सेना और NDRF को सलाम: 48 घंटे तक बोरवेल में फंसे 18 महीने के बच्चे को जिंदा निकाला
किसी भी तरह की आपदा के वक्त देश के नागरिकों को मुश्किलों और चुनौतियों से बचाने लिए भारतीय सेना और NDRF की टीम हमेशा तत्पर रहती है। हाल ही में सेना और आपदा एवं राहत बल ने हरियाणा के हिसार में 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 18 महीने के बच्चे को सकुशल निकाल लिया। इस ऑपरेशन में 2 दिन का वक्त लगा। बीते सप्ताह निर्माण कार्य में लगे एक मजदूर का बच्चा नदीम खेलते-खेलते हाल ही में खोदे गए एक बोरवेल में जा गिरा।
इसके बाद लोगों में अफरातफरी मच गई। सूचना पाकर NDRF की टीम और भारतीय सेना मौके पर पहुंची और बच्चे को निकालने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया। बुधवार रात सेना के 30 जवान और NDRF टीम के 30 सिपाही इस ऑपरेशन में लगे। शुरू में एक जाल के सहारे बच्चे को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। इसके बाद टीम ने जीपीएस ट्रैकर लगाकर बोरवेल के गढ्ढे में लटकाया ताकि ये जाना जा सके कि नदीम कितनी दूरी पर अटका हुआ है।
जब नदीम की गहराई मालूम हो गई तो बोरवेल से 20 फीट दूर से खुदाई शुरू की गई। लेकिन इसमें एक मुश्किल ये थी कि खुदाई के वक्त होने वाली वाइब्रेशन से बोरवेल में फंसा नदीम और नीचे जा सकता था। यहां तक कि जब बचाव दल की तरफ से एक समानांतर गढ्ढा खोदने का प्रयत्न किया जा रहा था तब ड्रिलिंग मशीन ने काम करना बंद कर दिया और उन्हें फिर दूसरे तरीके से बोरवेल खोदना पड़ा। जब बोरवेल में फंसे नदीम के बराबर गढ्ढा खोद लिया गया तो उस तक पहुंचने के लिए एक सुरंग बनाई गई।
यह सब हो रहा था और साथ ही में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा था कि बच्चे के पास समुचित तरीके से ऑक्सिजन मिलती रहे और नाइट विजन कैमरे की मदद से उस पर नजर भी रखी जा रही थी। इसके साथ ही बच्चे तक खाने के लिए बिस्कुट और जूस भी पहुंचाया जा रहा था। राहत एवं बचाव कार्य में लगी टीम की मेहनत आखिर रंग लाई और बच्चे को सकुशल निकाल लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को निकालने के बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाया गया और उसके इलाज के लिए उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
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