बास्केटबॉल प्लेयर: हादसे ने व्हीलचेयर पर ला दिया लेकिन नहीं मानी हार
हम सबको प्रकृति ने एक दूसरे से अलग बनाया है लेकिन हमारे अंदर एक चीज ऐसी है जो हर किसी में होती है- जीवन जीने की जिजीविषा। हमारे आस पास न जाने कितने ऐसे लोग मिल जाएंगे जो विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों को मात देकर सबके लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है कश्मीर की रहने वाली व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी इंशाह बशीर की। 24 वर्षीय बशीर जम्मू-कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं।
इंशाह जब सिर्फ 15 साल की थीं तभी उनका एक्सिडेंट हो गया था। इस हादसे में उनके स्पाइनल में गहरी चोटें आईं। इस हादसे के एक साल पहले ही उन्हें पेट के अल्सर की शिकायत हुई थी। इसकी वजह से उन्हें खांसी के वक्त खून आता था। कश्मीर के बडगाम जिले की रहने वाली इंशाह को सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाया। वे बताती हैं, 'मैं उस वक्त 12वीं में थी जब ये हादसा हुआ था। रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से मुझे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। बडगाम में चिकित्सा सुविधाओं के आभाव में मेरे परिवार को भी कष्ट सहना पड़ा।'
लेकिन अच्छी बात ये थी कि इंशाह का साथ देने के लिए उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा। इंशाह को कम उम्र से ही बास्केटबॉल खेलने का शौक था। हादसे के बाद व्हीलचेयर पर आ जाने के बाद भी इंशाह का ये जुनून खत्म नहीं हुआ और उन्होंने इसे खेलते रहने का फैसला किया। कश्मीर में खेल में कम लड़कियां होने की वजह से इंशाह को लड़कों के साथ प्रैक्टिस करनी पड़ती थी।
वे कहती हैं, 'मैंने कई लोगों को देखा जो मुझसे भी बुरी हालत में थे और बास्केटबॉल खेल रहे थे। उन्होंने मुझसे आग्रह किया कि मैं उनकी टीम जॉइन करूं। पहले तो मुझे लगा कि मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगी लेकिन मैंने कर दिखाया। मुझे ये खेल पसंद है और इसे व्हीलचेयर पर खेलने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती।' 2017 में इंशाह राष्ट्रीय स्तर पर 'रेस्ट ऑफ इंडिया' में सेलेक्ट हुई थीं।
संघर्ष के आठ सालों के बाद इंशाह को अमेरिका द्वारा स्पोर्ट्स विजिटर प्रोग्राम में शिरकत के लिए नॉर्थ कैरोलिना में आमंत्रित किया गया। यह उनके लिए बेहद खुशी और भावुक कर देने का क्षण था। आपको बता दें कि आम खिलाड़ियों की तरह इंशाह भी हर रोज जिम जाती हैं। इंशाह अपनी जिंदगी से चलकर भारत की लड़कियों को स्पोर्ट्स में आने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
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