अब क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने पर मिलेगा फिक्स ब्याज, 14 फीसदी रिटर्न
क्रिप्टो स्टार्टअप weTrade ने बताया कि यूजर्स जैसे ही weSave प्लेटफॉर्म के जरिए से क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, उस दिन के से ही उन्हें एवरेज बैलेंस के आधार पर ब्याज मिलना शुरू हो जाता है.
बेंगलुरु बेस्ड क्रिप्टो स्टार्टअप weTrade ने weSave ऐप लॉन्च किया है. यह एक ऐसी सुविधा, जो यूजर्स को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर एक फिक्स ब्याज देगी. कंपनी ने कहा कि यूजर्स हर साल 14% फीसदी तक ब्याज का फायदा उठा सकते हैं. यह ब्याज रोज खाते में जमा होगा. इसके अलावा यह ब्याज टीडीएस मुक्त होगा और इसमें लॉक-इन टाइम नहीं होगा.
क्रिप्टो स्टार्टअप weTrade ने बताया कि यूजर्स जैसे ही weSave प्लेटफॉर्म के जरिए से क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, उस दिन के से ही उन्हें एवरेज बैलेंस के आधार पर ब्याज मिलना शुरू हो जाता है. इस ब्याज को यूजर के पोर्टफोलियो में डेली बेसिस पर जमा किया जाता है. कोई लॉक-इन अवधि नहीं होने के कारण उपयोगकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार अपना निवेश निकाल सकते हैं.
यूजर्स को मिलेगा 14% का फिक्स रिटर्न
कंपनी ने बताया कि इसके जरिए कमाए गए ब्याज पर कोई टीडीएस लागू नहीं होता है और यूजर्स को टीडीएस शुल्क को कवर करने के लिए बिक्री के पॉइंट पर कैशबैक भी मिलता है. कंपनी ने आगे बताया कि यूजर्स शुरुआत में पहले दो महीनों के लिए 14% और बाद में 12% के फिक्स रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं.
सुरक्षित रहेगा पैसा
WeTrade के फाउंडर और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा, “नया WeSave फीचर प्लेटफॉर्म के लिए एक निश्चित अंतर है. यह अपनी तरह की पहल प्लेटफॉर्म है, जो यूजर को उनके क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट पर ब्याज प्राप्त करने का अवसर देता है. हमारा प्रयास हमेशा अच्छा रिटर्न और उद्योग के पहले उपहार प्रदान करना है. कंपनी ने का कहना है कि वीसेव में ग्राहक संपत्ति सुरक्षित बनाए रखने के लिए सुरक्षा के उच्चतम स्तर को बनाए रखते हैं.”
इसी साल शुरू हुई है कंपनी
WeTrade की स्थापना 2022 में प्रशांत कुमार द्वारा की गई थी, जो एक टेक्नोलॉजी दिग्गज थे, जिन्होंने फ्लिपकार्ट होलसेल के लिए इंजीनियरिंग का नेतृत्व किया था. कंपनी ने फ्लिपकार्ट के पूर्व सीटीओ रवि गरिकीपति को अपने निदेशक मंडल में नियुक्त किया है.
आपको बता दें कि इस साल अगस्त महिने में युनाइटेड नेशंस द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में 7 फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है.
वहीं, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (GST) पॉलिसी विंग क्रिप्टो इकोसिस्टम पर टैक्स लगाने के बारे में विचार कर रही है. विंग इस इकोसिस्टम का एनालिसिस कर रही है. यह क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स के लिए माइनिंग प्लेटफॉर्म और टैक्स नेट के तहत खरीदारी को रेग्यूलेट करने के माध्यम के रूप में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (virtual digital assets - VDAs) के उपयोग जैसी अधिक गतिविधियों को लाने की तलाश कर रही है.