Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

बिहार के बेटे को मिला ओबामा से मिलने का मौका, समाज में बदलाव लाने की है चाहत

बिहार के बेटे को मिला ओबामा से मिलने का मौका, समाज में बदलाव लाने की है चाहत

Thursday November 30, 2017 , 4 min Read

दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास्टर इन सोशल वर्क की पढ़ाई करने वाले राकेश को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने का मौका मिला है। 

राकेश (फाइल फोटो)

राकेश (फाइल फोटो)


सामिजिक बदलाव की तमन्ना लिए राकेश इन दिनों दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं और वह ओबामा फाउंडेशन के साथ जुड़े हैं। 

ओबामा के भारत दौरे से पहले ओबामा फाउंडेशन ने एक बयान जारी किया। इसमें भारत की काफी तारीफ की गई है। ओबामा के बयान के मुताबिक भारत कल्चर, लैंग्वेज और जनजातीय आधार पर बहुत विविधताओं वाला देश है। 

समाज को बदलने की चाहत किसे नहीं होती, लेकिन कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो अपने प्रयास में सफल हो पाते हैं। बिहार के भागलपुर के सरकंडा गांव के रहने वाले राकेश ने इस सपने को साकार कर दिखाया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास्टर इन सोशल वर्क की पढ़ाई करने वाले राकेश को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने का मौका मिला है। सामिजिक बदलाव की तमन्ना लिए राकेश इन दिनों दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं और वह ओबामा फाउंडेशन के साथ जुड़े हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की बात करने वाले राकेश ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो हमेशा से सुविधाओं से विपन्न रहा है।

इस साल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जर्मनी, इंडोनेशिया और ब्राजील में युवा प्रतिनिधियों के साथ सम्मेलन की मेजबानी की है। इसके बाद उन्होंने भारत आने की घोषणा की है। अब वो भारत आ रहे हैं। राकेश ग्रामीण भारत के लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी पर डिजिटल संग्रहालय बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वे सम्मेलन में बिहार के ग्रामीण अंचल में शिक्षा, आजीविका और मानवाधिकार जैसे सामाजिक सरोकारों को सामाजिक उद्यमिता और सामुदायिक विकास के तहत समाधान की अपनी परियोजना पेश करेंगे। जिसे ओबामा फाउंडेशन सामाजिक बदलाव के लिए प्रयासरत उभरते युवाओं को सहयोग देगा।

ओबामा फाउंडेशन नई दिल्ली के पहले बर्लिन, जकार्ता और साउ पाउलो में इवेंट कर चुका है। नई दिल्ली में होने वाले प्रोग्राम को Obama.org पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। ओबामा के भारत दौरे से पहले ओबामा फाउंडेशन ने एक बयान जारी किया। इसमें भारत की काफी तारीफ की गई है। ओबामा के बयान के मुताबिक भारत कल्चर, लैंग्वेज और जनजातीय आधार पर बहुत विविधताओं वाला देश है। इसका लोकतंत्र हमें सिखाता है कि कैसे इतनी विविधताओं के बावजूद यहां कई कम्युनिटीज एक साथ रहती हैं। भारत की कुल आबादी में ज्यादातर लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। ये लोग देश में पॉजिटिव चेंज लाने के लिए नए तरीके आजमा रहे हैं। ये सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी फायदेमंद होंगे।

बिहार के रहने वाले राकेश की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा बिहार के एक अति पिछड़े इलाके में हुई है, लेकिन अपनी मेधा के बलबूते उन्होंने अपना मुकाम बनाया है। वे अपने पिता के सपने को साकार कर रहे हैं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल आने वाले राकेश ने दिल्ली के प्रतिष्ठित मीडिया इंस्टीट्यूट की परीक्षा पास की थी, लेकिन सामाजिक कार्यों में रुचि रखने की वजह से उन्होंने मास्टर इन सोशल वर्क का कोर्स करने का फैसला किया। इसी बीच उन्हें ओबामा फाउंडेशन के बारे में पता चला और वे इससे जुड़ गए। अब वे सामाजिक उद्यम के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।

राकेश हमेशा से ही सामाजिक कार्यों के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं। वे जमीन पर उतर कर काम करना चाहते हैं। वे बिहार के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। राकेश खुद को बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर से प्रेरित बताते हैं। उनका मानना है कि हम जो कुछ भी हैं उन्हीं की बदौलत हैं। अमेरिका के इस पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि मैं उन लोगों से बातचीत करना चाहता हूं जो पूरे भारत में बेहतरीन काम कर रहे हैं। 

ओबामा ने कहा है कि हम भारत के हर हिस्से में काम रहे यंग लीडर्स से बातचीत के लिए एक टाउन हॉल ऑर्गनाइज करने जा रहे हैं। इस दौरान ये यंग लीडर्स मुझे बताएंगे कि उन्होंने अपनी कम्युनिटीज को बेहतर बनाने के लिए क्या काम किए या कर रहे हैं। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपतियों के विदेश दौरे की परंपरा रही है। विदेश दौरे के दौरान वे खासकर अपने फाउंडेशन और संस्थाओं के लिए चंदा और अन्य सहायता पाने के लिए काम करते हैं।

यह भी पढ़ें: ये हैं हैदराबाद GES में शामिल होने वाले सबसे युवा उद्यमी