यूजर्स ग्रोथ से जूझती Meta ने होराइजन वर्ल्ड मेटावर्स ऐप को टीनएजर्स के लिए भी खोलने का फैसला किया
नई स्ट्रैटजी के मुताबिक होराइजन ऐप में अब 13 से 17 साल के बच्चे भी यूजर बन सकते हैं. ऐप अभी फिलहाल 18 साल उससे ऊपर की उम्र के बच्चों के लिए ही है. इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि कंपनी होराइजन वर्ल्ड में 13 से 17 साल के बच्चों के लिए ऐप को मार्च में खोल सकती है.
फेसबुक की पैरंट कंपनी मेटा प्लैटफॉर्म्स इंक अपने होराइजन वर्ल्ड्स मेटावर्स ऐप में कुछ बदलाव कर रही है. कंपनी इस ऐप में ज्यादा से ज्यादा टीनएजर्स और युवाओं को लाना चाहती है.
इसके लिए उसने अपनी सर्विस के डिजाइन में भी फेरबदल किए हैं. दी वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक इस इनीशिएटिव पर काम कर रही टीम को भेजे गए मेमो से यह जानकारी मिली है.
नई स्ट्रैटजी के मुताबिक होराइजन ऐप में अब 13 से 17 साल के बच्चे भी यूजर बन सकते हैं. ऐप अभी फिलहाल 18 साल उससे ऊपर की उम्र के बच्चों के लिए ही है. इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि कंपनी होराइजन वर्ल्ड में 13 से 17 साल के बच्चों के लिए ऐप को मार्च में खोल सकती है.
मेमो ‘होराइजन 2023 गोल्स एंड स्ट्रैटजी’ नाम से भेजे गए मेमो में होराइजन के वाइस प्रेजिडेंट ग्रैब्रिएल औल आउ ने कहा कि टीम को 2023 के पहले 6 महीनों में ये टारगेट पूरा करने का समय दिया गया है. इस दौरान टीम को खासतौर पर टीनएजर्स और युवाओं के यूजर रिटेंशन पर फोकस करने को कहा गया है.
मेमो में औल ने लिखा है, यही वो जेनरेशन हैं जो आने वाले समय में मेटावर्स के असल डिजिटल सिटिजन होंगे. ये जेनरेशन उस समय में बड़ी हो रही है जिनकी जिंदगी में टेक्नोलॉजी एक बड़ा हिस्सा है. लोगों से दूर बैठे-बैठे कनेक्ट होना इस जेनरेशन के लिए आम बात है. इसलिए इन्हें ध्यान में रखकर ऐप पर बदलाव किए जाएंगे.
उन्होंने कहा, 'आज हमारे कॉम्पिटीटर्स इस एज ग्रुप के यूजर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमसे कई गुना ज्यादा अच्छा कर रहे हैं. होराइजन को अगर सक्सेसफुल बनाना है तो हमें इस एज ग्रुप के यूजर्स की जरूरतों के हिसाब से ऐप में बदलाव/अपडेट करने होंगे.'
मेटा के प्रवक्ता ने जो ऑसबॉर्न ने कहा, मेटा के क्वेस्ट वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट को 13 साल से ऊपर की एज ग्रुप के लोगों के हिसाब से ही बनाया गया था. इसलिए कंपनी का होराइज ऐप को टीनएजर्स के लिए भी ओपन करने का फैसला जाहिर सा लगता है.
ऑसबॉर्न ने कहा, टीनएजर्स पहले ही अपना काफी समय क्वेस्ट के साथ वीआर एक्सपीरियंस को दे रहे हैं. हमारा मकसद ये है कि उन्हें हम होराइजन पर भी उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए बनाए गए टूल्स की मदद से अच्छा यूजर एक्सपीरियंस दे सकें.
मेटा मेटावर्स को बनाने में अब तक अरबों डॉलर खर्च कर चुकी है. मेटा ने आने वाले समय में इंटरनेट का एक ऐसा विजन देखा है जिसमें लोगों का वर्चुअल दुनिया में एक दूसरे से इंटरैक्ट करने का तरीका बिल्कुल अलग है.
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी मेटावर्स को कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी का अगला नया फ्रंटियर बता चुके हैं. अकेले 2022 में ही कंपनी अपने रिएलिटी लैब्स डिविजन यूनिट के लिए 15.9 अरब डॉलर खर्च कर चुकी है. इस टीम को मेटावर्स के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बनाने का काम दिया गया है.
इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि होराइजन के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस समय यूजर्स को बनाए रखने की है. प्लेयर्स क्वेस्ट रिएलिटी हेडसेट पर गेम डाउनलोड करते हैं, इसे खेलते हैं लेकिन यहां उन्हें ना तो ऐसा कुछ खास एक्सपीरियंस मिलता है और ना ही कोई साथ खेलने वाले यूजर्स जो उन्हें गेम पर दोबारा लौट कर आने के लिए मोटिवेट करें.
जनवरी में होराइजन का वीकली रिटेंशन रेट 11 फीसदी रहा था. यानी कि इस महीने से 9 में से सिर्फ एक यूजर ने ही गेम को दोबारा खेला. कंपनी का टारगेट इस रेट को बढ़ाकर 20 फीसदी पर लाने का है.
Edited by Upasana