जानिए, भारत में टेक स्टार्टअप्स के लिए सबसे अच्छी जगह क्यों है बेंगलुरु
भारत के पेंशनरों का स्वर्ग बेंगलुरु, देश की प्रौद्योगिकी राजधानी (technology capital) में बदल गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह तकनीक-संचालित इनोवेशन के मामले में सबसे आगे है। ये शहर स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक जीवंत गंतव्य है। साइंस के लिए समर्पित टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) लंबे समय से शहर की पहचान है।
हालांकि 1909 में स्थापित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) इस बात का प्रमाण है कि शहर में तकनीक का गहरा प्रभाव क्यों है।
हालाँकि, बेंगलुरू के आईटी हब बनने के पीछे केवल शैक्षणिक संस्थान का होना ही नहीं बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों जैसे- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुख्यालय का बेंगलुरु में होना और रक्षा उद्योग की प्रयोगशालाएँ का यहां होना एक बड़ा कारण था। इन सभी के बेंगलुरु में होने के कारण इसे आईटी हब का दर्जा मिला और जिसका नतीजा ये निकला कि ज्यादा से ज्यादा तकनीकी स्टार्टअप शहर की तरफ खिंचे चले आए।
प्रमुख इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स Accel, 3one4 Capital, Ideaspring Capital, और कर्नाटक में स्टार्टअप्स की स्थिति पर कर्नाटक सरकार' द्वारा की गई बेंगलुरु इनोवेशन रिपोर्ट 2019 के मुताबिक ये शहर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन है जो टेक्नोलॉजी में उद्यम शुरू करना चाहते हैं।
एरिन कैपिटल के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई कहते हैं,
“100,000 से अधिक पीएचडी धारक, देश भर के टॉप टेक्निकल टैलेंट, और टेक्नोलॉजी में काम करने वाले दो मिलियन लोग इस शहर में काम करते हैं, इस शहर में भारत में सबसे ज्यादा खुले दिल से स्वागत करने वाली संस्कृति को अपनाया जाता है। भारत दुनिया में क्या योगदान दे सकता है, इसका एक उदाहरण है हमारे सबसे अच्छे लोगों द्वारा बनाया गया एक सच्चा पारिस्थितिकी तंत्र। बेंगलुरू भारत के शानदार युग में इनोवेशन के एपिकसेंटर के रूप में नेतृत्व करेगा, और मुझे इस भविष्य का स्वागत करने के लिए बौतर बैंगलोरियन वास्तव में गर्व है।"
योगदान देने वाले कारक
बेंगलुरु में ये शानदार टेक्नोलॉजी बेस ऐसे ही नहीं बना है। इसके लिए वर्षों से कई सारे कदम उठाए गए हैं- चाहे वह सरकार की नीतियों के संदर्भ में हो, इंजीनियरिंग कॉलेजों की बड़ी संख्या और आसानी से उपलब्ध प्रतिभा हो, या फिर मिलेनियल फ्रेंडली माहौल हो।
जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, 2035 तक बेंगलुरु की जीडीपी 8.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। यह 2019 और 2035 के बीच विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में भी होगा।
बेंगलुरु को देश के सबसे मिलेनियल फ्रेंडली सिटी के रूप में भी स्थान दिया गया है। बेंगलुरू में 15 से 35 वर्ष के लोगों की आबादी 37 है। इसके साथ, शहर में एक बड़ा तकनीकी टैलेंट पूल है क्योंकि यह हर साल 90,000 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए 100 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों का घर है। इसके समानांतर, बेंगलुरु को टेक्नोलॉजी कैपिटल के रूप में बढ़ावा देने और दिखाने के लिए राज्य सरकार की नीतियां और समग्र प्रोत्साहन रहा है।
सरकारी समर्थन
कर्नाटक सरकार के उप-मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एंव जैव प्रौद्योगिकी, विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी व कौशल विकास, उद्यमिता और आजीविका मंत्री डॉ. अश्वतनारायण सीएन कहते हैं,
“बेंगलुरु की जीवंत स्टार्टअप संस्कृति ने अपनी मजबूत विकास गति को बनाए रखा है, इसके अलावा ये शहर दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का घर है। घरेलू और वैश्विक स्तर पर, बेंगलुरु के स्टार्टअप्स के पैमाने में वृद्धि, साथ ही शहर के उद्यमियों की महत्वाकांक्षा और ड्राइव पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। हम वास्तव में पिछले 10 वर्षों में बहुत आगे आ गए हैं, और हमने असाधारण कंपनियों और संस्थापकों का उत्पादन करना जारी रखा है जो अपने संबंधित उद्योगों में बड़ा नाम बन सकते हैं।”
अन्य महत्वपूर्ण कारक जिसने बेंगलुरु को टेक्नोलॉजी से संबंधित गतिविधि के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनाया है उनमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की उपस्थिति है, जिसमें भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) दोनों शामिल हैं।
आर एंड डी इम्पैक्ट
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु और बाकी के कर्नाटक में 400 आर एंडडी सेंटर और 85 चिप डिजाइनिंग हाउस हैं। भारत में लगभग 60 प्रतिशत जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों का आधार बेंगलुरु में है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि फॉर्च्यून 500 कंपनियों के 25-30 प्रतिशत के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) की स्थापना के लिए भारत पसंदीदा स्थान है।
