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भारतीय इंजीनियरों के लिए सुनहरा अवसर, Boeing और Airbus बड़ी संख्या में करेंगी हायरिंग

कोविड-19 महामारी के बाद और नई एयरलाइन सेवाओं के आने के कारण विमान निर्माताओं के पास बढ़ी संख्या में ऑर्डर आ रहे हैं. ऐसे समय में विमान निर्माता कंपनियों के लिए भारत इंजीनियरों की भर्ती के लिए सही जगह है, क्योंकि यहां हर साल 15 लाख से अधिक इंजीनियरिंग छात्र ग्रेजुएट होते हैं.

भारतीय इंजीनियरों के लिए सुनहरा अवसर, Boeing और Airbus बड़ी संख्या में करेंगी हायरिंग

Friday March 17, 2023 , 2 min Read

दिग्गज अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग और यूरोपीय कंपनी एयरबस के पास विमानों की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होने और भारत में विनिर्माण क्षेत्र में उपस्थिति बढ़ाने के बाद कुशल और लो-कॉस्ट इंजीनियरों के लिए भारत की तरफ देख रहा है. एयरबस दुनियाभर में 13000 कर्मचारियों की हायरिंग की तैयारी कर रहा है जिसमें से 1000 लोगों की हायरिंग भारत से की जाएगी.

वहीं, अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग के भारत हेड सलिल गुप्ते ने एक इंटरव्यू में बताया कि बोइंग और उसके आपूर्तिकर्ता पहले ही देश में 18000 लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं और हर साल अपने कर्मचारियों की संख्या में 1500 की बढ़ोतरी कर रहे हैं.

कोविड-19 महामारी के बाद और नई एयरलाइन सेवाओं के आने के कारण विमान निर्माताओं के पास बढ़ी संख्या में ऑर्डर आ रहे हैं. ऐसे समय में विमान निर्माता कंपनियों के लिए भारत इंजीनियरों की भर्ती के लिए सही जगह है, क्योंकि यहां हर साल 15 लाख से अधिक इंजीनियरिंग छात्र ग्रेजुएट होते हैं.

सैलरी के आंकड़े जुटाने वाली ग्लासडूर के अनुसार, बोइंग अमेरिकी राज्य सिएटल में इंजीनियरों की हायरिंग पर जितनी राशि खर्च करेगी, उसी पोस्ट पर बेंगलुरु में हायरिंग पर उसका केवल 7 फीसदी खर्च करेगी.

गुप्ते ने बताया कि भारत, दुनिया में बोइंग के कर्मचारियों का दूसरा सबसे बड़ा हब है. वहीं, पिछले महीने बेंगलुरु में हुए एयरो इंडिया शो में उन्होंने कहा था कि कंपनियां न केवल टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर में, बल्कि हार्ड इंजीनियरिंग और तेजी से निर्माण में भी नवाचार में अविश्वसनीय प्रतिभा के लिए भारत आती हैं.

हायरिंग को बढ़ाने के साथ-साथ, बोइंग और एयरबस भी भारत में कुछ प्रोडक्शन स्थापित कर रहे हैं, जो खुद को चीन के विकल्प के रूप में पेश कर रहा है.

बोइंग ने 10 मार्च को जीएमआर एयरो टेक्निक लिमिटेड के साथ हैदराबाद में यात्री जेट विमानों को मालवाहकों में बदलने के लिए एक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए, जहां पहले से ही विमानों को स्थिर करने वाले वर्टिकल फिन्स बनाने की सुविधा है. प्लांट, 900 से अधिक इंजीनियरों और तकनीशियनों को रोजगार देता है, दुनिया भर के ग्राहकों के लिए बोइंग एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर स्ट्रक्चर का निर्माण भी करता है.

बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग सेंटर में एयरबस के 700 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. वहीं, बेंगलुरु के साथ-साथ राजधानी नई दिल्ली में उसकी कस्टमर सर्विसेज में 150 से अधिक अन्य लोग काम करते हैं.


Edited by Vishal Jaiswal