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नौकरी गई तो दो इंजीनियर बेचने लगे मीट, लोग बोले- 'कोई लड़की शादी नहीं करेगी', आज 4 लाख का है मंथली टर्नओवर

नौकरी गई तो दो इंजीनियर बेचने लगे मीट, लोग बोले- 'कोई लड़की शादी नहीं करेगी', आज 4 लाख का है मंथली टर्नओवर

Monday July 25, 2022 , 4 min Read

कोरोना काल में लाखों-करोड़ों लोग बेरोजगार हुए. कुछ की हालत बद से बदतर हो गई, तो कुछ ने अपनी सकारात्मक सोच से इस आपदा को अवसर में बदल दिया. ऐसी ही सकारात्मक सोच रखते हैं आकाश म्हस्के और आदित्य कीर्तने. इन दोनों दोस्तों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर नौकरी करने लगे. तभी कोरोना ने दस्तक दी और तमाम कंपनियों का काम अचानक से रुक गया. लॉकडाउन लगने की वजह से इन दोनों दोस्तों ने करीब एक महीना तो सिर्फ फिल्में देखकर गुजारा, लेकिन फिर एक और बुरी खबर आई कि कंपनी ने कॉस्ट कटिंग के चलते उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया है.

अब उनके सामने दो रास्ते थे... या तो वह भी हजारों-लाखों बेरोजगार लोगों की तरह टूट जाते और हर नाकामी के लिए दूसरों को दोष देते या फिर कुछ बेहतर करने की सोचते. आकाश और आदित्य ने दूसरा रास्ता चुना. उन्होंने बिजनस करने की सोची और सफल बिजनस करने की कई किताबें भी पढ़ीं. बाजार को भी समझने की कोशिश की. इसी बीच उन्हें औरंगाबाद के कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे मीट और पॉल्ट्री के एक वोकेशनल कोर्स का पता चला. इस कोर्स को करने के बाद आकाश और आदित्य ने बिजनस का पूरा मन बना लिया, जिसके बाद शुरुआत हुई एपेटाइटी (Appetitee) की. अपने मीट बिजनस का नाम उन्होंने एपेटाइट (भूख) और ई (ई-कॉमर्स) को जोड़कर रखा है.

परिवार वाले बोले- कोई लड़की शादी नहीं करेगी...

आकाश और आदित्य ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन बिजनस मीट से जुड़ा हुआ चुना. ऐसे में सबसे पहले तो लोगों ने यही कहा कि जब इंजीनियरिंग की है तो उसी से जुड़ा बिजनस करो. परिवार ने तो यह तक कह दिया कि मीट बेचोगे तो कोई तुम्हारे साथ अपनी लड़की की शादी भी नहीं करेगा. खैर, शुरुआती संघर्ष हर बिजनस के आड़े आता है, जो यहां भी आया, लेकिन जैसे-जैसे बिजनस बड़ा होता गया, परिवार से लेकर दोस्त-रिश्तेदार तक सभी तारीफें करने लगे.

महज 25 हजार रुपये से शुरू किया बिजनस

जब बात बिजनस की आती है तो सबसे पहले पैसों की जरूरत होती है, जिसके बिना बिजनस नहीं हो सकता. आकाश और आदित्य ने अपना बिजनस शुरू करने के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये लगाए. आपको जानकर थोड़ा हैरानी हो सकती है कि यह पैसे भी उन्होंने अपने दोस्तों की सेविंग्स से जुटाए और करीब 100 वर्ग फुट की जगह से अपना बिजनस शुरू किया. आज की तारीख में एपेटाइटी का हर महीने का टर्नओवर 4 लाख रुपये का है.

After losing jobs in pandemic 2 friends started meat venture Apetitee, now having turnover of around rs. 4 lakh a month

फैबी कॉरपोरेशन ने सपनों को दिए पंख

आकाश और आदित्य ने बिजनस तो शुरू कर दिया, लेकिन उनका सपना सिर्फ एक स्टोर तक सीमित नहीं था. ऐसे में फैबी कॉरपोरेशन ने उनके सपनों को पंख दिए और एपेटाइटी में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली. हालांकि, इस स्टार्टअप का नाम वही है जो आकाश-आदित्य ने सोचा था, लेकिन मालिकाना हक फैबी कॉरपोरेशन का है. कंपनी के सीईओ फहाद सैयद बताते हैं कि अभी एपेटाइटी से 25-40 फीसदी तक का मुनाफा मिल रहा है. साथ ही वह कहते हैं कि उनकी कंपनी जीरो वेस्ट के कॉन्सेप्ट पर काम कर रही है, जिसके तहत मीट के बिजनस में निकलने वाला वेस्ट भी किसी न किसी काम में खपा दिया जाता है. मीट से निकले वेस्ट से खाद और कई पेट फूड बनाए जाते हैं, यानी टोटल पैसा वसूल बिजनस मॉडल.

आगे की क्या है प्लानिंग?

फहाद सैयद बताते हैं कि उनका फोकस टीयर2 और टीयर3 शहर हैं, जहां पर मीट का बिजनस पूरी तरह से असंगठित है. वह ऐसे शहरों में मीट के बिजनस को संगठित करना चाहते हैं और इसीलिए एपेटाइटी जैसे स्टार्टअप की मदद करते हैं. अभी तो एपेटाइटी सिर्फ मीट के बिजनस में है, लेकिन आने वाले दिनों में यह डेयरी प्रोडक्ट और वेज प्रोडक्ट्स में भी डील करने की तैयारी कर रही है. बिजनस को और बड़ा बनाने के लिए जल्द ही एक एप्लिकेशन भी लाई जाएगी, जिसके जरिए लोग ऑर्डर कर सकेंगे. साथ ही अगले तीन सालों में करीब 100 दुकानों को रीवैम्प किया जाएगा, ताकि अपनी मौजूदगी लोगों के बीच में मजबूत की जा सके. साथ ही डिलीवरी के लिए आने वाले दिनों में कंपनी अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल भी शामिल करेगी. जैसे-जैसे प्लान आगे बढ़ेगा, सैयद को उम्मीद है कि यह ब्रांड औरंगाबाद में करीब 2500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी देगा.