34 प्रतिशत जीसीसी के साथ बेंगलुरु भारत में सबसे पसंदीदा जीसीसी स्थान है। इस तरह के केंद्रों की उपस्थिति प्रौद्योगिकी क्षमता बनाने के साथ-साथ अनुभवी तकनीक संसाधनों के बढ़ते पूल के साथ, शहर के लिए एक अमूल्य योगदान देती है।
Axilor Ventures वेंचर्स के चेयरमैन एस गोपालकृष्णन कहते हैं,
“बेंगलुरु का इकोसिस्टम अद्वितीय है - स्टार्टअप्स, डोमेस्टिक एंड मल्टीनेशनल कारपोरेशन्स, अकैडमिक और इंडस्ट्री, डिफेंस, प्रोडक्ट और यूजर ऑर्गनाइजेशन्स- ये सभी एक मेट्रोपोलिटन सिटी में एक साथ मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि भविष्य के इनोवेशन बेंगलुरू में ही प्लान और डेवलप किए गए हैं और इनका इस्तेमाल भी पहले यहीं बेंगलुरु में ही किए जाएगा। इसीलिए शहर में प्रतिभाओं के विकास पर विचार किया जा रहा है।”
इस इकोसिस्टम का स्टार्टअप समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, जीसीसी-स्टार्टअप इंगेजमेंट अपने इनोवेशन एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल एंटरप्राइजेज के लिए एक मेनस्ट्रीम ऑपरेशन मॉडल बन रहा है।
रिपोर्ट कहती हैं,
"यह स्पष्ट है कि जीसीसी द्वारा बड़ी संख्या में कॉर्पोरेट एक्सीलेटर स्थापित किए जा रहे हैं क्योंकि वे एंटरप्राइजेज समस्याओं के लिए 'स्टार्टअप' सलूशन खोजते हैं।"
IISc में INAE के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकीविद् डॉ. विजय चंद्रू कहते हैं,
“बेंगलुरु में लगभग पांच दशकों से टेक्नोलॉजी इनोवेशन की संस्कृति रही है। इकोसिस्टम काफी सफल उद्यमियों और टेक एग्जीक्यूटिव के साथ काफी विकसित और मजबूत है, जिन्होंने निवेशक पूल बनाए हैं जो डीप टेक, हेल्थ और दूसरों के बीच फिनटेक में विविध प्रकार के तकनीकी स्टार्टअप का समर्थन करते हैं। उद्यम और प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स कम से कम एक-दो दशकों से पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय हैं।"
टेक स्टार्टअप के लिए डेस्टीनेशन
शहर में इस तकनीकी विकास का प्रभाव वास्तविक संख्या में दिखाई देता है। रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु ने 2016 के बाद से बड़ी संख्या में टेक स्टार्टअप दर्ज किए हैं। ये संख्या मुंबई और दिल्ली दोनों में स्थापित किए गए स्टार्टअप्स से ज्यादा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप्स ने 2016 से दिल्ली और मुंबई को मिला दें तो भी उनसे ज्यादा फंड जुटाया है। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप्स ने 2010 के बाद से 30।57 बिलियन डॉलर जुटाए और पिछले चार सालों में यह 20.1 बिलियन डॉलर है।
जेस्ट मनी के सह-संस्थापक लिजी चैपमैन कहते हैं, “एक फिनटेक के रूप में, हम हमेशा से ही बेंगलुरु की टेक दुनिया और मुंबई की वित्तीय दुनिया में विस्तार कर रहे हैं। लेकिन बेंगलुरु में हमारा हब होना कोई चर्चा की बात नहीं थी। हमें पता था कि हमें सैकड़ों प्रतिभाशाली कुशल इंजीनियरों और डेटा साइंटिस्ट को नियुक्त करने की आवश्यकता होगी, और बेंगलुरु वह स्थान होगा जहां वे होना चाहते हैं। प्रतिभा प्रतिभा को आकर्षित करती है और यहां तकनीकी प्रतिभा का समुदाय दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। यह तेजी से विचार-साझाकरण और निरंतर सकारात्मक सुदृढीकरण की ओर जाता है।”
बेंगलुरु में स्टार्टअप इकोसिस्टम की इस यात्रा में शहर में डीप टेक और आईपी डेवलपमेंट का इवैल्यूएशन हुआ है। बेंगलुरु स्थित डीप-टेक और लाइफ साइंस स्टार्टअप्स में सर्वश्रेष्ठ इन-क्लास एकेडेमिया और टैलेंट की विशाल उपस्थिति के कारण इसमें निवेशकों को आकर्षित करना का अच्छा रेट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीप टेक, हेल्थ टेक और फिनटेक सेक्टर की हर चार कंपनियों में से एक बेंगलुरु में पैसा जुटा सकती है।
बेंगलुरु में स्टार्टअप इकोसिस्टम आगे बढ़ना करना जारी रखेगा, नए ग्राउंड्स को तोड़ेगा और नए इनोवेशन का निर्माण करेगा। आने वाले वर्षों में इस शहर के और चमकने की उम्मीद है। इस यात्रा में, राज्य सरकार को भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, जो इन युवा कंपनियों के पोषण के महत्व को समझती है।
मंत्री अश्वत्तनारायण कहते हैं, “सफल उद्यमियों का उत्पादन करने के लिए एक शहर के लिए, उसे सही नीति समर्थन और संबद्ध बुनियादी ढांचा प्रदान करना होगा जो इनोवेशन का पोषण कर सके। स्टार्टअप कर्नाटक प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप विजन ग्रुप-कर्नाटक के निर्माण के साथ, हमने नीति निर्माण के लिए एक मजबूत रूपरेखा तैयार करने में मदद करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के सबसे शानदार लोगों को एक साथ लाने का लक्ष्य रखा है जो विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के लिए अपनी प्रतिक्रिया में लचीला हो सकता है, लेकिन साथ ही साथ सभी हितधारकों के लिए निष्पक्ष भी।"