगों के लिए बनाया रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
15 साल की ताविषी सिंह 500 बेघर लोगों की जिंदगी में खुशियां लाने के मिशन पर काम कर रही है। ताविषी उम्र में जितनी छोटी है, सोच और नीयत में उससे कहीं ज्यादा बड़ी।
गुड़गांव में रहने वाली ताविषी ने एक ऐसा प्रॉजेक्ट तैयार किया है जिससे बेसहारा और बेघर लोगों को रोजाना 10,000 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।
आपमें से कितने ऐसे लोग होंगे जो दूसरों की मदद करने के लिए अपनी सुविधा की परवाह नहीं करते? अक्सर लोग किसी की मदद न कर पाने के हजारों बहाने खोज लेते हैं, लेकिन 15 साल की ताविषी सिंह 500 बेघर लोगों की जिंदगी में खुशियां लाने के मिशन पर काम कर रही है। ताविषी उम्र में जितनी छोटी है, सोच और नीयत में उससे कहीं ज्यादा बड़ी। गुड़गांव में रहने वाली ताविषी ने एक ऐसा प्रॉजेक्ट तैयार किया है जिससे बेसहारा और बेघर लोगों को रोजाना 10,000 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस प्रॉजेक्ट का नाम, 'एंडलेस रिवर' यानी कभी न खत्म न होने वाली नदी है।
पाथवेज स्कूल गुड़गांव में रहने वाली ताविषी जब घर से निकलती थी तो उसे रोज रास्तों पर बेसहारा लोग दिखते थे जो झुग्गी बनाकर सड़कों के किनारे रहते हैं। उनके बारे में जब ताविषी ने सोचा तो उसे लगा कि इन लोगों की बिजली पानी जैसी आम जरूरतें कैसे पूरी हो पाती होंगी। ताविषी ने जब उन लोगों को करीब से जानने की कोशिश की तो पता लगा कि उनके पास खाने से लेकर पाने के पानी का संकट रोजाना बना रहता है। इसे दूर करने के लिए ताविषी ने सोचना शुरू कर दिया। वह इन लोगों की समस्या को लेकर काफी व्यथित थी और इन लोगों के लिए कुछ करना चाहती थी।
उसने गुड़गांव के ही एक एनजीओ 'अर्थ सेवियर्स' से संपर्क किया जो कि बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए काम करता है। यह एनजीओ पर्यावरण के हित में चलने वाले अभियानों का भी हिस्सा रहता है। ताविषी जब इन लोगों की पानी की जरूरतें पूरा करने के बारे में सोच रही थी तो उसे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यानी वर्षा के जल का संग्रहण कर उसका उपयोग की विधि सबसे टिकाऊ लगी। लेकिन इसके लिए काफी पैसों की जरूरत थी। ताविषी ने पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए पैसा इकट्ठा करना शुरू किया। उसने अपने दोस्तों की मदद से घर-घर जाकर लोगों से पैसे जुटाने शुरू किया। इस तरह से ताविषी ने 1.78 लाख रुपये इकट्ठा कर लिए।
अपने प्रॉजेक्ट के बारे में बात करते हुए ताविषी कहती है, 'दिल्ली की गर्मी भयंकर असहनीय होती है और उस मौसम में अगर किसी को पानी न मिले तो कल्पना नहीं की जा सकती की उसे किस हद की परेशानी झेलनी पड़ेगी।' यह काम ताविषी के लिए आसान नहीं था। इसके लिए उसने चेन्नई के पर्यावरण और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग विशेषज्ञ शेखर से मदद मांगी। शेखर से मदद लेने के बारे में ताविशी कहती हैं, 'शुरुआती चरणों में उन्होंने मेरी काफी मदद की। उन्होंने मुझे बताया कि सबसे अच्छा और किफायती तरीका क्या हो सकता है।'
एनजीओ के परिसर में ही 20-20 फीट गहरे दो गढ्ढे खोदे गए जिससे ग्राउंड वॉटर को रीचार्ज किया जा सके। इससे सुरक्षित और साफ भूगर्भ जल में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। ताविषी की इस पहल से तीन तरह के लाभ हो रहे हैं। पहला तो इससे हर रोज 10,000 लीटर पानी की सप्लाई हो रही है। दूसरा इससे भगर्भ जल में बढ़ोतरी हो रही है और तीसरा पानी के स्रोत खत्म नहीं होंगे। इस प्रॉजेक्ट को इसी महीने शुरू किया गया है। दिलचस्प बात है कि ताविषी राष्ट्रीय स्तर की तैराक भी है और वह स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में और भी काम करना चाहती है।
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